भोपाल। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने 30 जून 2024 तक एक ही जिले में 3 साल की पद स्थापना पूरी करने वाले अफसर को हटाने के निर्देश दिए हैं. अभी तक चुनाव आयोग पुलिस और राजस्व के अधिकारियों को ही ट्रांसफर में शामिल करता था, लेकिन पहली बार आबकारी विभाग के स्टाफ को भी बदला जाएगा. चुनाव आयोग ने आबकारी विभाग में भी 3 साल से एक ही स्थान पर जमे अफसर को हटाने के आदेश दिए हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने अफसरों की पदस्थापना को लेकर गाइडलाइन जारी करते हुए मुख्य सचिव को एक ही स्थान पर 3 साल पूरे करने वाले अफसर को हटाने के निर्देश दिए हैं.
पहली बार आबकारी विभाग के अधिकारी हटेंगे
अभी तक चुनाव से आबकारी विभाग को दूर रखा जाता था. चुनाव के वक्त आबकारी विभाग के 3 साल से एक ही स्थान पर तैनात सब इंस्पेक्टर और इसके ऊपर के अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई पहली बार होगी. चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि तबादला एक ही एसपी के अधीन नहीं किया जाएगा. छोटा जिला होने पर उसे अन्य जिले में भेजा जाएगा. साथ ही इनकी पदस्थापना गृह जिले में नहीं की जाए. आयोग के इस फरमान से आबकारी विभाग के अफसर में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है. चुनाव आयोग के इस आदेश से प्रदेश का 90 फीसदी स्टॉफ प्रभावित होगा. आबकारी विभाग के अधिकांश अफसर कई सालों से एक ही जिले में पदस्थ हैं. यहां तक की राजधानी भोपाल में भी 24 में से सिर्फ तीन या चार अफसर ही तबादले से बच पाएंगे.
चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक मांगी रिपोर्ट
चुनाव आयोग ने राज्यों की मुख्य सचिवों और डीजीपी से 31 जनवरी 2024 तक अनुपालन रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है. अपने निर्देश में आयोग ने कहा है कि लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को खत्म हो रहा है. इसलिए आयोग ने निर्णय लिया है कि केंद्र शासित राज्यों और राज्यों में गृह जिलों में पदस्थ अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई समय पर की जाए. चुनाव से सीधा संबंध रखने वाला कोई भी अधिकारी को उस जिले में पदस्थ नहीं रहेगा, जो उनका गृह जिला हो.
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इसके साथ ही अगर संबंधित अधिकारी पिछले 4 साल के अंतराल में प्रतिस्थापन वाले जिले में 3 साल पूरे कर चुका है, या उसे 30 जून को उसके 3 साल पूरे होने वाले हैं, तो ऐसे अधिकारी को पोस्टिंग के वर्तमान जिले में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी अधिकारी का प्रमोशन होने के बाद अगर संबंधित जिले में 3 साल पूरे हो रहे हैं तब भी उसे हटाया जाएगा.