भोपाल। कांग्रेस की राजनीति में दिग्विजय सिंह वो राजनेता हैं, जो कुछ भी कह सकते हैं. लेकिन बेमतलब दिग्विजय कुछ कहते नहीं ये भी सोलह आने सही है. अभी दो महीने पहले बजरंग दल को गांजा बेचने वालों का समूह बताने वाले दिग्विजय सिंह ने अगर यूटर्न लिया है और बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग होते हैं ये सर्टिफिकेट दे दिया है. तो दिग्विजय सिंह ने इस बयान के असर भी देख लिए होंगे, लेकिन बजरंग दल पर उनकी इस दरियादिली से हिंदुत्व की राजनीति फिर गरमा गई है. विश्व हिंदू परिषद ने दिग्विजय सिंह को दिग्भ्रमित बताया है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल का कहना है कि "कभी बजरंग दल को आतंकी कहने वाले अपनी कथनी और करनी का अंतर देख लें."
बजरंग दल पर दिग्विजय का बदलता चश्मा: बजरंग दल कभी दिग्विजय सिंह के लिए वो विषय रहा है, जिसे लेकर कहा जा सकता है कि उन्होंने सर्वाधिक विवादास्पद बयान बजरंग दल को लेकर ही दिए हैं. लेकिन अब चुनाव के पहले बजरंग दल पर दिग्विजय का यूटर्न बता रहा है कि हिंदुत्व की राह पर बढ़ी कांग्रेस को सब मंजूर है, वो भी जिनसे ये पार्टी किनारा करती रही है. तो एमपी में सत्ता में आने पर बजरंग दल बैन नहीं लगेगा, ये दरियादिली दिखाने वाले दिग्विजय किसे साध रहे हैं. हांलाकि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई थी तो कमलनाथ के शुरुआती फैसलों में आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध भी था, सरकारी भवनों में भी आरएसएस की शाखा नहीं लगाई जा सकती थी.
दिग्विजय अपनी कथनी करनी का फर्क देख लें: विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि "ये गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले लोग हैं, ये वो दिग्भ्रमित नेता हैं जो ना सिर्फ स्वयं को बल्कि देश के नागरिकों को भी भ्रम में रखकर अपनी काली करतूतों को छिपाने की कोशिश में लगे हैं. कभी बजरंग दल को आतंकी कहने वाले, कर्नाटक में बजरंग दल को लेकर दुस्साहस पूर्ण बयान देने वाले आगामी चुनाव में दिखाई दे रही हार के बाद अपना रंग बदलने की कोशिश कर रहे हैं. कभी कमलनाथ, बाबा बागेश्वर धाम के धाम पहुंचते हैं, कभी दिग्विजय सिंह, बजरंग दल पर विश्वास जताने का नाटक करते हैं. ऐसे नेता और ऐसी पार्टी को मध्यप्रदेश ही नहीं संपूर्ण देश नकार चुका है, इनके झांसे में कोई फंसने वाला नहीं है. ये वो पार्टी है जो गौ हत्यारों और गौ भक्षकों के साथ खड़ी दिखाई देती है. ऐसे लोगों से बजरंग दल का भला क्या रिश्ता हो सकता है, कांग्रेस को अपनी कथनी करनी ठीक कर लेना चाहिए."