भोपाल। बीजेपी हाईकमान एमपी में 2018 नहीं दोहराना चाहता, यही वजह कि एमपी की चुनावी कमान अमित शाह और मोदी ने अपने हाथ में ले रखी है. चुनाव के दो महीने पहले 78 प्रत्याशियों की सूची ने बीजेपी के इरादे साफ कर दिए हैं कि वो हर हाल में 2023 का चुनाव जीतना चाहती है. भोपाल में अभी महीने भर पहले बीजेपी शासित राज्यों से विधायकों को बुलाया गया था, मकसद था इनके जरिए पार्टी के अंदर का मिजाज समझना और प्रत्याशी की मैदानी तैयारी. अब प्रवासी कार्यकर्ताओं में एमपी भेजा गया है.
बीजेपी के प्रवासी कार्यकर्ता निभायेंगे अहम भूमिका: बीजेपी के प्रवासी कार्यकर्ता वो हैं जो पूरे देश भर के कार्यकर्ता है. हर जिले में हर संभाग में इनको जाना है, इन सबको देखते हुए बीजेपी ने वर्कशॅाप का आयोजन किया, जिसमें इन्हें बताया गया कि बीजेपी की जीत को लेकर क्या प्लानिंग हैं. इस बैठक में देश भर चयनित ऐसे कार्यकर्ता जो संगठन के काम में निपुण हैं, चुनाव की रणनीति को देखते आए ये ऐसे कार्यकर्ता हैं जो की चुनावी बारीकियां जानते हैं और इनका चुनावों को लेकर खासा अनुभव है, प्रदेश इनके चुनावी अनुभव का फायदा लेगा. ऐसे सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता सहयोग के नाते से मध्यप्रदेश के चुनाव में प्रत्येक जिले में और संभाग के स्तर पर अपनी भूमिका निभायेंगे. ये वो कार्यकर्ता है जिनका मध्यप्रदेश के चुनाव में योग्यता और अनुभव है, उनका भरपूर उपयोग पार्टी लेगी. इनका काम मध्यप्रदेश के कार्यकर्ताओं को ताकत देना और उनके अनुभवों का लाभ दिलाना होगा.
कांग्रेस होगी चारों खाने चित: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा का कहना है कि "हम प्रवासी कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हैं, ये सभी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पर काम करेंगे. केंद्र नेतृत्व ने उन्हें यहां पर मध्यप्रदेश के चुनाव को ओर ताकत देने के लिए इस व्यवस्था में भेजा है, इसलिए वे सभी कार्यकर्ता अपने-अपने जिले में जाएंगे और चुनावी बिसात में अहम भूमिका निभायेंगे. आने वाले चुनाव में इन सभी कार्यकर्ता और सहयोग से हम ऐतिहासिक बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे, वहीं ये कांग्रेस को चारों खाने चित करने का काम भी करेंगे.
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क्या कहेंगे क्षेत्रों में जाकर प्रवासी कार्यकर्ता: प्रवासी कार्यकर्ताओं का मकसद केंद्र को रिपोर्ट करने का है, प्रत्येक बूथ पर प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति को जमीन तक ले जाने में इनकी भूमिका अहम होगी. प्रत्येक बूथ पर चुनाव जीतना है, चुनावी रणनीति में इन सभी का सहयोग लेकर मध्यप्रदेश में सरकार बनाने की प्लानिंग की गई है.
एमपी में बीजेपी ने 78 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा: प्रवासी कार्यकर्ता चुनाव तक यहीं रुकेंगे और जानेंगे कि प्रत्याशी को लेकर जनता की क्या राय है. इनके कौन से कमजोर पहलू हैं और इन कमजोर पहलुओं को कैसे मजबूत किया जाएगा. बता दें कि बीजेपी ने दो सूचियों में 78 प्रत्याशियों को उतार दिया है, bjp ने ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिनकी मजबूत स्थिति है. सांसद और केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा है, पार्टी ने 103 सीटों को चुना है, इन सीटों पर कांग्रेस जीतती आई है या फिर एक दो बार से जीतती चली आ रही है.