भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान हो चुका है. प्रदेश में केवल एक पोलिंग बूथ अटेर के किशुपुरा में मंगलवार को फिर से मतदान कराया गया. प्रदेश में सभी जिला मुख्यालय पर स्ट्रांग रूम बनाकर एवीएम (EVM) मशीन एवं डाक मत पत्रों को सुरक्षित रखवा दिया गया है. सारी EVM को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है, जहां सुरक्षा बलों द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है. 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना की तैयारी को लेकर चुनाव आयोग लगातार प्रदेश भर में मॉनिटर कर रहा है. मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने इस संबंध में जानकारी दी.
एनकोर एप्प के जरिए मिलेगा लाइव रिजल्ट: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग की तरफ से एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है. इसका नाम है एनकोर, इसमें इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी होने वाले पल के डेवलपमेंट्स लाइव दिखेंगे. कौन उम्मीदवार आगे है और कौन किस चक्र में पीछे चल रहा है सबकी रीयल टाइम स्ट्रीमिंग होगी. यह ऐप पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान लॉन्च किया गया था.
52 जिलों में मतगणना की तैयारी: मुख्य चुनाव पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 3 दिसंबर को सुबह 8:00 बजे से मतगणना शुरू की जाएगी. 52 जिला मुख्यालय में काउंटिंग की व्यवस्था की गई है. इन्हीं जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं. सारे मत पत्र और मशीन जिसमें वोट हुआ है, उन्हें वही जिलों में बने स्ट्रांग रूम में रखा गया है. स्ट्रांग रूम को नियमों का पालन करते हुए सील किया गया है. वहां सीसीटीवी लगाए गए हैं. इसके साथ ही बड़ी स्क्रीन लगाकर लगातार उसकी निगरानी की जा रही है.
सुरक्षा में तैनात CRPF: अनुपम राजन ने बताया कि पॉलीटिकल पार्टी के लोगों की उपस्थिति भी वहां लागातर बनी हुई है. स्क्रीन पर सब कुछ दिखता रहता है. सीआरपीएफ की टुकडियों को EVM की सुरक्षा में लगाया गया है, जो कि 24 घण्टे सुरक्षा में तैनात है. जिला मुख्यालय पर सभी व्यवस्था की जा रही है.
एक हॉल में लगाई जाती है 14 टेबल: मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने बताया कि काउंटिंग के लिए एक हॉल में अधिकतम 14 टेबल लगाई जाती है. कहीं यदि हॉल छोटा होता है, तो 2 हॉल में सात-सात टेबल लगाई जाएगी. मतगणना राउंड वाइस होती है. एक बार जब उन 14 मशीनों की गिनती हो जाती है, तो उसके परिणाम घोषित किये जाते हैं, फिर अगली 14 मशीनें निकाली जाती है. उन्होंने कहा यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है. जब तक विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रो की मतगणना संपन्न नहीं हो जाती है.
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मतगणना केंद्रों में VIP की नो एंट्री: चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार मतगणना केंद्रों में VIP लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा. राज्य के मंत्री हों या फिर केंद्र के मंत्री मतगणना केंद्रों में उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा. मंत्री, सांसद, विधायक और महापौर गणना एजेंट भी नहीं बन सकेंगे. साथ ही शासकीय कर्मचारी भी पार्टियों के एजेंट नहीं बन सकेंगे. मंत्री केवल उस स्थिति में ही मतगणना केन्द्रों में प्रवेश पा सकेंगे. जब वे खुद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हों और वह केवल उसी विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे, जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र गार्डों को मतगणना केन्द्र के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.