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MP Debt Crisis: बंट रहीं मुफ्त की रेवडियां! चुनावी साल में पैसों से बिना हर वर्ग को खुश करने में जुटे सीएम शिवराज - शिवराज सिंह चौहान

MP Election 2023: चुनावी साल में खजाने की परवाह किए बिना शिवराज सिंह चौहान पैसे से हर वर्ग को खुश कर रहे हैं और मुफ्त रेवड़ियां बांट रहे हैं. हाल में ही अब उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों पर पैसा लुटाया है.

MP Debt Crisis
मध्यप्रदेश में बंट रहीं मुफ्त की रेवडियां
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Published : Jul 26, 2023, 7:28 PM IST

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में ऐसा कोई भी वर्ग की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते, लिहाजा वे सभी को खुश करने में जुटे हैं. खजाने की परवाह किए बिना सीएम शिवराज सिंह ने अब गांवों के जनप्रतिनिधियों को साधने के लिए उनके लिए भी खजाना खोल दिया है. चुनावी साल में आम जनता के साथ जनप्रतिनिधियों को भी साधने में सरकार पीछे नहीं है, यही कारण है कि प्रदेश के सभी जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के मानदेय और भत्ते में की बढ़ोत्तरी की जा रही है.

अब जिला पंचायत अध्यक्ष को मानदेय, दूरभाष, सत्कार और वाहन भत्ता मिलाकर प्रतिमाह एक लाख रुपये मिलेंगे, वहीं जिला पंचायत और उपाध्यक्षों को हर महीने 42 हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा सरकार ने पंचायतराज संचालनालय ने जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पंच और उप सरपंच के मानदेय व भत्तों में वृद्धि के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.

किसको कितना पैसे मिलेगा:

  1. जनपद पंचायत अध्यक्ष को 19 हजार 500 रुपये प्रतिमाह दूरभाष एवं सत्कार भत्ता सहित मानदेय मिलेगा.
  2. उपाध्यक्ष को प्रतिमाह 13 हजार 500 रुपये मिलेगा, इन्हें वाहन भत्ते की पात्रता नहीं होगी.
  3. पंच और उप सरपंच को प्रति बैठक के लिए 300 रुपये मिलेंगे.

सरकारी पदों को भरने की तैयारी: विधानसभा चुनाव से पहले 50 हजार और पदों पर सरकारी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल को विज्ञापन निकालने के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे. बता दें कि एक लाख रिक्त पदों पर पहले से ही भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

महिलाओं को लाडली बहना बनाया: चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए प्रदेश की आधी फीसदी आबादी यानी महिलाओं को ₹1000 महीने देने का ऐलान किया और चुनाव के पहले 1500 रुपए हर महीने उन्हें कर दिए जाएंगे.

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बुजुर्गों को ट्रेन से तीर्थदर्शन के बाद अब हवाई यात्रा: शिवराज सिंह ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत बुजुर्गों के लिए तीर्थ दर्शन यात्रा शुरू की, जिसे ट्रेन से कराया जाता था और इसमें देश के बाहर के तीर्थ स्थल भी शामिल किए गए हैं. चुनावी साल में इस योजना का दायरा बढ़ाकर और प्रभावी बनाया गया, अब शिवराज सरकार बुजुर्गों को हवाई यात्रा से तीर्थ दर्शन करा रही है.

प्रदेश पर 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज: एमपी का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, इस वित्तीय साल में सवा 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है.

  1. वित्तीय वर्ष 2020-21:
    राजस्व आय- एक लाख 46 हजार 376 करोड़ 78 लाख रुपये
    व्यय- एक लाख 64 हजार 733 करोड़ एक लाख रुपये
    अंतर- 18 हजार 356 करोड़ 23 लाख का घाटा
  2. वित्तीय वर्ष 2022-23:
    राजस्व आय- दो लाख तीन हजार 966 करोड़ 87 लाख रुपये
    राजस्व व्यय- दो लाख दो हजार 467 करोड़ 84 लाख रुपये
    अंतर- एक हजार 499 करोड़ तीन लाख रुपये का घाटा(अभी साल खत्म नहीं हुआ है)

पेट्रोलियम पदार्थों में सबसे ज्यादा टैक्स एमपी लेता है: एमपी में पेट्रोल पर 31.55 रुपये प्रति लीटर वैट लगता है, जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है. वहीं, देश में पेट्रोल में सबसे कम वैट अंडमान निकोबार द्वीप समूह में लगता है, वहां 4.82 रुपये प्रति लीटर वैट लगता है. पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम यहां से कम हैं, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस पर सर्वाधिक वैट टैक्स वसूलने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में ऐसा कोई भी वर्ग की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते, लिहाजा वे सभी को खुश करने में जुटे हैं. खजाने की परवाह किए बिना सीएम शिवराज सिंह ने अब गांवों के जनप्रतिनिधियों को साधने के लिए उनके लिए भी खजाना खोल दिया है. चुनावी साल में आम जनता के साथ जनप्रतिनिधियों को भी साधने में सरकार पीछे नहीं है, यही कारण है कि प्रदेश के सभी जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के मानदेय और भत्ते में की बढ़ोत्तरी की जा रही है.

अब जिला पंचायत अध्यक्ष को मानदेय, दूरभाष, सत्कार और वाहन भत्ता मिलाकर प्रतिमाह एक लाख रुपये मिलेंगे, वहीं जिला पंचायत और उपाध्यक्षों को हर महीने 42 हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा सरकार ने पंचायतराज संचालनालय ने जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पंच और उप सरपंच के मानदेय व भत्तों में वृद्धि के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.

किसको कितना पैसे मिलेगा:

  1. जनपद पंचायत अध्यक्ष को 19 हजार 500 रुपये प्रतिमाह दूरभाष एवं सत्कार भत्ता सहित मानदेय मिलेगा.
  2. उपाध्यक्ष को प्रतिमाह 13 हजार 500 रुपये मिलेगा, इन्हें वाहन भत्ते की पात्रता नहीं होगी.
  3. पंच और उप सरपंच को प्रति बैठक के लिए 300 रुपये मिलेंगे.

सरकारी पदों को भरने की तैयारी: विधानसभा चुनाव से पहले 50 हजार और पदों पर सरकारी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल को विज्ञापन निकालने के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे. बता दें कि एक लाख रिक्त पदों पर पहले से ही भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

महिलाओं को लाडली बहना बनाया: चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए प्रदेश की आधी फीसदी आबादी यानी महिलाओं को ₹1000 महीने देने का ऐलान किया और चुनाव के पहले 1500 रुपए हर महीने उन्हें कर दिए जाएंगे.

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बुजुर्गों को ट्रेन से तीर्थदर्शन के बाद अब हवाई यात्रा: शिवराज सिंह ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत बुजुर्गों के लिए तीर्थ दर्शन यात्रा शुरू की, जिसे ट्रेन से कराया जाता था और इसमें देश के बाहर के तीर्थ स्थल भी शामिल किए गए हैं. चुनावी साल में इस योजना का दायरा बढ़ाकर और प्रभावी बनाया गया, अब शिवराज सरकार बुजुर्गों को हवाई यात्रा से तीर्थ दर्शन करा रही है.

प्रदेश पर 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज: एमपी का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, इस वित्तीय साल में सवा 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है.

  1. वित्तीय वर्ष 2020-21:
    राजस्व आय- एक लाख 46 हजार 376 करोड़ 78 लाख रुपये
    व्यय- एक लाख 64 हजार 733 करोड़ एक लाख रुपये
    अंतर- 18 हजार 356 करोड़ 23 लाख का घाटा
  2. वित्तीय वर्ष 2022-23:
    राजस्व आय- दो लाख तीन हजार 966 करोड़ 87 लाख रुपये
    राजस्व व्यय- दो लाख दो हजार 467 करोड़ 84 लाख रुपये
    अंतर- एक हजार 499 करोड़ तीन लाख रुपये का घाटा(अभी साल खत्म नहीं हुआ है)

पेट्रोलियम पदार्थों में सबसे ज्यादा टैक्स एमपी लेता है: एमपी में पेट्रोल पर 31.55 रुपये प्रति लीटर वैट लगता है, जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है. वहीं, देश में पेट्रोल में सबसे कम वैट अंडमान निकोबार द्वीप समूह में लगता है, वहां 4.82 रुपये प्रति लीटर वैट लगता है. पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम यहां से कम हैं, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस पर सर्वाधिक वैट टैक्स वसूलने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.

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