भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. सिंधिया का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. बीते 3 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए विधायकों की खरीद-फरोख्त के बयान के बाद से ही सियासी हलचल शुरू हो गई थी. जिसके बाद प्रदेश की राजनीति के इतिहास में एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिससे प्रदेश सरकार की नैया डगमगाने लगी.
हर दिन दोनों ही पार्टियों के छोटे-बड़े नेताओं के बयानों से शुरू हुई राजनीतिक सरगर्मी ने उस समय उग्र रूप ले लिया, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री बेंगलुरू चले गए. यहां तक कि सिंधिया समर्थित 22 मंत्री-विधायकों ने अपने फोन तक बंद कर लिए थे. इसके बाद सिंधिया को लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई जाने लगी. आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 मार्च को बीजेपी का हाथ थाम लिया.
फिलहाल मध्यप्रदेश की राजनीति में हर दिन इतिहास में दर्ज होने वाला गुजर रहा है, कोई नहीं कह सकता, कब क्या हो जाए. एक तरफ बीजेपी के नेता जहां कांग्रेस सरकार गिरने की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेसियों को अभी भी सरकार के स्थिर रहने की उम्मीद है. हर दिन आने वाले एक नए मोड में
आईए जानते हैं मध्यप्रदेश के दंगल में कैसा रहा शुक्रवार....
- शुक्रवार सुबह कांग्रेस के अधिकतर विधायक जयपुर के एक रिसॉर्ट में रहे, तो बीजेपी के विधायक हरियाणा के गुरुग्राम में मौजूद हैं. वहीं सिंधिया समर्थित विधायक मंगलवार सुबह तक बेंगलुरू में मौजूद थे. हालांकि, उनके भोपाल आने को लेकर सुबह से अटकलें शुरू हो गई थी.
- करीब 11 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. जिसमें हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन और बेंगलुरु में ठहरे विधायकों को वापस बुलाने की मांग की.
- वहीं सरकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मुलाकात कर विधायकों के इस्तीफों पर आपत्ति जताते हुए जांच कराने की मांग की. और बजट सत्र स्थगित करने की मांग की.
- इधर बेंगलुरू पहुंचे प्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने करीब 12.30 बजे कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपते हुए बागी विधायक मनोज चौधरी के पिता बेटे से मिलने नहीं देने को लेकर ज्ञापन सौंपा.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दोपहर को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर लंच किया. सिंधिया के साथ शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव समेत तमाम बीजेपी के बड़े नेता मौजूद रहे. 2 बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत सुमेर सिंह सोलंकी ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया.
- वहीं इसी सरगर्मी के बाद बेंगलुरू में ठहरे विधायकों के भोपाल आने को लेकर भोपाल एयरपोर्ट पर तनाव का माहौल देखने को मिला. इस बीच बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए थे. वहीं मौके की नजाकत को देखते हुए एयरपोर्ट पर धारा 144 लागू कर दी गई. इस दौरान मौके पर DIG इरसाद वली और कलेक्टर भी पहुंच गए. एयरपोर्ट पर विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल में बढ़ोतरी की गई .
- इधर करीब 5 बजे खबर आई की मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल लालजी टंडन ने 6 मंत्रियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया.
- इसी बीच 5.45 पर खबर आई कि बेंगलुरू एयरपोर्ट से कांग्रेस के सभी बागी विधायक वापस हो गए. और आज विधायक भोपाल नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं करीब 6 बजे बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष जेपी नड्डा सिंधिया समर्थक विधायकों से मुलाकात करने के लिए बेंगलुरू पहुंच चुके हैं.
- करीब 7 बजे राजभवन से नूर-ए-सभा होटल जाते समय ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए.
- कांग्रेस विधायकों के भोपाल नहीं आने पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
- हरियाणा भाजपा प्रभारी डॉक्टर अनिल जैन के अलावा लोकसभा सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह आईटीसी ग्रैंड भारत होटल से दिल्ली के लिए रवाना हुए. बता दें कि करीब दो घंटे पहले दोनों होटल में आए थे. करीब 8 बजे दोनों का काफिला 10 मिनट के अंतराल से अलग-अलग ही आईटीसी होटल से दिल्ली के लिए रवाना हुआ.
- राजभवन से नूर-ए-सभा होटल जाते समय सिंधिया के काफिले को कांग्रेसी कार्याकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए जाने को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिंधिया पर जानलेवा हमले का प्रयास किया गया. शिवराज ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.