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MP Election 2023: सीधी से कांग्रेस निकालेगी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा, 36 आदिवासी आरक्षित विधानसभा सीटों को करेगी कवर - MP Election 2023

MP Assembly Election 2023: एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, इसी के तहत कांग्रेस अब आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रही है, जो 36 आदिवासी आरक्षित विधानसभा सीटों को कवर करेगी. आइए जानते हैं क्या है इस यात्रा को मोटिव-

MP Election 2023
adivasi swabhiman yatra
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Published : Jul 16, 2023, 2:34 PM IST

भोपाल। प्रदेश में लगातार हो रही आदिवासी घटनाओं के विरोध में कांग्रेस आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रही है, इसका नेतृत्व मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम करेंगे. कांग्रेस की यह यात्रा सीधी जिले से शुरू होगी और 17 जिलों से होते हुए झाबुआ पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा. 20 दिनों की यह यात्रा 7 अगस्त को समाप्त होगी.

MP congress will take out adivasi swabhiman yatra
सीधी से कांग्रेस निकालेगी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा

36 विधानसभा सीटों से गुजरेगी यात्रा: मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया से आरोप लगाया कि "यह यात्रा आदिवासियों के मान, सम्मान और उनके स्वाभिमान के लिए है. सीधी में बीजेपी के मूत्रकांड से आदिवासी समाज के सम्मान और स्वाभिमान को खत्म करने का काम किया गया, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह खुद को आदिवासी हितैशी बताते हैं, जबकि उन्हीं की पार्टी के नेता आदिवासियों के साथ घृणित काम करते हैं. सीधी की घटना आदिवासी अत्याचार की पहली घटना नहीं है, इसी हफ्ते इंदौर में 2 आदिवासी भाईयों को कमरे में बंद कर दबंगों द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया, इसलिए सीधी जिले से ही आदिवासी स्वाभिमान यात्रा शुरू की जा रही है. यह यात्रा 17 जिलों की 36 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी और ये यात्रा 20 दिन की होगी, इसमें एक दिन का हॉल्ट 30 जुलाई को होगा. इस यात्रा में लोगों से आदिवासी स्वाभिमान पर जनचर्चा करते हुए आगे बढ़ेंगे, यात्रा का समापन 7 अगस्त को झाबुआ में होगा, इसमें कांग्रेस के बड़ नेता जुटेंगे."

आदिवासियों की आवाज बनेंगे: मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम ने कहा कि "आदिवासी अत्याचारों को लेकर इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस सीधे आदिवासी लोगों के बीच जाएंगे, इस दौरान लोगों को बताएंगे कि यह वही सरकार है जो पेसा कानून को कमजोर करने और आदिवासियों पर अत्याचार करने का काम करती है. इस यात्रा के जरिए आदिवासी हितों को मजबूत करने का काम करेंगे."

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आदिवासी सीटों पर फोकस: विधानसभा चुनाव के पहले आदिवासी समुदाय में अपनी पैठ जमाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस कोशिशों में जुटी है, कांग्रेस लगातार आदिवासी वर्ग के मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रही है. दरअसल मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, इसके अलावा 35 अन्य सीटों पर भी आदिवासी समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों इस वर्ग को साधने में जुटी हैं, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीटों पर जमकर नुकसान पहुंचा था. बीजेपी को 2018 में सिर्फ 16 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 30 सीटें आई थीं.

भोपाल। प्रदेश में लगातार हो रही आदिवासी घटनाओं के विरोध में कांग्रेस आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रही है, इसका नेतृत्व मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम करेंगे. कांग्रेस की यह यात्रा सीधी जिले से शुरू होगी और 17 जिलों से होते हुए झाबुआ पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा. 20 दिनों की यह यात्रा 7 अगस्त को समाप्त होगी.

MP congress will take out adivasi swabhiman yatra
सीधी से कांग्रेस निकालेगी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा

36 विधानसभा सीटों से गुजरेगी यात्रा: मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया से आरोप लगाया कि "यह यात्रा आदिवासियों के मान, सम्मान और उनके स्वाभिमान के लिए है. सीधी में बीजेपी के मूत्रकांड से आदिवासी समाज के सम्मान और स्वाभिमान को खत्म करने का काम किया गया, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह खुद को आदिवासी हितैशी बताते हैं, जबकि उन्हीं की पार्टी के नेता आदिवासियों के साथ घृणित काम करते हैं. सीधी की घटना आदिवासी अत्याचार की पहली घटना नहीं है, इसी हफ्ते इंदौर में 2 आदिवासी भाईयों को कमरे में बंद कर दबंगों द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया, इसलिए सीधी जिले से ही आदिवासी स्वाभिमान यात्रा शुरू की जा रही है. यह यात्रा 17 जिलों की 36 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी और ये यात्रा 20 दिन की होगी, इसमें एक दिन का हॉल्ट 30 जुलाई को होगा. इस यात्रा में लोगों से आदिवासी स्वाभिमान पर जनचर्चा करते हुए आगे बढ़ेंगे, यात्रा का समापन 7 अगस्त को झाबुआ में होगा, इसमें कांग्रेस के बड़ नेता जुटेंगे."

आदिवासियों की आवाज बनेंगे: मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम ने कहा कि "आदिवासी अत्याचारों को लेकर इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस सीधे आदिवासी लोगों के बीच जाएंगे, इस दौरान लोगों को बताएंगे कि यह वही सरकार है जो पेसा कानून को कमजोर करने और आदिवासियों पर अत्याचार करने का काम करती है. इस यात्रा के जरिए आदिवासी हितों को मजबूत करने का काम करेंगे."

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आदिवासी सीटों पर फोकस: विधानसभा चुनाव के पहले आदिवासी समुदाय में अपनी पैठ जमाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस कोशिशों में जुटी है, कांग्रेस लगातार आदिवासी वर्ग के मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रही है. दरअसल मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, इसके अलावा 35 अन्य सीटों पर भी आदिवासी समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों इस वर्ग को साधने में जुटी हैं, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीटों पर जमकर नुकसान पहुंचा था. बीजेपी को 2018 में सिर्फ 16 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 30 सीटें आई थीं.

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