भोपाल। एक तरफ शिवराज सरकार का दावा है कि प्रदेश के करीब 1 लाख 90 हजार मजदूर वापस आ चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिले, राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रमुख मार्गों पर हजारों की संख्या में मजदूर पैदल सफर करते नजर आ रहे है. प्रवासी मजदूरों की प्रदेश वापसी के शिवराज सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. साथ ही एमपी कांग्रेस ने प्रमाण सहित पूरी सूची सार्वजनिक करने की मांग की है. कांग्रेस ने आशंका व्यक्त की है कि बीजेपी सरकार प्रवासी मजदूरों की वापसी के नाम पर भी किसी घोटाले को अंजाम देना चाहती है.
एमपी कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि शिवराज सरकार प्रमाण सहित प्रदेश वापसी लाये गये मजदूरों की सूची सार्वजनिक करें. उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि किस-किस तारीख को किस-किस साधन से, कितनी ट्रेनों से, कितनी बसों से, देश के किन-किन हिस्सों से, प्रदेश के किन इलाकों के 1 लाख 90 हजार मजदूरों की घर वापसी कराई गई है.
नरेंद्र सलूजा ने पूछा कि, सरकार बताए कि मजदूरों को वापस लाने में कितना खर्चा आया. कुल कितने प्रदेश के मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए थे. कितनों को लाना अभी बाकी है.
सलूजा ने आरोप लगाया कि लगता है कि इन प्रवासी मजदूरों की वापसी के नाम पर प्रदेश की बीजेपी सरकार किसी घोटाले को अंजाम देना चाहती है. इसलिए बढ़ा-चढ़ाकर आंकड़े बताए जा रहे हैं. ई-पास के आंकड़ों में और मजदूरों की वापसी के आंकड़ों में भी बड़ा हेरफेर है. जितनी विशेष ट्रेनें अभी तक चली हैं, उसके हिसाब से भी इतने मज़दूरों की वापसी असंभव है.