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MP में 50 पेड़ों की बलि देकर विधायक जी को दी जाएगी विधानसभा में जानकारी, जाने क्या है मामला

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Published : Mar 2, 2023, 9:36 PM IST

कांग्रेस विधायक विधानसभा में जितने पन्नों में आंगनबाड़ी की जानकारी मांग रहे हैं, उसके लिए 45 फुट के 50 पेड़ों की बलि देनी पड़ेगी. पर्यावरण विदों का कहना है कि 45 फुट लंबे एक पेड़ में से स्टैंडर्ड साइज के 10,000 कागज की शीट बनती है.

MP Congress MLA Ravi Joshi
खरगोन विधायक रवि जोशी
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण तमोट

भोपाल। एक ओर मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट इस बार ई बजट के रूप में पेपरलेस होकर आया है. यह कवायत इसलिए की गई है क्योंकि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कागज को बचाया जा सके, लेकिन लगता है कांग्रेस के विधायक ऐसा नहीं चाहते. सदन में ई टैबलेट का विरोध हो रहा है, तो वहीं खरगोन से कांग्रेस विधायक रवि जोशी ने आंगन बाड़ियों को लेकर जो जानकारी मांगी है वह लगभग 5 लाख पन्नों के माध्यम से मिल पाएगी. इसके लिए 50 से अधिक 45 फुट के पेड़ों को काटना पड़ेगा. पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से पर्यावरण विद इसे सही नहीं मानते.

50 पेड़ों की देनी पड़ेगी बलि: पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण तमोट के अनुसार कागज को बनाने के लिए एक स्टैंडर्ड साइज में उसका निर्माण किया जाता है. जिसमें 45 फुट लंबे और लगभग 8 इंच घनत्व वाले पेड़ में से कुल 10,000 शीट कागज की निकलती है. ऐसे में साफ है कि, विधायक जी ने जो जानकारी मांगी है उसके लिए 45 फुट ऊंचे 50 पेड़ों की बलि देनी पड़ेगी, लेकिन लगता है विधायक जी को पर्यावरण संरक्षण से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें तो हार्ड कॉपी में ही जानकारी चाहिए.

आंगनबाड़ी की मांगी जानकारी: विधायक रवि सक्सेना के अनुसार अगर यह जानकारी सामने आती है तो उसका अध्ययन करने के बाद एक बड़ा घोटाला सामने वह लेकर आएंगे. उनका कहना है कि, आंगनबाड़ी में कोरोना काल के दौरान बड़े घोटाले हुए हैं. इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि, देश के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी पर्यावरण संरक्षण के लिए पेपरलेस व्यवस्था पर जोर दे रही है, लेकिन लगता है कांग्रेस के विधायक को पर्यावरण की चिंता नहीं है. वह चाहे तो जानकारी पेन ड्राइव या सीडी में भी ले सकते हैं.

आंगनबाड़ी से मिलती जुलती ये खबरें जरूर पढ़ें...

इतने कागज का होगा उपयोग: आपको बता दे कि, विधानसभा में खरगोन विधायक रवि जोशी ने अपने जिले की आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी मांगी है. खरगोन जिले में 2294 आंगनबाड़ियां हैं. जिसमें प्रत्येक आंगनबाड़ी की जानकारी के लिए 170 से 190 पेज लगेंगे. इसमें आंगनबाड़ी में पोषण आहार के साथ पिछले 2 सालों में कोरोना के दौरान गर्भवती महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों को दिए जाने वाले आहार की पूरी सूची हार्ड कॉपी अर्थात कागजों में मांगी है. यह जानकारी एकत्रित करने के लिए खरगोन का महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी जुट गए हैं और वहां से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरी डिटेल को देने के लिए लगभग एक ट्रक भर के कागज का उपयोग होगा. जिसमें 5 लाख पेज में यह जानकारी मिल पाएगी.

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण तमोट

भोपाल। एक ओर मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट इस बार ई बजट के रूप में पेपरलेस होकर आया है. यह कवायत इसलिए की गई है क्योंकि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कागज को बचाया जा सके, लेकिन लगता है कांग्रेस के विधायक ऐसा नहीं चाहते. सदन में ई टैबलेट का विरोध हो रहा है, तो वहीं खरगोन से कांग्रेस विधायक रवि जोशी ने आंगन बाड़ियों को लेकर जो जानकारी मांगी है वह लगभग 5 लाख पन्नों के माध्यम से मिल पाएगी. इसके लिए 50 से अधिक 45 फुट के पेड़ों को काटना पड़ेगा. पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से पर्यावरण विद इसे सही नहीं मानते.

50 पेड़ों की देनी पड़ेगी बलि: पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण तमोट के अनुसार कागज को बनाने के लिए एक स्टैंडर्ड साइज में उसका निर्माण किया जाता है. जिसमें 45 फुट लंबे और लगभग 8 इंच घनत्व वाले पेड़ में से कुल 10,000 शीट कागज की निकलती है. ऐसे में साफ है कि, विधायक जी ने जो जानकारी मांगी है उसके लिए 45 फुट ऊंचे 50 पेड़ों की बलि देनी पड़ेगी, लेकिन लगता है विधायक जी को पर्यावरण संरक्षण से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें तो हार्ड कॉपी में ही जानकारी चाहिए.

आंगनबाड़ी की मांगी जानकारी: विधायक रवि सक्सेना के अनुसार अगर यह जानकारी सामने आती है तो उसका अध्ययन करने के बाद एक बड़ा घोटाला सामने वह लेकर आएंगे. उनका कहना है कि, आंगनबाड़ी में कोरोना काल के दौरान बड़े घोटाले हुए हैं. इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि, देश के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी पर्यावरण संरक्षण के लिए पेपरलेस व्यवस्था पर जोर दे रही है, लेकिन लगता है कांग्रेस के विधायक को पर्यावरण की चिंता नहीं है. वह चाहे तो जानकारी पेन ड्राइव या सीडी में भी ले सकते हैं.

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इतने कागज का होगा उपयोग: आपको बता दे कि, विधानसभा में खरगोन विधायक रवि जोशी ने अपने जिले की आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी मांगी है. खरगोन जिले में 2294 आंगनबाड़ियां हैं. जिसमें प्रत्येक आंगनबाड़ी की जानकारी के लिए 170 से 190 पेज लगेंगे. इसमें आंगनबाड़ी में पोषण आहार के साथ पिछले 2 सालों में कोरोना के दौरान गर्भवती महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों को दिए जाने वाले आहार की पूरी सूची हार्ड कॉपी अर्थात कागजों में मांगी है. यह जानकारी एकत्रित करने के लिए खरगोन का महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी जुट गए हैं और वहां से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरी डिटेल को देने के लिए लगभग एक ट्रक भर के कागज का उपयोग होगा. जिसमें 5 लाख पेज में यह जानकारी मिल पाएगी.

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