भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के भीतर फिर आग सुलगने लगी है और इस बात के खुले तौर पर संकेत भी सामने आने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभारी दिग्विजय सिंह के खत ने पार्टी के भीतरी हालात पर नई बहस को जन्म भी दे दिया है. राहुल गांधी की कश्मीर से कन्याकुमारी तक कि भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर में मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी. इस यात्रा के प्रचार-प्रसार के साथ ही आमजन को जोड़ने के मकसद से प्रचार सामग्री तैयार कराई जा रही है. पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स में अन्य नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तस्वीर भी लगाई जा रही है, मगर खुद पूर्व मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि इस प्रचार सामग्री में उनकी तस्वीर लगाई जाए.
'मेरे फोटो का उपयोग नहीं किया जाए' : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को एक पत्र भी लिख दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रकाशित सामग्री में मेरे फोटो का उपयोग नहीं किया जाए, मैं कामना करता हूं कि मध्यप्रदेश में यह यात्रा सफलता के नए आयाम स्थापित करे और कार्यकतार्ओं में नए जोश और उमंग का संचार करे.
प्रचार सामग्री में लगे इनका फोटो : दिग्विजय सिंह ने इस पत्र में लिखा है कि मेरा आपसे अनुरोध है कि यात्रा के मध्य प्रदेश में प्रचार प्रसार के लिए जो सामग्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा तैयार की जा रही है, उसमें पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की फोटो के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष के नाते आपकी(कमलनाथ) फोटो का उपयोग किया जाना उचित होगा.
राजनीतिक विश्लेषकों की राय: पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को लिखे गए खत के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिग्विजय सिंह राज्य की जनता के बीच यह संदेश नहीं जाने देना चाहते कि वे राज्य की राजनीति में अपना दखल बढ़ा रहे हैं, वही उनकी प्रदेश अध्यक्ष से कुछ अनबन भी चल रही है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राज्य में प्रवेश करने के बाद चलने वाली यात्रा को पर्दे के पीछे रहकर ही संचालित करना चाह रहे हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का नहीं मिला था साथ: माना तो यह भी जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के बीच रिश्तो में पहले जैसी गर्मजोशी नहीं है. यह बीच-बीच में साबित भी होता रहा है. अब तो पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र ने सियासी गलियारों में नई बहस को जन्म दे दिया है. कांग्रेस की राजनीति पर खास नजर रखने वालों का तो यह भी मानना है कि दिग्विजय सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जो कदम बढ़ाया था, उसमें कमलनाथ का उन्हें साथ नहीं मिला, उसके बाद से दोनों के बीच दूरी बढ़ने लगी है और दिग्विजय सिंह ने यह पत्र लिखकर उसे सामने भी ला दिया है. (Digvijay Singh letter to Kamal Nath) (MP Congress internal conflicts)