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मोहन यादव की आभार यात्राएं केवल इलाकावार मुंह दिखाई नहीं है, जानिए इसके पीछे की कहानी

Jan Abhaar Yatra: डॉ. मोहन यादव की जन आभार यात्रा जनता के बीच उनकी मुंह दिखाई मात्र नहीं है. ये यात्राएं आने वाले इम्तेहान की तैयारी है और 18 साल की छाया से आगे बढ़कर अपनी लकीर खींचने की एक कोशिश है.

Mohan Yadav Jan Abhaar Yatra
मोहन यादव आभार यात्राएं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 3:32 PM IST

भोपाल। एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव को ऐसे समय में एमपी की कमान मिली है जब उनके सामने इम्तेहान ही इम्तेहान है. कामकाज को लेकर 18 साल के सीएम शिवराज से है मुकाबला और मुख्यमंत्री बनने के 4 महीने के भीतर ही पहली बड़ी अग्निपरीक्षा है, आने वाला लोकसभा चुनाव. ऐसे में महाकौशल फिर ग्वालियर चंबल और अब विंध्य में आभार यात्राएं निकाल रहे मोदी के मोहन एमपी में बीजेपी के लिए कितने मुफीद हैं ये तो आने वाला वक्त बतायेगा. लेकिन इलाकावार प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में पहुंच रहे मोहन लोकसभा का मैदान भी मजबूत कर रहे हैं और अपनी जमीन भी. तो क्या मानें कि ये आभार यात्राएं केवल मोहन यादव की मुंह दिखाई नही हैं.

Jan Abhaar Yatra
जन आभार यात्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव

आभार के सहारे लोकसभा मैदान मारने की तैयारी: 2019 में जिन आभार यात्राओं की पूर्व सीएम शिवराज को अनुमति नहीं मिली थी. इस बार सीएम डॉ. मोहन यादव उन्हीं आभार यात्राओं के सहारे लोकसभा चुनाव का मैदान तैयार कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के ठीक बाद इलाकावार यात्राएं और वहां विकास कार्यों की सौगातें....असल में लोकसभा चुनाव की तैयारी तो है ही. एमपी में बीजेपी का निजाम बदल गया ये संदेश भी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं- "देखिए इसमें दो राय नहीं कि एमपी में अब तक बीजेपी में सत्ता का एक ही चेहरा था शिवराज सिंह चौहान. वही चेहरा जनता ने देखा है. अब मोहन यादव चेहरा हैं तो उन्हें स्थापित होने और जनता में पैठ बनाने के लिए ये सारी कवायद तो करनी ही होगी. और बड़ी बात ये है कि बमुश्किल बीस दिन के कार्यकाल में डॉ. मोहन यादव ये साबित करने में कामयाब रहे हैं कि केन्द्रीय हाईकमान की च्वाइस गलत नहीं है."

Jan Abhaar Yatra
जन आभार यात्रा को दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव

ये भी पढ़ें:

बोलो कम करो ज्यादा... : याद कीजिए 2020 के कार्यकाल में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के तेवर. उन्होंने उस दौर में अधिकारियों को जमीन में गाड़ दूंगा जैसे तेवर दिखाए थे. डॉ. मोहन यादव के बयानों में ये तेजी कभी सुनाई ही नहीं दी. एक्शन पहले हुआ फिर बयान आया. मोहन यादव की कार्यशैली अलग है ये वे लगातार बता रहे हैं. शाजापुर में कलेक्टर किशोर सान्याल को हटाने का फैसला उनमें से एक है.

राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित कहते हैं- "मोहन यादव के सामने चुनौती ये भी है कि उन्हें अपना काम पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से अलग करके बताना है. मोहन यादव लगातार उसी लकीर को खींचने की कोशिश कर रहे हैं."

भोपाल। एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव को ऐसे समय में एमपी की कमान मिली है जब उनके सामने इम्तेहान ही इम्तेहान है. कामकाज को लेकर 18 साल के सीएम शिवराज से है मुकाबला और मुख्यमंत्री बनने के 4 महीने के भीतर ही पहली बड़ी अग्निपरीक्षा है, आने वाला लोकसभा चुनाव. ऐसे में महाकौशल फिर ग्वालियर चंबल और अब विंध्य में आभार यात्राएं निकाल रहे मोदी के मोहन एमपी में बीजेपी के लिए कितने मुफीद हैं ये तो आने वाला वक्त बतायेगा. लेकिन इलाकावार प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में पहुंच रहे मोहन लोकसभा का मैदान भी मजबूत कर रहे हैं और अपनी जमीन भी. तो क्या मानें कि ये आभार यात्राएं केवल मोहन यादव की मुंह दिखाई नही हैं.

Jan Abhaar Yatra
जन आभार यात्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव

आभार के सहारे लोकसभा मैदान मारने की तैयारी: 2019 में जिन आभार यात्राओं की पूर्व सीएम शिवराज को अनुमति नहीं मिली थी. इस बार सीएम डॉ. मोहन यादव उन्हीं आभार यात्राओं के सहारे लोकसभा चुनाव का मैदान तैयार कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के ठीक बाद इलाकावार यात्राएं और वहां विकास कार्यों की सौगातें....असल में लोकसभा चुनाव की तैयारी तो है ही. एमपी में बीजेपी का निजाम बदल गया ये संदेश भी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं- "देखिए इसमें दो राय नहीं कि एमपी में अब तक बीजेपी में सत्ता का एक ही चेहरा था शिवराज सिंह चौहान. वही चेहरा जनता ने देखा है. अब मोहन यादव चेहरा हैं तो उन्हें स्थापित होने और जनता में पैठ बनाने के लिए ये सारी कवायद तो करनी ही होगी. और बड़ी बात ये है कि बमुश्किल बीस दिन के कार्यकाल में डॉ. मोहन यादव ये साबित करने में कामयाब रहे हैं कि केन्द्रीय हाईकमान की च्वाइस गलत नहीं है."

Jan Abhaar Yatra
जन आभार यात्रा को दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव

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राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित कहते हैं- "मोहन यादव के सामने चुनौती ये भी है कि उन्हें अपना काम पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से अलग करके बताना है. मोहन यादव लगातार उसी लकीर को खींचने की कोशिश कर रहे हैं."

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