भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा के सम्मेलन में बड़ा बयान दिया है. कमलनाथ ने कहा है कि "प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी." जिससे जानकारी मिल सके. चाहे वह ब्राह्मण हो, राजपूतों हो, कुर्मी हो या फिर लोधी सभी को पता चले कि हमारे समाज के गरीब लोगों को कौन सी परेशानियां है. भोपाल के रविंद्र भवन में संयुक्त मोर्चा सम्मेलन आयोजित किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि "कोई कहता है कि ओबीसी की जनसंख्या 52% है, कोई 53% बताता है लेकिन मैं मानता हूं कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या 55 फ़ीसदी है. आखिर बीजेपी ओबीसी की जनगणना को लेकर घबराती क्यों है. सरकार जनगणना इसीलिए नहीं कराती, क्योंकि यह पोल खुल जाएगी. इनकी नीयत ही नहीं है कि यह जनगणना कराएं. मेरे पास तो कोई भी ओबीसी संगठन नहीं आया, लेकिन तब भी मैंने अपनी सरकार में इस दिशा में काम किया."
ओबीसी ने 115 सीटों पर टिकट की मांग की: कार्यक्रम की शुरुआत में ओबीसी महासभा ने कमलनाथ को ज्ञापन सौंपा. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 115 विधानसभा सीटों पर टिकट दिए जाने की मांग की. उन्होंने बताया कि 10 सितंबर को भोपाल में ओबीसी महापंचायत भी आयोजित होने जा रही है. अपाक्स के तत्वाधान में आयोजित इस सम्मेलन में ओबीसी वर्ग के तमाम संगठनों के अलावा मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कर्मचारी अधिकारी संगठन के सदस्य मौजूद थे.
कमलनाथ बोले आपके साथ न्याय करूंगा: उधर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि "ओबीसी को आरक्षण देना मेरी भावना थी. मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि ओबीसी की जनसंख्या 55 प्रतिशत है तो जो न्याय आपसे करना है और अन्याय को ठीक करना है, वह कमलनाथ करेंगे. आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है. आज मध्य प्रदेश में एक करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं." "उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान hj निशाना साधते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 18 सालों से शिवराज सिंह चौहान की सरकार है, लेकिन यहां सिर्फ घोषणाएं ही होती है. आखिर क्या वजह है कि एमपी में इतनी बेरोजगारी है. अब तो चुनाव नजदीक आए तो घोषणा मशीन डबल स्पीड से चलने लगी है. अब आप ही देखिए मैंने कहा कि मैं महिलाओं को 1500 रुपए दूंगा, तो अब बीजेपी कह रही है कि हम 3000 देंगे. आखिर इससे ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है कि यदि मैंने कुछ कहा तो वही बात उन्हें भी कहनी पड़ रही है. सरकार सिर्फ कर्ज लेकर बड़े-बड़े ठेके देने का काम कर रही है. इन ठेकों में 25 प्रतिशत कमीशन होता है. सरकार ने साढे़ 3 लाख करोड़ का कर्ज लेकर सिर्फ बड़े-बड़े ठेके ही दिए हैं.