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MP Budget 2023: बजट में किसानों और आदिवासियों पर फोकस, CM शिवराज ने फाइनेशियल मैनेजमेंट पर काम करना किया शुरू

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Published : Feb 4, 2023, 6:40 AM IST

केंद्र सरकार के बजट के अब सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के बजट को लेकर 4 फरवरी को वित्त अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं. बदली गई योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत पिछले 3 साल में प्राप्त बजट और अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट को लेकर मुख्यमंत्री सभी विभागों के अफसरों से चर्चा करेंगे और संतुलित खर्च को लेकर चर्चा होगी.

Focus on farmers and tribals in mp budget
बजट में किसानों और आदिवासियों पर फोकस

भोपाल। एक फरवरी को केन्द्रीय बजट प्रस्तुत होने के बाद उसमें किस विभाग की केन्द्र प्रवर्तित योजना के लिए कितना बजट मिलना अनुमानित है इसको लेकर सभी विभागों के अफसरों से चर्चा होगी (Madhya Pradesh Budget Session 2023). चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री यह पूछेंगे कि वर्तमान में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं अंतर्गत वित्तीय वर्ष 23-24 में निरंतर होने पर भारत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी रहेंगी. इसके अलावा नवीन प्रवर्तित योजनाओं और नवीन केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत भरत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी हैं.

मनरेगा में घटा केन्द्रीय बजट: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 में 73 हजार करोड़ का बजट मिला था. बाद में संशोधित बजट 89 हजार 400 करोड़ प्राप्त हुआ है. यह वर्ष 21-22 के 98 हजार 468 करोड़ से कम है. इस साल इस मद में केवल 60 हजार करोड़ रुपए केन्द्र ने दिए हैं. इसलिए ग्रामीण अंचलों में बेरोजगार लोगों को रोजगार गारंटी में इस साल कम खर्च करना होगा.

कई योजनाओं के लिए पैसा कम किया गया: इसी तरह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में इस वर्ष 19 हजार 652 करोड़ रुपए मिले है, अगले साल यह बजट 9 हजार 636 हजार करोड़ था, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में मौजूदा बजट 12 हजार 800 करोड़ की अपेक्षा 11 हजार 600 करोड़ रुपए रखा गया है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 60 हजार करोड़ का बजट यथावत रखा गया है. किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए 955 करोड़ रुपए यथावत रखे गए हैं. नाभिकीय ईंधन परियोजना में बजट 800 करोड़ से घटा कर 764 करोड़ रुपए कर दिया गया है. अनुसंधान एवं विकास परियोजना में बजट 970 से घटा कर 840 करोड़ रुपए कर दिया गया है. यूरिया सब्सिडी भी 1 लाख 54 हजार घटाकर 1 लाख 31 हजार करोड़ की गई है. अब शिवराज सरकार के सामने एक दिक्कत ये भी है कि प्रदेश में किसानों को सब्सिडी देनी होगी, जिसके लिए प्रदेश सरकार को अपने खजाने से पैसा भरना होगा.

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घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए केंद्र ने बजट बढ़ाया: इसका बजट बढ़ाकर 9 हजार 409 करोड़ रुपए किया गया है. महत्वपूर्ण स्कीमें जैसे जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के लिए बजट इस साल 55 हजार करोड़ से बढ़ाकर 70 हजार करोड़ कर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 38 हजार 953 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 36 हजार 785 करोड़, पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 3 हजार 750 करोड़ का बजट कर दिया गया है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में इस साल 6427 करोड़ रुपए मिले हैं, अब अगले साल 7 हजार 200 करोड मिलेंगे.

आदिवासियों के लिए केंद्र ने दिया ज्यादा बजट: केंद्र सरकार ने आदिवासियों पर फोकस किया है, जाहिर सी बात है कि इससे राज्य सरकार भी आदिवासियों पर अपना फोकस बढ़ा सकेगी, राज्य में पेसा एक्ट के नियम लागू करने के बाद अब सरकार का फोकस इसके क्रियान्वयन और आदिवासी क्षेत्रों की ग्रामसभाओं और आदिवासी समाज को इसका लाभ दिलाने पर है, इसको लेकर मुख्य सचिव ने 6 फरवरी को सभी संबंधित विभागों के अफसरों को एक्शन संबंधी रिपोर्ट के साथ तलब किया है. इस बैठक में विभागों के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद उसका क्रियान्वयन करने पर चर्चा की जाएगी. विधानसभा चुनाव के पहले इसे पूरी तरह क्रियान्वित करने पर फोकस किया जा रहा है.

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पेसा के तहत आदिवासी गांव पर सरकार का पूरा ध्यान: पेसा नियम 2022 के प्रावधानों की जानकारी देने उनके प्रचार- प्रसार तथा आवश्यक प्रशिक्षण का काम काफी हद तक हो चुका है, इसलिए सरकार ने अब इसके आगे की प्रक्रिया के लिए कहा है. प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखंड के 11577 ग्रामों में पेसा नियम लागू हुए हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने बैंक खाते खुलवाने, शांति एवं विवाद निवारण समिति, ग्रामों में वन संसाधन नियंत्रण समिति गठन, तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन कार्य के लिए काम करने को कलेक्टरों को निर्देशित किया है. राजस्व विभाग में फौती नामांतरण का कोई प्रकरण शेष न रहे और वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के लिए समय-सीमा पर कार्य किया जाए.

भोपाल। एक फरवरी को केन्द्रीय बजट प्रस्तुत होने के बाद उसमें किस विभाग की केन्द्र प्रवर्तित योजना के लिए कितना बजट मिलना अनुमानित है इसको लेकर सभी विभागों के अफसरों से चर्चा होगी (Madhya Pradesh Budget Session 2023). चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री यह पूछेंगे कि वर्तमान में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं अंतर्गत वित्तीय वर्ष 23-24 में निरंतर होने पर भारत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी रहेंगी. इसके अलावा नवीन प्रवर्तित योजनाओं और नवीन केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत भरत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी हैं.

मनरेगा में घटा केन्द्रीय बजट: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 में 73 हजार करोड़ का बजट मिला था. बाद में संशोधित बजट 89 हजार 400 करोड़ प्राप्त हुआ है. यह वर्ष 21-22 के 98 हजार 468 करोड़ से कम है. इस साल इस मद में केवल 60 हजार करोड़ रुपए केन्द्र ने दिए हैं. इसलिए ग्रामीण अंचलों में बेरोजगार लोगों को रोजगार गारंटी में इस साल कम खर्च करना होगा.

कई योजनाओं के लिए पैसा कम किया गया: इसी तरह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में इस वर्ष 19 हजार 652 करोड़ रुपए मिले है, अगले साल यह बजट 9 हजार 636 हजार करोड़ था, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में मौजूदा बजट 12 हजार 800 करोड़ की अपेक्षा 11 हजार 600 करोड़ रुपए रखा गया है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 60 हजार करोड़ का बजट यथावत रखा गया है. किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्धन के लिए 955 करोड़ रुपए यथावत रखे गए हैं. नाभिकीय ईंधन परियोजना में बजट 800 करोड़ से घटा कर 764 करोड़ रुपए कर दिया गया है. अनुसंधान एवं विकास परियोजना में बजट 970 से घटा कर 840 करोड़ रुपए कर दिया गया है. यूरिया सब्सिडी भी 1 लाख 54 हजार घटाकर 1 लाख 31 हजार करोड़ की गई है. अब शिवराज सरकार के सामने एक दिक्कत ये भी है कि प्रदेश में किसानों को सब्सिडी देनी होगी, जिसके लिए प्रदेश सरकार को अपने खजाने से पैसा भरना होगा.

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आदिवासियों के लिए केंद्र ने दिया ज्यादा बजट: केंद्र सरकार ने आदिवासियों पर फोकस किया है, जाहिर सी बात है कि इससे राज्य सरकार भी आदिवासियों पर अपना फोकस बढ़ा सकेगी, राज्य में पेसा एक्ट के नियम लागू करने के बाद अब सरकार का फोकस इसके क्रियान्वयन और आदिवासी क्षेत्रों की ग्रामसभाओं और आदिवासी समाज को इसका लाभ दिलाने पर है, इसको लेकर मुख्य सचिव ने 6 फरवरी को सभी संबंधित विभागों के अफसरों को एक्शन संबंधी रिपोर्ट के साथ तलब किया है. इस बैठक में विभागों के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद उसका क्रियान्वयन करने पर चर्चा की जाएगी. विधानसभा चुनाव के पहले इसे पूरी तरह क्रियान्वित करने पर फोकस किया जा रहा है.

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पेसा के तहत आदिवासी गांव पर सरकार का पूरा ध्यान: पेसा नियम 2022 के प्रावधानों की जानकारी देने उनके प्रचार- प्रसार तथा आवश्यक प्रशिक्षण का काम काफी हद तक हो चुका है, इसलिए सरकार ने अब इसके आगे की प्रक्रिया के लिए कहा है. प्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखंड के 11577 ग्रामों में पेसा नियम लागू हुए हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने बैंक खाते खुलवाने, शांति एवं विवाद निवारण समिति, ग्रामों में वन संसाधन नियंत्रण समिति गठन, तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं विपणन कार्य के लिए काम करने को कलेक्टरों को निर्देशित किया है. राजस्व विभाग में फौती नामांतरण का कोई प्रकरण शेष न रहे और वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के लिए समय-सीमा पर कार्य किया जाए.

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