भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग के एमपी बोर्ड ने 10 वीं के रिजल्ट में सुधार के लिए 2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना शुरू की थी. इसमें प्रावधान किया गया था कि कक्षा दसवीं में 6 सब्जेक्ट में से 1 सब्जेक्ट में फेल होने के बाद भी स्टूडेंट्स को पास कर दिया जाता था. इसका नतीजा यह हुआ कि स्टूडेंट्स ने गणित, अग्रेंजी, विज्ञान जैसे सब्जेक्टस में रुचि लेना ही कम दिया.
बेस्ट फाइव का विपरीत असर : इसकी वजह से आगे की प्रतियोगी परिक्षाओं और पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत समग्र मूल्यांकन को देखते हुए इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इस योजना को बंद करने पर इसके दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
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सीबीएसई की तर्ज पर विकल्प की तैयारी : उधर, बेस्ट ऑफ फाइव योजना के विकल्प के तौर पर एमपी बोर्ड के दसवीं में छात्रों को गणित में दो ऑप्शन देने की तैयारी की जा रही है. इसमें स्टूडेंट्स सामान्य गणित और विशिष्ठ गणित में से कोई एक विषय चुन सकेंगे. इसका फायदा यह होगा कि जो स्टूडेंट मैथ्स सब्जेक्ट को लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, वे विशिष्ट गणित सब्जेक्ट को चुन सकेंगे. जबकि बाकी स्टूडेंट्स सामान्य गणित का चयन कर सकेंगे. इस तरह की व्यवस्था सीबीएसई बोर्ड द्वारा इसी साल से शुरू की गई है. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों के मुताबिक अभी इस तरह के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. अभी इसको लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.