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एमपी बोर्ड परीक्षा में बांट दिए गलत पेपर, अभिभावक ने बच्चे को गोद में बैठा कर दिलाया एग्जाम, कई छात्रों ने खड़े होकर लिखे जवाब - MP board exam paper Breach of confidentiality

मध्यप्रदेश में 5वीं और 8वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा में अव्यवस्थाओं का आलम नजर आ रहा है. कई सेंटर पर गलत पेपर पहुंच गए तो कई केंद्रों में बच्चों को बैठने के लिए जगह नहीं मिली. हद तो तब हो गई जब एक अभिभावक ने बच्चे को गोद में बैठाकर परीक्षा दिलाई. कई बच्चे कॉरीडोर में टाट-पट्टी पर बैठकर तो कई खड़े-खड़े पेपर लिखते नजर आए.

mp board exam
एमपी बोर्ड परीक्षा
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Published : Mar 26, 2023, 9:29 AM IST

एमपी बोर्ड परीक्षा

भोपाल। मध्यप्रदेश में 10वीं-12वीं के बाद 5वीं और 8वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा में भी पेपर की गोपनीयता भंग हो रही है. कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुईं. पहले दिन ही परीक्षार्थी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का शिकार हो गए. भोपाल के साथ मिसरोद, उज्जैन में परीक्षा सेंटरों पर बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर और खड़े होकर एग्जाम देते हुए दिखाई दिए. उधर, राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक इसे बड़ी गलती नहीं मान रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब पूरी तैयारी नहीं थी तो बोर्ड परीक्षा कराने की क्या जल्दबाजी थी.

गोद में बैठकर दी परीक्षा: भोपाल के पंचशील नगर स्थित सरदार पटेल स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के चलते उन्हें बाहर कॉरिडोर में ही बैठा दिया गया. भोपाल के ही डीएवी स्कूल में बने सेंटर पर एक अभिभावक अपने बच्चे को गोद में बैठाकर एग्जाम हॉल के अंदर परीक्षा दिलाते नजर आए. बताया गया कि यह 5वीं का छात्र था.

नहीं मिली बैठने की जगह: विदिशा जिले में एक परीक्षा सेंटर पर विज्ञान की जगह सामाजिक विज्ञान का पेपर बच्चों को दे दिया गया. पेपर को देख बच्चे हैरान रह गए. इसके बाद आनन-फानन में इसे बदलवाया गया. उज्जैन के उन्हेल में परीक्षार्थियों को ग्राउंड में ही टाट-पट्टी पर बैठाया गया जबकि निवाड़ी में कई बच्चे सामूहिक रूप से पेपर देते नजर आए. कई अभिभावकों का आरोप था कि प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल के बच्चों को बिना रोल नंबर के अलग-अलग बैठाया जा रहा है. प्राइवेट स्कूल के बच्चों को बाहर जबकि सरकारी स्कूल के बच्चों को क्लासरूम्स में बैठाने की व्यवस्था की गई है.

बोर्ड परीक्षा से मिलती-जुलती ये खबरें जरूर पढ़ें...

शिक्षा केंद्र पर उठे सवाल: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है, 'हमने पहले ही कहा था कि बच्चे परीक्षा के लिए तैयार नहीं हैं.' अजीत सिंह ने राज्य शिक्षा केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तैयारी नहीं थी तो आनन-फानन में परीक्षा कराने की क्या जरूरत थी. उधर, राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक एस. धनराजू का कहना है, 'कई जगह से शिकायत मिली कि पेपर गलत मिल गया है. लेकिन गोपनीयता भंग नहीं हुई है. पेपर देखने के बाद जैसे ही पता चला कि पेपर दूसरे सब्जेक्ट का है तो उसे वापस पैक करके संबंधित विषय का पेपर दे दिया गया था. जल्दबाजी में यह गलती हो जाती है.'

एमपी बोर्ड परीक्षा

भोपाल। मध्यप्रदेश में 10वीं-12वीं के बाद 5वीं और 8वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा में भी पेपर की गोपनीयता भंग हो रही है. कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुईं. पहले दिन ही परीक्षार्थी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का शिकार हो गए. भोपाल के साथ मिसरोद, उज्जैन में परीक्षा सेंटरों पर बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर और खड़े होकर एग्जाम देते हुए दिखाई दिए. उधर, राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक इसे बड़ी गलती नहीं मान रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब पूरी तैयारी नहीं थी तो बोर्ड परीक्षा कराने की क्या जल्दबाजी थी.

गोद में बैठकर दी परीक्षा: भोपाल के पंचशील नगर स्थित सरदार पटेल स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के चलते उन्हें बाहर कॉरिडोर में ही बैठा दिया गया. भोपाल के ही डीएवी स्कूल में बने सेंटर पर एक अभिभावक अपने बच्चे को गोद में बैठाकर एग्जाम हॉल के अंदर परीक्षा दिलाते नजर आए. बताया गया कि यह 5वीं का छात्र था.

नहीं मिली बैठने की जगह: विदिशा जिले में एक परीक्षा सेंटर पर विज्ञान की जगह सामाजिक विज्ञान का पेपर बच्चों को दे दिया गया. पेपर को देख बच्चे हैरान रह गए. इसके बाद आनन-फानन में इसे बदलवाया गया. उज्जैन के उन्हेल में परीक्षार्थियों को ग्राउंड में ही टाट-पट्टी पर बैठाया गया जबकि निवाड़ी में कई बच्चे सामूहिक रूप से पेपर देते नजर आए. कई अभिभावकों का आरोप था कि प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल के बच्चों को बिना रोल नंबर के अलग-अलग बैठाया जा रहा है. प्राइवेट स्कूल के बच्चों को बाहर जबकि सरकारी स्कूल के बच्चों को क्लासरूम्स में बैठाने की व्यवस्था की गई है.

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शिक्षा केंद्र पर उठे सवाल: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है, 'हमने पहले ही कहा था कि बच्चे परीक्षा के लिए तैयार नहीं हैं.' अजीत सिंह ने राज्य शिक्षा केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तैयारी नहीं थी तो आनन-फानन में परीक्षा कराने की क्या जरूरत थी. उधर, राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक एस. धनराजू का कहना है, 'कई जगह से शिकायत मिली कि पेपर गलत मिल गया है. लेकिन गोपनीयता भंग नहीं हुई है. पेपर देखने के बाद जैसे ही पता चला कि पेपर दूसरे सब्जेक्ट का है तो उसे वापस पैक करके संबंधित विषय का पेपर दे दिया गया था. जल्दबाजी में यह गलती हो जाती है.'

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