भोपाल। एमपी विधानसभा चुना 2023 के लिए बीजेपी हाईकमान ने 51 फीसदी वोट के साथ 200 सीटें जीतने का टारगेट दिया है, जिसके लिए पार्टी के दिग्गज मैदानी जमीन की हकीकत जानने ठंड में पसीना बहा रहे हैं. पार्टी को लग रहा है कि गुजरात की ही तरह मप्र में भी रिकॉर्ड जीत (MP Assembly Election 2023) के साथ सत्ता में आया जाए, इसके लिए जहां पार्टी का थिंक टैंक रणनीति बनाने में जुटा हुआ है तो वहीं दिग्गज पदाधिकारी प्रदेशभर में दौरे कर रहे हैं.
विधायक और मंत्रियों पर मंडरा रहा खतरा: विधानसभा चुनाव के पहले मंत्रियों और विधायकों का मैदानी सर्वे अब पार्टी पर चिंता की लकीरें दिखा रहा है, सर्वे के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों को हकीकत बता चुके हैं. सूत्रों की मानें तो सर्वे (MP BJP Survey) में करीब 12 मंत्री और करीब 50 से 60 विधायकों को लेकर एंटी इनकमबैंसी है, सीएम शिवराज सिंह ने उन्हें कमियों को समय रहते ठीक करने की नसीहत दी है. इसके अलावा पार्टी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद चुनावी रणनीति पर मंथन कर रहे हैं.
MP Mission 2023 जबलपुर में BJP की बैठक, 2018 में मिली हार पर दिग्गजों का मंथन
ग्राउंड रियलिटी जानने के लिए निचले स्तर तक बैठकें: संगठन के नेताओं के लिए बैठक का जो फार्मेट तय हुआ है, उसके मुताबिक जिले में जाकर पहले जिला पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक, मोर्चा के जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों से फीडबैक को लेकर प्रकोष्ठों के जिला संयोजकों के साथ बैठक, जिला कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक, जिले में हारी हुई विधानसभा की प्रबंधन समिति के साथ बैठक, वोटर्स के साथ चर्चा, पार्टी के किसी कार्यकर्ता के घर अनिवार्य रूप से भोजन करना और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात के अलावा प्रबुद्धजनों से चर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है.
विधायको की रिपोर्ट ले रहा है संगठन: संगठन का नेताओं की बैठक में विधायकों पर खास फोकस है. जिला और मंडल के नेताओं से विधायक के कामकाज और कार्यप्रणाली के बारे में भी बात की जा रही है, इसके अलावा जिलों में जाकर ये नेता हारी हुई सीटों पर खास फोकस कर रहे हैं कि पिछला चुनाव क्यों हारे, क्या कमियां थीं और इस बार किन मुद्दों पर फोकस कर चुनाव जीता जा सकता है, इस बारे में भी नेताओं से सुझाव ले रहे हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अलग-अलग क्षेत्रों में बैठक ले रहे हैं, उनका कहना है कि "बैठकें रूटीन कार्यक्रमों का हिस्सा होती हैं, लेकिन इस बार हमारा फोकस बूथ तक है. हमने बूथ को डिजिटल किया और सोशल मीडिया पर भी हमारे कार्यकर्ता एक्टिव दिखाई दे रहे हैं."
कमजोर गढ़ों को भेदने की तैयारी में भाजपा: भाजपा के प्रदेश सहप्रभारी और सांसद रामशंकर कठेरिया इन दिनों ग्वालियर चंबल के दौरे पर हैं, वे तीन दिन यहां रहकर भिंड, मुरैना और दतिया में जिले के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. बाद में इन जिलों के दौरे की रिपार्ट केन्द्रीय नेतृत्व को देंगे, वहीं प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भोपाल आकर हरदा पहुंचे, जहां उन्होंने सातों मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की. अब वे बैतूल और नर्मदापुरम भी जाएंगे, यहां एक-एक दिन का समय देकर कोर कमेटी, जिला, मंडल के पदाधिकारियों समेत समान विचारधारा वाले संगठन के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान वे संगठन के नेता कार्यकर्ताओं के विभिन्न समूहों के साथ बैठकें कर जमीनी फीडबैक लेंगे. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जबलपुर, नरसिंहपुर में सक्रिय हैं ,तो प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद रीवा पहुंचे और जहां उन्होंने उमरिया जाकर कार्यकर्ताओं को चुनावी जीत और कांग्रेस पर हमला करने का मंत्र पढ़ाया. बता दें कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश का प्रभार संभाल रहे नेताओं को प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने को कहा है, इसी के तहत नेताओं के दौरे चुनावी साल में बढ़ने वाले हैं.
कमलनाथ भी मैदान में सक्रिय: एक तरफ जहां बीजेपी के तमाम नेता चुनावी मैदान में जीत की रणनीति रच रहे हैं, तो वहीं कमलनाथ भी उन जगहों पर चुनावी दौरा कर रहे हैं जहां पर बीजेपी की मजबूत स्थिति रही है. विंध्य के दौरे पर कमलनाथ पुरानी जमीन को मजबूत करने में जुटे हैं और उन्होंने वहां पर बीजेपी पर सीडी के जरिए हमला बोला. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, "मैंने भी वो सीडी देखी है, जिसमे बीजेपी के लोग है."
कांग्रेस पोस्टर्स के जरिए बढ़ा रही मनोबल: नए साल में कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने वाले पोस्टर्स अब भोपाल में नहीं बल्कि छिंदवाड़ा में भी 'नई साल, नई सरकार' के होर्डिंग्स दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस का मानना है कि ये नई रणनीति मानसिक तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी.