भोपाल। कौन से नेता दक्षिण में बनेंगे बीजेपी का उत्तर. पांच राज्यों के चुनाव की वजह से इस बार नेताओं के इम्तेहान के दिन खत्म होने के नाम नहीं ले रहे. पिछले छह महीने से अपने क्षेत्र में जुटे बीजेपी के कद्दावर मंत्री और विधायक अपने चुनाव से फ्री होते ही अब तेलंगाना जाएंगे. जिन मंत्रियो को तेलंगाना प्रचार के लिए भेजा जा रहा है, उनमें सांसद केपी यादव के अलावा मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल अरविंद भदौरिया राजेन्द्र शुक्ल, विश्वास सारंग और मोहन यादव का नाम बताया जा रहा है.
हिंदुत्व की राजनीति करने वाले नेता ज्यादा : खास बात ये है कि इनमें आरएसएस की पृष्ठभूमि और हिंदुत्व की राजनीति की करते रहे नेताओं को तरजीह दी गई है. इन विधायकों और नेताओं की भी ड्यूटी मंत्रियों के अलावा जिन नेताओं को तेलंगाना प्रचार की कमान संभालने भेजा जा रहा है, उनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता बंशीलाल गुर्जर, जीतू जिराती आईडीए के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, विधायक रामेश्वर शर्मा, जगेन्द्र सिंह पटेल के नाम प्रमुख रूप से हैं. एमपी के इन नेताओं को इस मकसद से तेलंगाना भेजा जा रहा है कि वे वहां पर बीजेपी के सत्ता में आने की उपलब्धियां वोटर को गिनाएं. बताएंगे कि बीजेपी की सरकार होने से आम आदमी की जिंदगी में किस तरह से बदलाव आता है.
डबल इंजन सरकार के लाभ गिनाएंगे : दूसरी रणनीति डबल इंजन की सरकार को हाईलाइट करने की है. जिसे पांच राज्यों के चुनाव में कमोबेश हर राज्य में बीजेपी प्रचारित कर रही है. बीजेपी के ये नेता बताएंगे किस तरह से डबल इंजन की सरकार के बूते केन्द्र से राज्य तक विकास की रफ्तार तेज होती जाती है. तेलंगाना में वैसे कुल तीन प्रमुख दल बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला बताया जा रहा है. कहा ये भी जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी अपनी जमीन मजबूत करने मे जुटी है.
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बीजेपी शासित राज्यों की उपलब्धियां गिनाएंगे : वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं ये बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है कि वे बीजेपी शासित राज्यों की सफलता दिखाकर तेलंगाना जैसे राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी की प्लान ये भी है कि वोटर को ये बताया जाए कि किस तरह केन्द्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार किसी भी राज्य की प्रगति को मजबूत कर सकती है.