भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए मतदान के बाद अब राजनीतिक दलों की नजरे 3 दिसंबर को होने वाली वोटों की गिनती पर टिकी हैं. मतदान में विरोधी गड़बड़ी न करें, इसके लिए बीजेपी ने अपनी पुख्ता तैयारी शुरू कर दी हैं. मंगलवार को दिग्गजों के मंथन के बाद अब बीजेपी काउंटिंग टेबल के लिए एजेंटों की तैनाती में जुटी है. इधर कमलनाथ ने 26 नवंबर को कांग्रेस के सभी 230 उम्मीदवारों को भोपाल बुलाया है, जिन्हें विशेष ट्रेनिग दी जाएगी.
कांग्रेस ने भी कसी कमर: वहीं, कांग्रेस भी मतगणना की जमावट में जुटी है. कांग्रेस ने भी काउंटिंग एजेंट्स के साथ सभी तरह की जिम्मेदारियां देनी शुरू कर दी हैं. कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों से कांग्रेस उम्मीदवारों को 26 नवंबर को राजधानी भोपाल बुलाया है. इसी दिन सभी प्रत्याशियों को मतगणना को लेकर विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. कांग्रेस ने अपने एजेंटो को विशेष तैयारी और ट्रेनिंग के भोपाल बुलाया है. जहां पर कमलनाथ और उनकी चुनावी टीम बीजेपी और उन अधिकारियों पर कैसे नजर रखे जो गड़बड़ कर सकते हैं. ऐसी स्थिति के लिए कांग्रेस को सतर्क रहने को कहा गया है.
पहले डाक मतपत्रों को गिना जाएगा: प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा. सबसे पहले डाक मतपत्रों को गिना जाएगा. इसमें सेवा मतदाता, चुनाव में ड्यूटी वाले कर्मचारी, 80 वर्ष से अधिक आयु और दिव्यांगों के मतपत्र गिने जाएंगे. इसके बाद EVM में दर्ज मतों की काउंटिंग शुरू होगी. जब तक डाक मतपत्रों की गिनती पूरी नहीं हो जाती है, तब तक ईवीएम के अंतिम चक्र की गिनती प्रारंभ नहीं की जाएगी.
काउंटिंग के लिए 14-14 टेबलें: प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की मतगणना के लिए 14-14 टेबलें लगेंगी. जहां उम्मीदवारों की संख्या कम होगी, वहां के परिणाम पहले सामने आएंगे. प्रक्रिया की जानकारी, मतपत्रों की गिनती, चक्रवार परिणाम की घोषणा होने के बाद ही आगे बढ़ने, परिणाम की घोषणा की सत्यापित प्रतिलिपि लेने और संदेह होने पर आपत्ति की प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा. इसके लिए मतगणना संबंधी दिशानिर्देश तैयार करके दिए जाएंगे. जिला और विधानसभा स्तर पर अभिकर्ताओं को ईवीएम जब मतगणना स्थल पर लाई जाएगी. मतों की गणना शुरू होगी तो मशीन की सील कैसे देखनी है, यदि कोई संदेह होता है तो उसकी शिकायत कैसे करनी है, फार्म सी के माध्यम से मतदान की जो जानकारी मिली है, उससे मतों का मिलान कैसे करना है, इसके बारे में बताया जाएगा.
सांसद मंत्री और विधायक नहीं बन सकते मतगणना एजेंट: कोई भी उम्मीदवार मंत्री, सांसद और विधायकों को मतगणना अभिकर्ता नहीं बना सकता है. उम्मीदवार के साथ दो अभिकर्ताओं को मतगणना केंद्र पर प्रवेश की अनुमति रहेगी. सहकारी संस्थान, निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को भी मतगणना स्थल के अंदर जाने की अनुमति नहीं रहेगी. वेबकास्टिंग की व्यवस्था मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा की जा रही है. तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना को कार्य संपन्न कराया जाएगा.