भोपाल। सोमवार को कृष्ण जन्मअष्टमी देश भर के साथ पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यालयों में भी मनाई गई. भोपाल बीजेपी के कार्यालय में इसकी विशेष धूम देखी गई. खुद सीएम शिवराज सिंह, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित सरकार के कई मंत्री परिवार सहित मौजूद रहे. कृष्ण जन्मोत्सव के अगले ही दिन इस पर राजनीति भी जमकर हुई. बीजेपी ने कांग्रेस पर जन्माष्टमी धूमधाम से न मनाने और चुनाव देखकर धर्म याद आने को लेकर निशाना साधा. इस बीच भोपाल में लगाए गए पोस्टर को लेकर भी बीजेपी काफी आक्रामक नजर आई. पार्टी ने पोस्टर को कांग्रेस की दूषित मानसिकता की पहचान बताया है.
पोस्टर में कमलनाथ को कृष्ण और शिवराज को कंस बताया
जन्माष्टमी के मौके पर बीजेपी के कार्यालयों में जहां कृष्ण भक्ति हो रही थी वहीं कांग्रेस कार्यालय पर लगाए एक पोस्टर ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया. कांग्रेस कार्यालय के गेट पर लगाए गए इस पोस्टर में कमलनाथ को भगवान कृष्ण और शिवराज सिंह को कंस की भूमिका में दिखाया गया है. इसके साथ ही पोस्टर में पॉलिटिकल मैसेज देते हुए यह भी लिखा गया है कि मध्य प्रदेश कमलनाथ जैसे विकास पुरुष को चाहता है और मामा कं...(शिवराज सिंह) से मुक्ति चाहता है. इसके साथ ही पोस्टर में कमलनाथ सरकार के दौरान की गई घोषणाओं को उनका छिंदवाड़ा विकास मॉडल और बीजेपी की सरकार की घोषषाओं और सीएम शिवराज सिंह को घोषणावीर बताया गया है. इसपर बीजेपी ने कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए इसे दूषित मानसिकता वाली पार्टी बताया है.
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नंद को आनंद भयो!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
जय कन्हैयालाल की!!
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की...#श्रीकृष्णजन्माष्टमी pic.twitter.com/IzdYB4jZFk
">नंद को आनंद भयो!
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चुनाव के मौसम में ही धार्मिक होती है कांग्रेस
बीजेपी के कार्यालयों में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाए जाने और इस मौके पर कांग्रेस कार्यालय के सूना रहने पर भी बीजेपी ने सवाल उठाए. चिकित्सा शिक्षा मंत्रीं विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे सिर्फ चुनाव के समय में ही धर्म समझ में आता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उत्तरभारत में जनेऊधारी ब्राह्मण बन जाते हैं और वायनाड जाते ही टोपी पहन लेते हैं. कांग्रेस चुनाव के समय ही अपने वोट बैंक के हिसाब से ही धार्मिक होती है. बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस का कहना है कि हमने भी पार्टी कार्यालय और अपने घरों में जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की है, लेकिन हम बीजेपी की तरह ढिंढोरा नहीं पीटते.
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हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने का @INCIndia ने शगल बना लिया है। चाहे वह सोनिया गांधी जी को दुर्गा बताना हो, @RahulGandhi का कोट के उपर जनेऊ पहनना हो या अब महान भारत को बदनाम भारत बताने वाले कमलनाथ जी हों। @INCMP हिंदू धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को लगातार आहत करने का काम कर रही है। pic.twitter.com/WfetZAcgH4
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बीजेपी-कांग्रेस, सबको वोट बैंक की चिंता
धर्म से खुद और पार्टी को जोड़ना और उसका किस तरह फायदा लेना यह सियासतदानों से ज्यादा अच्छी तरह भला और कौन जान सकता है. यहीं वजह है मध्यप्रदेश में जहां बीजेपी हार्ड हिंदुत्व के एजेंडे पर चलकर लोगों से वोट मांगती है तो वहीं कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलकर लोगों को अपना बनाने की कोशिश करती है, लेकिन सावधानी बरतते हुए कांग्रेस को लगता है कि अगर वह बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व वाले रास्ते पर चली तो कहीं दूसरे संप्रदायों का वोट बैंक न खो दे.
शायद यही वजह है कि 2018 के चुनाव के वक्त अपने चुनाव अभियान की शुरुआत हिंदू देवी देवताओं के मंदिर पर मत्था टेककर करने वाली पार्टी का कार्यालय जन्माष्टमी के मौके पर सूना रहा. जबकि इसके पहले कांग्रेस कार्यालयों पर दुर्गा अष्टमी और गणेश उत्सव जैसे आयोजन होते रहे हैं, लेकिन भगवान कृष्ण से दूरी क्यों बना ली इसे लेकर पार्टी नेता गोलमोल जबाव देते नजर आए. दूसरी तरफ बीजेपी को यह कहकर कांग्रेस को घेरने का मौका हाथ लग गया है कि अब उपचुनाव आने वाले हैं तो कांग्रेस को फिर से भगवान याद आने लगेंगे.