भोपाल। प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए आयुष विभाग द्वारा प्रमुख भूमिका निभाई जा रही है. लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुष विभाग की औषधियां कारगर साबित हो रही हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान के आव्हान के बाद आयुष विभाग ने प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 3 करोड़ 14 लाख से भी ज्यादा लोगों तक औषधियां पहुंचाने का काम किया है.
प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा आम लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव और इलाज के लिए बड़े पैमाने पर आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी पद्धति का प्रयोग किया जा रहा है. इसके तहत आयुष विभाग के 1 हजार 847 दलों द्वारा गत मार्च से विभिन्न पद्धतियों की दवा और खास तौर पर आयुर्वेदिक काढ़े का डोर-टू-डोर वितरण किया जा रहा है.
इसके अलावा होम्योपैथी पद्धति से अब तक कई मरीजों का इलाज भी किया गया है. राजधानी में ही कई मरीज कोरोना मुक्त हो चुके हैं. आयुर्वेद और होम्योपैथी की दवाइयां संक्रमण काल में काफी कारगर साबित हो रही हैं, जिसका लोगों को फायदा भी मिल रहा है, तो वहीं प्रदेशभर में आयुष विभाग की टीमें अभी भी लगातार लोगों तक औषधियां पहुंचाने में जुटी हुई हैं.
इन दलों में सम्मिलित आयुष चिकित्सक, पैरामेडिक और आयुष चिकित्सक छात्रों द्वारा अब तक प्रदेश के एक करोड़ 29 लाख परिवारों के 3 करोड़ 14 लाख से अधिक लाभार्थियों को आयुष विभाग रोग प्रतिरोधक औषधियों का वितरण किया गया है. इनमें एक करोड़ 29 लाख शहरी क्षेत्र और एक करोड़ 85 लाख ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी शामिल हैं. चिकित्सा पैथियों के मान से 48 लाख परिवारों को आयुर्वेदिक दवा, 77 लाख परिवारों को होम्योपैथी दवा और 4 लाख परिवारों को यूनानी दवा दी गई. इस प्रकार कुल एक करोड़ 44 लाख आयुर्वेदिक दवा, एक करोड़ 54 लाख होम्योपैथी दवा और 16 लाख 60 हजार नागरिकों को यूनानी दवा वितरित की जा चुकी है.
यही नहीं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक आयुष विभाग, मध्यप्रदेश ने आयुर्वेदिक काढ़ा, सनशवनी वटी और अणु तेल का वितरण भी 23 मार्च से अभी तक लगातार किया जा रहा है. सीएम द्वारा 27 अप्रैल 2020 से इसे जीवन अमृत योजना के तहत लिया गया है. इसमें प्रदेश के एक करोड़ नागरिकों को त्रिकटू काढ़ा (चूर्ण) नि:शुल्क वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. योजना के तहत 24 जून तक एक करोड़ 44 लाख 10 हजार व्यक्तियों को त्रिकटू काढ़े का वितरण किया जा चुका है. इसमें 27 अप्रैल के बाद लाभान्वित 72 लाख 61 हजार व्यक्ति भी सम्मिलित हैं. काढ़े की मॉनिटरिंग के लिए इसे 'सार्थक एप' से भी जोड़ा गया है.