भोपाल। विधानसभा में मंगलवार को स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. शोर-शराबे और नारेबाजी के चलते विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. बता दें कि कांग्रेस ने जीतू पटवारी के निलंबन के बाद विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने के लिए सूचना दी थी. इसे लेकर 14 दिन बीत चुके हैं. लिहाजा विपक्ष ने सदन में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा लेकिन इसे ग्राह्य नहीं किया गया. जिसको लेकर विपक्ष ने खासा हंगामा किया. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'कांग्रेस को संकल्प लाना चाहिए था. सदन में विपक्ष की तरफ से कोई संकल्प नहीं लाया गया. सत्र के आखिरी दिन विपक्ष को अविश्वास याद आया है.'
टुकड़ों में बंटी कांग्रेस: नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'कांग्रेस बंटी हुई है. सज्जन वर्मा ने तो नेता प्रतिपक्ष पर ही आरोप लगा दिए कि आप सरकार से मिले हुए हो. कांग्रेस को नहीं पता कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास नहीं आता बल्कि संकल्प आता है. कांग्रेस को आखिरी दिन अविश्वास याद आया. मुझे तो आश्चर्य होता है कि कांग्रेस के एक सदस्य का निलंबन हो जाता है लेकिन पार्टी ने निलंबन वापसी के लिए कुछ नहीं किया. कांग्रेस की हालत ये है कि बहिर्गमन के दौरान आधे कांग्रेसी बैठे रहे और आधे बाहर आ गए.'
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नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग किया गया: नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'सत्ता पक्ष गलत जानकारी दे रहा है. हमने 3 मार्च को संकल्प दिया था लेकिन उसे ग्राह्य नहीं किया गया. पूरी तानाशाही चल रही है.' वहीं, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को अलग-थलग कर दिया गया है. उनको वहां से गाइड किया जाता है, जो मुख्यमंत्री रहते एक दिन भी सदन में नहीं आए थे. गोविंद सिंह अनगाइडेड मिसाइल से घायल हो रहे हैं.