भोपाल। पुराने भोपाल का जो इलाका सुबह 11 बजे आंखे खोलता हो. बाकी दिनों के मुकाबले चुनाव का बिगुल बजने के बाद उसकी नींद तो जल्दी टूट गई बेशक....लेकिन इत्मीनान में रहने वाला ये वोटर उस फुर्ती से पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंच पाया. हम भोपाल के उन्हीं इलाकों में पहुंचे जो संवेदनशील भी माने जाते हैं और इस बार जिन सीटों पर मुकाबला भी जरा पेचीदा है. भोपाल की उत्तर और मध्य विधानसभा सीट. जहां दिन चढ़ने तक वोटर घर से नहीं निकला. जवाब ये आया कि नवाबों का शहर देर से ही जागता है. दूसरी वजह क्या जुमे ने भी थामी वोटिंग की रफ्तार...देखिए ग्राउण्ड रिपोर्ट.
उत्तर से उठा सवाल बूथ पर कब आएगा वोटर: उत्तर भोपाल के पोलिंग बूथ में हम सुबह साढे़ आठ बजे पहुंच गए थे. अमूमन भोपाल के इस हिस्से का ये जागने का वक्त नहीं है. इसकी तस्दीक पोलिंग बूथ पर एक दो वोटरों की चहलकदमी भी कर रही है. पोलिंग बूथ पर गिनती के ही वोटर पहुंचे. यहां 78 वर्ष के एक बुजुर्ग जरुर अपने बेटों के साथ वोट डालने पहुंचे. हालांकि शारीरिक रुप से अक्षम लोगों के लिए चुनाव आयोग ने घर से ही मतदान के इंतजाम करवाए थे, लेकिन इन्हें इसकी जानकारी नही थी. बुजुर्गवार हैदर ने पिछले चालीस सालों के चुनाव में कोई भी चुनाव मिस नहीं किया. यानि हर चुनाव में अपने वोट का इस्तेमाल किया है. इस बार भी बैसाखी के सहारे आए क्या देखकर वोट करते हैं....बुजुर्गवार मुस्कुराते हुए कहते हैं जो जनता की आवाज़ सुन सके.
बधाई ना अटके तो सुबह ही कर दिया मतदान: मध्य इलाके में इतवारा इलाके में आना वाला एक पोलिंग बूथ ऐसा भी है. जहां किन्नर वोट करने जाते हैं. हम उसी पोलिंग बूथ की तलाश में यहां तक पहुंचे पर मालूम करने पर पता चला कि किन्नर सुबह ही टोलियों में अपना मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करके जा चुके थे. इतनी सुबह किन्नरों के वोट डालने की वजह ये बताई गई कि किन्नर नहीं चाहते थे कि उनकी बधाई में कोई अड़ंगा आए.
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संवेदनशील पोलिंग बूथ पर वोटर का टोटा: मध्य विधानसभा सीट का भोईपुरा का पोलिंग बूथ संवेदनशील में गिना जाता है. यहां एक ही कैम्पस में दो पोलिंग बूथ है. लेकिन दोनों में ही गिनती के वोटर पहुंच रहे हैं. बाहर समर्थकों के साथ आम लोगों की जो भीड़ जमा है. उनसे हम बात करते हैं. क्या वजह है कि इस बार भोपाल में वोटिंग इतनी धीमी है. इस पर सादिक कहते हैं जुमा है लोग फारिग होकर दोपहर बाद घर से निकलेंगे. शाम के आखिरी घंटे देखिएगा वोटिंग कैसे बढ़ती है. मोहम्मद यूनूस कहते हैं नवाबों का शहर है मैडम नवाब देर से ही घर से निकलते हैं.