भोपाल। 'एमपी मिशन 2023' की चुनावी तैयारियों में जुटी बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य को युवा वोटर तय करेंगे, दरअसल मध्यप्रदेश में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 2.83 करोड़ है, जो कुल मतदाताओं की संख्या का करीबन 52 फीसदी है. मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार है, वहीं 11 लाख 81 हजार वोटर ऐसे हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इस तरह कहा जा सकता है कि युवा वोटर प्रदेश की नई सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं, यही वजह है कि सरकार बेरोजगारी जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संजीदा है.
किस उम्र वर्ग के कितने मतदाता: निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में नाम जुडवाने के लिए चलाए गए अभियान में प्रदेश भर में 13.39 लाख मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं, इसमें 1 लाख 8 हजार मतदाता ऐसे हैं, जो 17 साल से ऊपर हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले 18 साल की उम्र पूर्ण कर लेंगे. प्रदेश में 18 से 19 साल के मतदाताओं की संख्या 11.81 लाख है और यह पहला मौका होगा, जब यह पहली बार वोट डालेंगे. इसी तरह 20 से 29 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1.29 करोड़ है और 30 से 39 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1.44 करोड़ हैं, इस तरह देखा जाए तो प्रदेश में 18 से 39 साल के युवा वोट 2.83 करोड़ हैं. इन वोटर्स में कॉलेज जाने वाले से लेकर बेरोजगार, नौकरीपेशा और काम-धंधा करने वाले युवा शामिल हैं. (young voters will elect mp government) इसके अलावा पहली बार वोट डालने वाले युवा वोटर्स की संख्या कुल मतदाताओं के हिसाब से करीबन 2 फीसदी है, वैसे देखा जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार-जीत का अंतर ही एक फीसदी से भी कम रहा था. बीजेपी को 41.0 प्रतिशत, जबकि कांग्रेस को 40.9 फीसदी रहा था.
युवाओं को लुभाने की कोशिश में सरकार: आगामी विधानसभा चुनाव में (MP Assembly Election 2023) बेरोजगारी मुद्दा न बने, इसके लिए प्रदेश सरकार पहले से ही जुट गई है. प्रदेश में 1 लाख 10 हजार पदों पर भर्तियां की जा रही हैं, जो अगस्त माह तक पूरी कर ली जाएंगी. साथ ही सरकार की कोशिश इन भर्तियां को डेढ़ लाख तक पहुंचाने की है, इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के लिए लगातार रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है. पिछले साल सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना, संत रविदास स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना, मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना जैसे कई योजनाएं शुरू की गई है. वहीं प्रदेश सरकार इसी माह युवा नीति भी लाने जा रही है, इसके लिए कॉलेज स्तर पर युवाओं से संवाद किया जा रहा है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी के मुताबिक "सरकार युवा सहित सभी वर्गों का पूरा ख्याल करती हैं, सभी वर्गों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और इन योजनाओं का लोगों को पूरा लाभ मिल सके, इसकी भी चिंता सरकार कर रही है."
कांग्रेस उठा रही सभी को रोजगार का मुद्दा: इधर कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा कर रही है, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि, "प्रदेश में आने वाली कंपनियों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के मौके नहीं मिल पा रहे, जबकि सरकार दावा करती है कि प्रदेश में आने वाली कंपनियों में सिर्फ प्रदेश के युवाओं को ही मौके मिलेंगे. जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ कुछ फीसदी प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल पा रहा है, प्रदेश में करीबन 29 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं, सरकार को सभी को रोजगार देना चाहिए."