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MP Assembly election 2023: 25 साल पहले जब मोदी ने संभाली थी MP की कमान, मोदी के इस फार्मूले पर बनी थी BJP की सरकार - मोदी ने 25 साल पहले एमपी की कमान संभाली

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिग्गज नेताओं का एमपी दौरा शुरु हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र 27 जून को भोपाल दौरे पर आने वाले हैं. जिसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से हो रही है. आपको बता दें 25 साल पहले मोदी ने एमपी चुनाव की कमान संभाली थी.

MP Assembly election 2023
सीएम शिवराज और पीएम मोदी
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Published : Jun 26, 2023, 10:45 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 11:08 PM IST

जानिए जब मोदी ने संभाली थी एमपी की कमान

भोपाल। 2023 में बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने एमपी आ रहे पीएम मोदी ने 25 साल पहले 1998 में एमपी के विधानसभा चुनाव की कमान संभाली थी. बीजेपी के संगठन महामंत्री रहते हुए नध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रहे पीएम मोदी ने गुजरात से क्यों बुलवाया था झंडे के कपड़ा. दो महीने लगातार मध्यप्रदेश की 320 सीटों की नब्ज़ पकड़कर वो कौन सा प्रयोग किया था. 2003 के विधानसभा चुनाव में जो बीजेपी की एहितासिक जीत की जमीन बनी.

MP Assembly election 2023
पीएम मोदी और सीएम शिवराज

1998 में मोदी ने दिया एमपी को जीत का फार्मूला: 1998 में पीएम मोदी मध्यप्रदेश में चुनाव प्रभारी के तौर पर आए. पार्टी में संगठन महामंत्री का दायित्व निभा रहे मोदी को 1998 में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी गई थी. उस समय पीएम मोदी के साथ चुनावी तैयारियों में दिन रात जुटे रहे पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा बताते हैं, शुरुआत में दो महीने के लिए जब मोदी मध्यप्रदेश आए तो उन्होंने फिर दिल्ली गुजरात का रुख ही नहीं किया. पूरा समय एमपी को दिया. और इतनी बारीकी से यहां की राजनीति को समझा कि किस विधानसभा सीट का क्या स्वभाव है. किसके पक्ष में माहौल जातिगत समीकरण क्या हैं. एक एक विधानसभा सीट का खाका तैयार कर लिया था. रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उसी समय पार्टी में एक प्रयोग हुआ था पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का. जो एक महीने के लिए अपना घर छोड़कर पार्टी के लिए काम करेंगे. पार्टी ने इन्हें नाम दिया विस्तारक. प्रदेश भर से ऐसे ढाई सौ कार्यकर्ता मैदान में निकले थे. इनका दायित्व था कि एक महीने लगातार ये चुनाव संचालक की मदद करेंगें. रघुनंदन शर्मा ने बताया कि इन पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को विजय व्रती कार्यकर्ता नाम दिया और ये संकल्प दिलाया कि 320 सीटों पर निकलने वाले ये विजयव्रती सरकार बनाकर ही लौटेंगे. रघुनंदन शर्मा कहते हैं असल में 2003 में एमपी में जो सरकार बनी उसकी नींव मोदी रख चुके थे.

MP Assembly election 2023
शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर

यहां पढ़ें...

MP Assembly election 2023
सीएम शिवराज और पीएम मोदी

जब पीएम मोदी ने गुजरात से बुलवाए 6 हजार झंडे: पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा अपने साथ हुआ वाकया याद करते हैं. वे बताते हैं मोदी चुनाव प्रभारी रहते हुए एक एक चीज का कितनी बारीकी से जानकारी रखते थे. इसका उदाहरण है ये. जब वे लगातार दो महीने मध्यप्रदेश में रहे. उस दौरान मैं मध्यप्रदेश में कार्यालय मंत्री था. उन्होंने मुझसे पूछा कार्यालय मंत्री हो ये बताओ प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कितने झंडे दे रहे हो. रघुनंदन शर्मा बताते हैं मैंने बताया कि दो सौ से लेकर पांच सौ तक के झंडे देंगे. जिस पर मोदी ने कहा कि इतने तो एक गांव में लग जाते हैं, महाराज ऐसे कैसे चुनाव लड़ोगे. मोदी ने किसी को नहीं बताया. उस समय प्रदेश अध्यक्ष लिखीराम अग्रवाल थे. मोदी ने गुजरात फोन किया एक तिहाई हरा कपड़ा और दो तिदाई केसरिया कपड़ा बुलवाया. और 24 घंटे में इतना कपड़ा आ भी गया. रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उन्होंने मुझे कहा कि टेलर वगैरह से बात कर लो तुरंत झंडे सिलना चाहिए. हमने तीन दिन में झंडे सिलवाए पूरे प्रदेश में भिजवाए. पांच सौ के बजाए पांच हजार झंडे एक विधानसभा में पहुंचाए गए.

जानिए जब मोदी ने संभाली थी एमपी की कमान

भोपाल। 2023 में बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने एमपी आ रहे पीएम मोदी ने 25 साल पहले 1998 में एमपी के विधानसभा चुनाव की कमान संभाली थी. बीजेपी के संगठन महामंत्री रहते हुए नध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी रहे पीएम मोदी ने गुजरात से क्यों बुलवाया था झंडे के कपड़ा. दो महीने लगातार मध्यप्रदेश की 320 सीटों की नब्ज़ पकड़कर वो कौन सा प्रयोग किया था. 2003 के विधानसभा चुनाव में जो बीजेपी की एहितासिक जीत की जमीन बनी.

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पीएम मोदी और सीएम शिवराज

1998 में मोदी ने दिया एमपी को जीत का फार्मूला: 1998 में पीएम मोदी मध्यप्रदेश में चुनाव प्रभारी के तौर पर आए. पार्टी में संगठन महामंत्री का दायित्व निभा रहे मोदी को 1998 में मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी गई थी. उस समय पीएम मोदी के साथ चुनावी तैयारियों में दिन रात जुटे रहे पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा बताते हैं, शुरुआत में दो महीने के लिए जब मोदी मध्यप्रदेश आए तो उन्होंने फिर दिल्ली गुजरात का रुख ही नहीं किया. पूरा समय एमपी को दिया. और इतनी बारीकी से यहां की राजनीति को समझा कि किस विधानसभा सीट का क्या स्वभाव है. किसके पक्ष में माहौल जातिगत समीकरण क्या हैं. एक एक विधानसभा सीट का खाका तैयार कर लिया था. रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उसी समय पार्टी में एक प्रयोग हुआ था पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का. जो एक महीने के लिए अपना घर छोड़कर पार्टी के लिए काम करेंगे. पार्टी ने इन्हें नाम दिया विस्तारक. प्रदेश भर से ऐसे ढाई सौ कार्यकर्ता मैदान में निकले थे. इनका दायित्व था कि एक महीने लगातार ये चुनाव संचालक की मदद करेंगें. रघुनंदन शर्मा ने बताया कि इन पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को विजय व्रती कार्यकर्ता नाम दिया और ये संकल्प दिलाया कि 320 सीटों पर निकलने वाले ये विजयव्रती सरकार बनाकर ही लौटेंगे. रघुनंदन शर्मा कहते हैं असल में 2003 में एमपी में जो सरकार बनी उसकी नींव मोदी रख चुके थे.

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शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर

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सीएम शिवराज और पीएम मोदी

जब पीएम मोदी ने गुजरात से बुलवाए 6 हजार झंडे: पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा अपने साथ हुआ वाकया याद करते हैं. वे बताते हैं मोदी चुनाव प्रभारी रहते हुए एक एक चीज का कितनी बारीकी से जानकारी रखते थे. इसका उदाहरण है ये. जब वे लगातार दो महीने मध्यप्रदेश में रहे. उस दौरान मैं मध्यप्रदेश में कार्यालय मंत्री था. उन्होंने मुझसे पूछा कार्यालय मंत्री हो ये बताओ प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कितने झंडे दे रहे हो. रघुनंदन शर्मा बताते हैं मैंने बताया कि दो सौ से लेकर पांच सौ तक के झंडे देंगे. जिस पर मोदी ने कहा कि इतने तो एक गांव में लग जाते हैं, महाराज ऐसे कैसे चुनाव लड़ोगे. मोदी ने किसी को नहीं बताया. उस समय प्रदेश अध्यक्ष लिखीराम अग्रवाल थे. मोदी ने गुजरात फोन किया एक तिहाई हरा कपड़ा और दो तिदाई केसरिया कपड़ा बुलवाया. और 24 घंटे में इतना कपड़ा आ भी गया. रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उन्होंने मुझे कहा कि टेलर वगैरह से बात कर लो तुरंत झंडे सिलना चाहिए. हमने तीन दिन में झंडे सिलवाए पूरे प्रदेश में भिजवाए. पांच सौ के बजाए पांच हजार झंडे एक विधानसभा में पहुंचाए गए.

Last Updated : Jun 26, 2023, 11:08 PM IST
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