भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी ने सिख दंगों को लेकर कमलनाथ पर निशाना साधा है. सिख दंगों में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट फाइल होने के बाद बीजेपी ने सिख दंगों को लेकर कांग्रेस को घेरा है. मंत्री विश्वास सारंग ने सिख दंगों में कमलनाथ को अभियुक्त करार देते हुए कांग्रेस पार्टी से सवाल किया है कि मध्यप्रदेश का चुनाव क्या उस व्यक्ति के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जो सिख दंगों का अभियुक्त है. जिन्होंने सिखों को कत्लेआम किया. क्या वो पीसीसी चीफ होने के लायक हैं. किसी नेता पर कत्लेआम के दाग है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. कांग्रेस नेतृत्व इसका जवाब दे. कमलनाथ को जल्द से जल्द पीसीसी चीफ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए.
कमलनाथ ने किया था सिख दंगो का नेतृत्व: मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ को घेरते हुए कहा कि सिख बंधुओं को कमलनाथ के इशारे पर जिंदा जलाया गया. यह उस समय के कई वरिष्ठ जन और पत्रकारों की रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि जिस भीड़ ने सिखों के गुरुद्वारों में आग लगाई, उसका नेतृत्व कमलनाथ कर रहे थे. कांग्रेस के नेताओं ने सिख भाई बहन का कत्लेआम किया था. दंगों में जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया था, वो कांग्रेस के बड़े नेता और कार्यकर्ता थे. दिल्ली में कत्लेआम में तीन कांग्रेस के नेता ने हिस्सा लिया था. एक सज्जन कुमार, दूसरे जगदीश टाइटलर, तीसरे कमलनाथ. ये इस देश का दुर्भाग्य था. मंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस की गलती थी या जानबूझकर किया गया ये कृत्य ही था. जो सिख भाई बहन को बुरी तरह जला दिया था. उन्होंने कहा कि शर्म की बात थी की पूर्व पीएम राजीव गांधी ने कहा था बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती जरूर है.
कांग्रेस सरकार की नालायकी के कारण जांच नहीं हो पायी: इस मामले में कांग्रेस ने 2004 में आ कर फिर लीपापोती की. फिर 2014 के बाद पुनः जांच शुरू की गई. अब सज्जन कुमार जेल में है, कल भी सीबीआई के कोर्ट ने दूसरे कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की है. वो जेल जाएंगे. कमलनाथ भी इस पूरे मामले में दोषी होंगे. उन पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद हम करते हैं. मंत्री सारंग ने कहा कि अभी कुछ समय पहले जब कमलनाथ इंदौर गए थे, तब इंदौर में भी कमलनाथ का विरोध हुआ था. क्या बीजेपी इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाएगी. इस सवाल के जवाब में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जनता से जुड़ा हर मुद्दा चुनावी मुद्दा होता है और निश्चित ही यह मुद्दा भी चुनाव में रहेगा. इसको लेकर कमलनाथ को आगे आकर जवाब देना चाहिए, क्योंकि नेता सार्वजनिक जीवन और जनता से जुड़ा होता है. ऐसे में जब भी उन पर आरोप लगते हैं तो उसे सामने आकर इस पर जवाब देना चाहिए. इसलिए कमलनाथ को भी इस पर जवाब देना चाहिए. इस मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री रहे कमलेश्वर पटेल ने बीजेपी पर उल्टा पलटवार किया है. कमलेश्वर पटेल ने कहा कि बीजेपी इस मामले को उठाकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहती है. जबकि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही है. फिलहाल तो सिख दंगों का मुद्दा चुनाव तक रुकने वाला नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी जोर-शोर से इस मामले को लगातार उठाती है.