भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी को एक और झटका लगा है. बीजेपी के पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह और शंकर महतो ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पूर्व विधायक ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी विधायकों को दुर्योधन बताया और कहा कि "धृतराष्ट्र भोपाल के श्यामला हिल्स पर आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं, जिन्हें सुनाई तो देता हैं, लेकिन करते कुछ नहीं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दोनों नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे".
ध्रुव प्रताप सिंह के बारे में जानें: कांग्रेस में शामिल हुए ध्रुव प्रताप सिंह बीजेपी के सीनियर नेता रहे हैं. वे 1980 से बीजेपी से जुड़े रहे हैं. उन्होंने विजयराघवगढ़ में 2003 में पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र पाठक को चुनाव हराया था. इसके बाद उन्हें विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था. हालांकि, बाद में कांग्रेस नेता संजय पाठक के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें साइड लाइन कर दिया गया. (MP Former BJP MLA Dhruv Pratap join congress)
यह बताई बीजेपी छोड़ने की वजह: भाजपा छोड़ने की वजह ध्रुव प्रताप सिंह ने पार्टी में सीनियर की अनदेखी को बताया. उन्होंने कहा कि "पिछले 5 सालों से मैं देखा रहा हूं कि बीजेपी अपने मूल विचारधारा से हट चुकी है. पार्टी की दिशा बदल चुकी है और जब मूल विचारधारा से पार्टी हटती है तो सबसे ज्यादा आघात उन्हें पहुंचता है जो पार्टी से लंबे समय से जुड़े कार्यकर्ता होते हैं. पिछले 5 सालों में जो राजनीतिक घटनाक्रम घटे और उसके बाद फिर जब बीजेपी सत्ता में आई तो पार्टी ने पैसा कमाने के अलावा कुछ नहीं किया." (MP Chunav 2023)
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बीजेपी पर लगाया करप्शन का आरोप: ध्रुव प्रताप सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर कहा कि "कटनी जिले में जमकर अवैध उत्खनन हो रहा है. नदियां तो छोड़िए नालों की रेत को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. प्रशासन उस तरफ देखता भी नहीं है. करप्शन चरम पर है, गांव-गांव में दारू बिकती है. इसको लेकर बीजेपी के सीनियर लीडर्स से बात करो तो वे सुन तो लेते हैं, लेकिन उस पर कार्रवाई करने की इच्छा किसी की भी नहीं होती. बीजेपी का संगठन अपने निचले स्तर तक पहुंच चुका है. वीडी शर्मा के पास न तो कार्यकर्ताओं के लिए समय है और न ही वे कार्यकर्ताओं को पहचानते हैं. महाभारत में एक पात्र दुर्योधन था, ऐसा ही एक दुर्योधन विजयराघवगढ़ में और दूसरा विधानसभा में बीजेपी के विधायक हैं और धृतराष्ट्र भोपाल में बैठे हैं. उनकी आंखों पर पट्टी बंधी है जो सुनते तो सब की हैं, लेकिन उन्हें दिखाई कुछ भी नहीं देता."