भोपाल। राजधानी के सबसे पुराने शासकीय हमीदिया आर्टस एंड कॉमर्स कॉलेज के अमृत महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है. इसी कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने बड़ा मुकाम बनाया. इसी प्रोग्राम में नवाब हमीदुल्ला के नाम पर रखे गए इस कॉलेज के नाम को बदलने की बयार भी उठ रही है. इस कॉलेज से पढ़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा, उपराष्ट्रपति नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी, नगर निगम के पूर्व आयुक्त देवीशरण समेत कई बड़े नाम हैं. फरवरी के अंतिम सप्ताह में इन सभी को बुलाकर सम्मानित किया जाएगा, लेकिन इससे यह चर्चा में इसलिए है कि, इस कॉलेज के जनभागीदारी अध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र रातव इसके नाम बदलने को लेकर चर्चा कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले 308 साल बाद इस्लामनगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किया गया है.
अतिक्रमण की चपेट में हमीदिया: रावत से जब पूछा गया कि, क्या वे इस कॉलेज के नाम बदलने का प्रयास भी कर रहे हैं? तो बोले कि, अब तक इसको लेकर कोई योजना नहीं बनाई है, लेकिन यदि सबकी सहमति होगी तो हम निश्चित रूप से इसके लिए मांग करेंगे. उन्होंने कॉलेज में अतिक्रमण को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि, पुराने शहर का सबसे बड़ा कॉलेज है, लेकिन इन दिनों भारी अतिक्रमण की चपेट में है. इसे अतिक्रमण की चपेट से मुक्त कराना भी जरूरी है.
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अनिल माधव दवे के नाम पर देंगे पर्यावरण पुरस्कार: एमपी से राज्यसभा सदस्य रहे भाजपा के नेता दिवंगत डॉ. अनिल माधव दवे की स्मृति में भी कॉलेज द्वारा एक पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि खुद दिवंगत दवे इस बात का जिक्र अपनी वसीयत में कर गए कि उनके नाम से कोई पुरस्कार या संस्थान का नाम नहीं रखा जाए. इस मामले में जब कॉलेज की प्राचार्या डॉ. पुष्पलता चौकसे से पूछा तो वे बोली कि उनके पर्यावरण के लिए किए गए काम उत्कृष्ट स्तर के थे. इनके बारे में आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए. इसलिए उनके नाम से पुरस्कार दिया जा रहा है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद, डॉ. शंकरदयाल शर्मा, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से भी पुरस्कार दिए जाएंगे. प्राचार्य ने बताया कि यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया जाएगा.
नवाब हमीदुल्लाह ने की थी कॉलेज की स्थापना: शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल की स्थापना 1946 में तत्कालीन भोपाल राज्य के शासक नवाब हमीदुल्लाह खान द्वारा की गई थी. इसका पहला परिसर प्रतिष्ठित मिंटो हॉल था. जब 1 नवंबर, 1956 को मध्य प्रदेश के नए राज्य का गठन हुआ, तो मिंटो हॉल विधायी सदन में तब्दील हो गया. हमीदिया कॉलेज, भोपाल को राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास एक नए परिसर में स्थानांतरित किया गया था. 2005 में इसे फिर से हाथीखाना, बुधवारा शिफ्ट किया गया. यहां राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन 1952 में शुरू किया गया था। अब यह आटर्स के 12 विषयों में पीजी के साथ-साथ कॉमर्स विषय में एमकॉम की पढ़ाई कराई जाती है.
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ये स्टूडेंट रहे खास: पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी, पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, ओएस श्रीवास्तव, पूर्व आईएएस अजीता वाजपेयी पांडेय, पूर्व सांसद आलोक संजर, मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व मंत्री अजय सिंह पूर्व हाईकोर्ट जज सरोजनी श्रीवास्तव, पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष तपन भौमिक, महापौर मालती राय, वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव, विधायक कमलेश्वर पटेल, पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह, पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह, पद्मश्री रमेशचंद्र शाह, पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश नारायण सारंग, पूर्व जिला जज लालाराम मीणा, कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल, पूर्व महापौर मधु गार्गव, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम शबिस्ता जकी.
बदल सकता है नवाबी नाम: बताया जा रहा है कि, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के सुझाव पर भोपाल में हमीदिया कॉलेज की शुरुआत की गई थी. शुरू में इसे मिंटो हॉल में शुरू किया गया था. मिंटो हाल का नाम बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर कर दिया गया और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि, हमीदिया कॉलेज का नाम भी बदल सकता है.