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अतिथि विद्वानों के आंदोलन को एक महीना पूरा, मांगें पूरी होने तक नहीं हटने की कही बात

राजधानी भोपाल में नियमितीकरण सहित अपनी कई मांगों को लेकर हजारों अतिथि विद्वान शाहजहानी पार्क में एक महीने से आंदोलन कर रहे हैंं. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, वे इसी तरह यहां आंदोलन करते रहेंगे.

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Published : Jan 11, 2020, 8:39 AM IST

Updated : Jan 11, 2020, 3:14 PM IST

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अतिथि विद्वानों के आंदोलन को एक महीना पूरा

भोपाल। कई सालों से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे अतिथि विद्वान राजधानी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. आज उनके आंदोलन का एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है. एक महीना बीतने के बाद भी वे यहां से जाने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, वे इसी तरह यहां आंदोलन पर डटे रहेंगे.

अतिथि विद्वानों के आंदोलन को एक महीना पूरा

अतिथि विद्वानों को दोबारा नौकरी पर रखने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है. उच्च शिक्षा विभाग अतिथि विद्वानों को गुरुवार से चॉइस फिलिंग का मौका दे रहा है. विभाग ने दावा किया है कि 20 जनवरी तक प्रदेश में नौकरी से बाहर हुए सभी अतिथि विद्वानों को नियुक्ति दे दी जाएगी. चॉइस फिलिंग के बावजूद यदि कॉलेजों में रिक्त पद सामने आते हैं, तो नए आवेदन बुलाकर पात्रों को नियुक्तियां दी जाएंगी. लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों की नियमित नियुक्ति के बाद करीब 2700 अतिथि विद्वानों को नौकरी से बाहर किया गया है.

नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों का कहना है कि उन्हें आंदोलन करते हुए एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अब तक नियमितीकरण के आदेश जारी नहीं किए हैं. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ और राहुल गांधी ने अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी, तो वे हमें नियमितीकरण का तोहफा देंगे, लेकिन सरकार बनने के बाद भी उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है. हम लोग यहां पर तब तक डटे रहेंगे, जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं.

भोपाल। कई सालों से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे अतिथि विद्वान राजधानी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. आज उनके आंदोलन का एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है. एक महीना बीतने के बाद भी वे यहां से जाने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, वे इसी तरह यहां आंदोलन पर डटे रहेंगे.

अतिथि विद्वानों के आंदोलन को एक महीना पूरा

अतिथि विद्वानों को दोबारा नौकरी पर रखने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है. उच्च शिक्षा विभाग अतिथि विद्वानों को गुरुवार से चॉइस फिलिंग का मौका दे रहा है. विभाग ने दावा किया है कि 20 जनवरी तक प्रदेश में नौकरी से बाहर हुए सभी अतिथि विद्वानों को नियुक्ति दे दी जाएगी. चॉइस फिलिंग के बावजूद यदि कॉलेजों में रिक्त पद सामने आते हैं, तो नए आवेदन बुलाकर पात्रों को नियुक्तियां दी जाएंगी. लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और खेल अधिकारियों की नियमित नियुक्ति के बाद करीब 2700 अतिथि विद्वानों को नौकरी से बाहर किया गया है.

नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों का कहना है कि उन्हें आंदोलन करते हुए एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अब तक नियमितीकरण के आदेश जारी नहीं किए हैं. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ और राहुल गांधी ने अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी, तो वे हमें नियमितीकरण का तोहफा देंगे, लेकिन सरकार बनने के बाद भी उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है. हम लोग यहां पर तब तक डटे रहेंगे, जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं.

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अतिथि विद्वानों के आंदोलन को हुआ एक महीना पूरा, मांगे पूरी होने तक नहीं हटने की कही बात



भोपाल | कई वर्षों से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे अतिथि विद्वान राजधानी छोड़ने को तैयार नहीं है इस बार उनके आंदोलन को पूरा एक महीना बीत गया है लेकिन अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई है एक महीना बीत जाने के बाद भी अतिथि विद्वान जाने के लिए तैयार नहीं है उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा वे इसी तरह यहां आंदोलन पर डटे रहेंगे


Body:अतिथि विद्वानों को दोबारा नौकरी पर रखने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है उच्च शिक्षा विभाग अतिथि विद्वानों को गुरुवार से चॉइस फिलिंग का मौका दे रहा है विभाग ने दावा किया है कि 20 जनवरी तक प्रदेश में नौकरी से बाहर हुए सभी अतिथि विद्वानों को नियुक्ति दे दी जाएगी चॉइस फिलिंग के बावजूद यदि कॉलेजों में रिक्त पद सामने आते हैं तो नए आवेदन बुलाकर पात्रों को नियुक्तियां दी जाएंगी लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापक ग्रंथपाल व खेल अधिकारियों को नियमित नियुक्ति के बाद करीब 2700 अतिथि विद्वानों को नौकरी से बाहर किया गया है .

नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहेअतिथि विद्वानों का कहना है कि उन्हें आंदोलन करते हुए 1 महीना पूरा हो गया है लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने अब तक नियमितीकरण के आदेश जारी नहीं किए हैं विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ और राहुल गांधी ने अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी तो फिर वह हमें नियमितीकरण का तोहफा देंगे लेकिन सरकार बनने के बाद भी उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है हम लोग यहां पर तब तक जमे रहेंगे जब तक कि हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती है

Conclusion:वहीं रविवार को सांकेतिक प्रदर्शन कर चुकी लोक सेवा आयोग से चयनित आरक्षित कोटे की 91 महिला सहायक प्राध्यापक एक बार फिर से सरकार की मुसीबत बढ़ा सकती है उन्होंने फिर से चेतावनी दी है कि वह अपनी मांगों को लेकर 15 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठ रही है यदि सरकार ने 13 जनवरी तक कोर्ट की प्रक्रिया पूरी करने का काम कर लिया तो ठीक है वरना 15 जनवरी को एक बार फिर से 91 महिला सहायक प्राध्यापक राजधानी में अपना डेरा डालेंगी.
Last Updated : Jan 11, 2020, 3:14 PM IST
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