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मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा, सीएम बनने का किस्सा भी था रोचक

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Published : Dec 21, 2020, 7:27 PM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का निधन हो गया है. उनके निधन के बाद राजनीति जगत में शोक की लहर है. मोतीलाल वोरा पहली बार 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. तो वहीं दूसरी बार 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे.

Motilal Vora died
मोतीलाल वोरा का निधन

भोपाल। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली. मोतीलाल वोरा ने एक दिन पहले ही 93 वर्ष के हुए थे. बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.

अविभाजित मध्यप्रदेश के रहे मुख्यमंत्री

मोतीलाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद भी संभाला. वहीं मोतीलाल वोरा इसी साल अप्रैल महीने तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी थे. मोतीलाल वोरा को कांग्रेस पार्टी में नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था. मोतीलाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषा अध्यक्ष भी रहे हैं.

20 दिसम्बर 1927 को हुआ था जन्म

मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को तत्कालीन जोधपुर स्टेट के निंबीजोधा में हुआ था. मोतीलाल वोरा की पढ़ाई लिखाई रायपुर और कोलकाता में हुई थी. उनके 6 बच्चे हैं जिनमें 4 बेटियां और दो बेटे शामिल हैं. मोतीलाल वोरा का एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग से विधायक भी हैं. मोतीलाल वोरा पहली बार 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. तो वहीं दूसरी बार 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे. हालांकि उनका इस बार का कार्यकाल 11 महीने का ही रहा था. 8 दिसंबर 1989 को उन्हें सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

पढ़ें :पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शिवराज सिंह ने जताया दुख, 'देश ने अपना प्रिय नेता खो दिया'

सीएम बनने का किस्सा भी था रोचक

मोतीलाल वोरा का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का वाक्या भी बेहद दिलचस्प बताया जाता है. बताया जाता है कि 1985 विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वह राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए थे. लेकिन राजीव गांधी अब एमपी की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे. उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया था कि, अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर 14 मार्च को पंजाब में पहुंच जाओ. उसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था. इसके बाद अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन कर कहा कि मोतीलाल वोरा कोई स्पेशल विमान से लेकर दिल्ली आ जाओ. स्पेशल विमान से अजय सिंह मोतीलाल वोरा को दिल्ली लेकर रवाना हुए. विशेष विमान में वोरा अजय सिंह से अर्जुन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनने के लिए सिफारिश करवा रहे थे. इसके बाद पालम एयरपोर्ट पर मोतीलाल वोरा की मुलाकात तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से हुई. मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें कह दिया कि आप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. इस दौरान अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह भी वहां मौजूद थे.

वोरा के साथ दिग्विजय सिंह एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष बने

मोतीलाल वोरा के साथ दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. मोतीलाल वोरा की कैबिनेट में ज्यादातर लोग अर्जुन सिंह के ही थे. बताया जाता है कि 3 साल बाद वनवास काटकर अर्जुन सिंह फिर से एमपी की राजनीति में सक्रिय हो गए. उसके बाद मोतीलाल वोरा की कुर्सी चली गई और वह दिल्ली की राजनीति में शिफ्ट हो गए. राजीव गांधी की सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री भी रहे.

भोपाल। अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली. मोतीलाल वोरा ने एक दिन पहले ही 93 वर्ष के हुए थे. बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.

अविभाजित मध्यप्रदेश के रहे मुख्यमंत्री

मोतीलाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद भी संभाला. वहीं मोतीलाल वोरा इसी साल अप्रैल महीने तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी थे. मोतीलाल वोरा को कांग्रेस पार्टी में नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था. मोतीलाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषा अध्यक्ष भी रहे हैं.

20 दिसम्बर 1927 को हुआ था जन्म

मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को तत्कालीन जोधपुर स्टेट के निंबीजोधा में हुआ था. मोतीलाल वोरा की पढ़ाई लिखाई रायपुर और कोलकाता में हुई थी. उनके 6 बच्चे हैं जिनमें 4 बेटियां और दो बेटे शामिल हैं. मोतीलाल वोरा का एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग से विधायक भी हैं. मोतीलाल वोरा पहली बार 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. तो वहीं दूसरी बार 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे. हालांकि उनका इस बार का कार्यकाल 11 महीने का ही रहा था. 8 दिसंबर 1989 को उन्हें सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

पढ़ें :पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शिवराज सिंह ने जताया दुख, 'देश ने अपना प्रिय नेता खो दिया'

सीएम बनने का किस्सा भी था रोचक

मोतीलाल वोरा का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का वाक्या भी बेहद दिलचस्प बताया जाता है. बताया जाता है कि 1985 विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के बाद 10 मार्च को वह राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की सूची लेकर गए थे. लेकिन राजीव गांधी अब एमपी की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे. उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया था कि, अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर 14 मार्च को पंजाब में पहुंच जाओ. उसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था. इसके बाद अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को फोन कर कहा कि मोतीलाल वोरा कोई स्पेशल विमान से लेकर दिल्ली आ जाओ. स्पेशल विमान से अजय सिंह मोतीलाल वोरा को दिल्ली लेकर रवाना हुए. विशेष विमान में वोरा अजय सिंह से अर्जुन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बनने के लिए सिफारिश करवा रहे थे. इसके बाद पालम एयरपोर्ट पर मोतीलाल वोरा की मुलाकात तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से हुई. मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने उन्हें कह दिया कि आप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. इस दौरान अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह भी वहां मौजूद थे.

वोरा के साथ दिग्विजय सिंह एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष बने

मोतीलाल वोरा के साथ दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. मोतीलाल वोरा की कैबिनेट में ज्यादातर लोग अर्जुन सिंह के ही थे. बताया जाता है कि 3 साल बाद वनवास काटकर अर्जुन सिंह फिर से एमपी की राजनीति में सक्रिय हो गए. उसके बाद मोतीलाल वोरा की कुर्सी चली गई और वह दिल्ली की राजनीति में शिफ्ट हो गए. राजीव गांधी की सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री भी रहे.

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