भोपाल| लॉक डाउन के कारण प्रदेश की ध्वस्त अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए शिवराज सरकार का पूरा फोकस इस समय ग्रामीण क्षेत्रों पर टिका हुआ है. यही वजह है कि बाहर से आने वाले श्रमिकों और मजदूरों को लगातार मनरेगा के साथ अन्य कई योजनाओं के माध्यम से काम उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने अब तक 24 लाख से अधिक मजदूरों को काम दे दिया है तो वहीं दूसरी ओर किसानों को भी लगातार राहत देने के लिए सरकार जुटी हुई है.
कोविड-19 संक्रमण के चलते इस बार उपार्जन का काम काफी देर से शुरु हुआ है, जिसकी वजह से अभी तक गेहूं उपार्जन का कार्य खत्म नहीं हो पाया है. मंडियों में अभी भी उपार्जन का कार्य किया जा रहा है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों को मिल रहे रोजगार और किसानों के ऊपर जन कार्य को लेकर अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की है. इस समीक्षा के दौरान उन्होंने बाहर से आए श्रमिकों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने किसानों को हो रहे भुगतान को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की है. उन्होंने अधिकारियों को किसानों का विशेष ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों से बातचीत करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि श्रम सिद्धि अभियान में प्रत्येक जरूरतमंद श्रमिक को रोजगार उपलब्ध करवाये जायें. आवश्यकतानुसार नये जॉब कार्ड प्रदान किये जायें.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत संचालित कार्यों की जानकारी अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से प्राप्त की. इस दौरान बताया गया कि श्रम सिद्धि अभियान अन्तर्गत प्रदेश में 24 लाख 22 हजार 310 श्रमिकों का नियोजन हुआ है. अधिकांश जिलों में मनरेगा हेल्पलाइन भी कार्य कर रही है. कुल 5 लाख 85 हजार नये जॉब कार्ड जारी किये गये हैं. पात्र परिवारों को संबल योजना में लाभान्वित किया जा रहा है.जो प्रवासी श्रमिक राशन कार्डधारी नहीं है, उन्हें भी लाभान्वित किया जा रहा है . श्रमिकों को 1600 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है.
किसानों को मिल गये हैं गेहूं उपार्जन के 17 हजार 710 करोड़
प्रमुख सचिव खाद्य शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि उपार्जन प्रारंभ होने से आज तक प्रदेश में 124 लाख 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं का रिकार्ड उपार्जन किसानों से किया गया है. इसमें 112 लाख मीट्रिक टन गेहूं गोदामों में सुरक्षित परिवहन कर पहुंचाया जा चुका है. यह कुल उपार्जित गेहूं का 90 फीसदी है.
प्रदेश में 13 लाख 20 हजार किसानों को इसके लिये 17 हजार 710 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है. किसानों में करीब साढ़े 9 लाख छोटे और मध्यम श्रेणी के किसान शामिल हैं. राज्य में अनुमानित 23 हजार करोड़ रूपये का भुगतान वर्तमान गेहूँ उपार्जन कार्य के लिए किया जाना है. भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन, धार, देवास, शाजापुर और श्योपुर में गेहूं उपार्जन प्रक्रिया जारी है .