भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को नई नौकरियों के लाले पड़ने लगे हैं. 2 महीने के टोटल लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बाद अब मार्केट पूरी तरह से भले ही खुल गया हो, लेकिन काम धंधों की गति में मंदी पड़ी हुई है. इसका सबसे ज्यादा असर प्राइवेट जॉब करने वालों पर पड़ा है. कई लोगों की नौकरियां छूट गईं, वहीं नई जॉब लोगों को मिल नहीं पा रही है. इसका असर इस बात से समझा जा सकता है कि कोरोना काल के 5 माह में प्रदेश में 2 लाख 33 हजार 34 लोगों ने अपना पीएफ निकाला है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भोपाल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के बीते 5 माह यानी अप्रैल से अगस्त के दौरान भोपाल में 67 हजार 392 लोगों ने नौकरी छोड़ने के बाद अपना पैसा निकाला है. मध्यप्रदेश में ऐसे करीब 2 लाख 33 हजार लोगों ने अपना पीएफ निकाला है.
एडवांस क्लेम करने वालों की संख्या भी बढ़ी
कोरोना संक्रमण के दौरान कई कर्मचारियों को पर्याप्त सैलरी नहीं मिली तो कई कर्मचारियों को कम सैलरी दी गई. इसके चलते कर्मचारियों को खर्च चलाने के लिए पीएफ की राशि एडवांस में निकाली पड़ी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भोपाल के मुताबिक कोरोना संक्रमण के 5 माह के दौरान पीएफ के एडवांस क्लेम करने वालों की संख्या भी बढ़ी है. भोपाल में ही पिछले 5 माह के दौरान 28 हजार 826 लोगों ने पीएम के लिए एडवांस क्लेम किया, जिन्हें 59 करोड़ 10 लाख का भुगतान किया गया. इसी तरह पूरे मध्यप्रदेश में 93 हजार 954 कर्मचारियों ने पीएफ का एडवांस क्लेम किया, जिन्हें 186 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया.
नई नौकरियों के पड़े लाले
मार्केट में गतिविधियां भले ही शुरू हो गई हों, लेकिन कोरोना से काम धंधों में मंदी है. इसका असर नई नौकरियों पर भी दिखाई दे रहा है. राजधानी के रिक्रूटमेंट एजेंसी संचालक हेमंत अग्रवाल की मानें तो कोरोना के बाद जहां नई नौकरियों की तलाश करने वालों की संख्या बढ़ी है, वहीं प्राइवेट जॉब के अवसर पहले के मुकाबले कम हुए हैं, पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी से ज्यादा नई जॉब में कमी देखी जा रही है. मंडीदीप के इंडस्ट्रीज में भी लोगों के रिक्रूटमेंट में पिछले सालों के मुकाबले कमी आई है. हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में कुछ बेहतर स्थिति मार्केट की दिखाई देगी.