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8 महीने में PHQ पहुंची 1 लाख से ज्यादा शिकायतें, अब अधिकारियों को करना होगा गांव का दौरा, जानिए क्या है मामला? - etv bharat mp

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्रामीण इलाकों के थानों में शिकायतें दर्ज न करना, मामलों में कार्रवाई न करने जैसे काम करना अब निचले स्टॉफ को महंगा पड़ सकता है. लगातार आ रही शिकायतों के बाद अब पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) ने दरोगा और बाबू स्तर के अधिकारियों को गांवों के दौरे करने के निर्देश दिए हैं.

8 महीने में PHQ पहुंची 1 लाख से ज्यादा शिकायतें
8 महीने में PHQ पहुंची 1 लाख से ज्यादा शिकायतें
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Published : Sep 5, 2021, 10:06 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पुलिस (Madhya Pradesh Police) के निचले स्टाॅफ द्वारा कार्रवाई न किए जाने और छोटे विवादों को संज्ञान में न लिए जाने को लेकर पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) सख्त हो गया है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद निचले स्टॉफ पर लगाम लगाने के लिए जिले में दरोगा बाबू स्तर तक के पुलिस अधिकारी गांवों में पहुंचकर लोगों की शिकायतें सुनेंगे. दरअसल पिछले 8 माह में ही पुलिस द्वारा बेहतर शिकायत न सुने जाने को लेकर एक लाख से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि थाना प्रभारी (Station Incharge) स्तर के अधिकारी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में लगातार पहुंचकर लोगों के बीच पहुंचे, तो छोटे विवाद मौके पर ही सुलझ सकते हैं.

बड़ी संख्या में आ रही शिकायत

मामला नंबर 1- सागर के इछावर के रहने वाले लक्ष्मण ने ठेकेदार द्वारा मजदूरी की 77 हजार रुपए की राशि न दिए जाने को लेकर पिछले एक साल से थाने के चक्कर काट रहे हैं. अब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय में दर्ज कराई है. फरियादी ने इसको लेकर 1 साल पहले इछावर थाने में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

8 महीने में PHQ पहुंची 1 लाख से ज्यादा शिकायतें
मामला नंबर 2-
मंडला के एक गांव में रहने वाले बलराम यादव ने बताया कि गांव के तीन लोगों द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. मारपीट की धमकी दी जा रही है. पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. इसकी शिकायत भी पुलिस मुख्यालय में की गई है.

पुलिस मुख्यालय तक इस तरह की छोटी-बड़ी कई शिकायतें पहुंच रही हैं. पिछले 8 माह में पुलिस के पास इस तरह की 1 लाख 18 हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं। इनमें ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण इलाकों की हैं. जिसमें छोटे-मोटे विवादों में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने या फिर प्रकरण पंजीबद्ध न किए जाने की शिकायतें की जा रही हैं.

लक्ष्मण सिंह के बिगड़े बोल, कहा कलेक्टर की कोई औकात नहीं, कितने आए और कितने चले गए, SDM पर निकाला गुस्सा

बड़ी संख्या में पहुंच रही इन शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए अब पुलिस मुख्यालय जल्द ही ग्रामीण इलाकों में पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमण की फिर व्यवस्था शुरू करने की तैयारी कर रही हैं. इसके तहत दरोगा बाबू से लेकर जिले के आला पुलिस अधिकारियों को गांव में भ्रमण की व्यवस्था की जाएगी. गृह विभाग के सचिव डी श्रीनिवास वर्मा के मुताबिक यदि पुलिस अधिकारी लगातार क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भ्रमण और स्थानीय लोगों से सतत मेल मुलाकात करने लगे तो छोटे-मोटे विवाद की स्थिति ही पैदा न हो. इससे छोटे विवाद बड़ा रूप नहीं ले पाएंगे. इसको देखते हुए अधिकारियों के ग्रामीण भ्रमण या ग्रामीण संवाद का कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी की जा रही है.

अधिकारी संज्ञान लें, तो कार्रवाई की भी जरूरत नहीं पड़ेगी

रिटायर्ड डीजी आरएलएस यादव कहते हैं कि थाने पहुंचने वाले अधिकांश विवाद असंज्ञेय होते हैं, जिसमें कार्रवाई की जरूरत नहीं होती. पुलिस द्वारा बेहतर संवाद न बनाने से कई बार यही विवाद बड़ा रूप भी ले लेते हैं. इसलिए पुलिस अधिकारियों को लगातार ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण संवाद या गांव चैपाल जैसे कार्य करना चाहिए. इससे ग्रामीण इलाकों के छोटे-मोटे विवाद मौके पर ही निपट जाएंगे. ऐसा करने से पुलिस मुख्यालय स्तर पर पहुंचने वाली अधिकांश शिकायतें ही नहीं पहुंचेंगे. इससे जनता और पुलिस के बीच बेहतर सामंजस्य भी बनेगा.

8 महीने में 1 लाख से ज्यादा शिकायतें PHQ पहुंची

पिछले 8 माह में 1 लाख 18 हजार 416 शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंची हैं. इसमें 58 हजार 293 शिकायतें प्रकरण दर्ज न करने, 32 हजार 847 शिकायतें आरोपियों की गिरफ्तारी या कार्रवाई न करने की और 27 हजार शिकायतें विवेचना में देरी से जुड़ी हैं. प्रदेश के कुल 1006 पुलिस थानों में इस साल करीब 19 लाख 18 हजार प्रकरण विभिन्न थानों में पंजीबद्ध हुए हैं, इन मामलों में 19 हजार 29 हजार आरोपियों की गिरफ्तार की गई है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में पुलिस (Madhya Pradesh Police) के निचले स्टाॅफ द्वारा कार्रवाई न किए जाने और छोटे विवादों को संज्ञान में न लिए जाने को लेकर पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) सख्त हो गया है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद निचले स्टॉफ पर लगाम लगाने के लिए जिले में दरोगा बाबू स्तर तक के पुलिस अधिकारी गांवों में पहुंचकर लोगों की शिकायतें सुनेंगे. दरअसल पिछले 8 माह में ही पुलिस द्वारा बेहतर शिकायत न सुने जाने को लेकर एक लाख से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि थाना प्रभारी (Station Incharge) स्तर के अधिकारी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में लगातार पहुंचकर लोगों के बीच पहुंचे, तो छोटे विवाद मौके पर ही सुलझ सकते हैं.

बड़ी संख्या में आ रही शिकायत

मामला नंबर 1- सागर के इछावर के रहने वाले लक्ष्मण ने ठेकेदार द्वारा मजदूरी की 77 हजार रुपए की राशि न दिए जाने को लेकर पिछले एक साल से थाने के चक्कर काट रहे हैं. अब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय में दर्ज कराई है. फरियादी ने इसको लेकर 1 साल पहले इछावर थाने में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

8 महीने में PHQ पहुंची 1 लाख से ज्यादा शिकायतें
मामला नंबर 2- मंडला के एक गांव में रहने वाले बलराम यादव ने बताया कि गांव के तीन लोगों द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. मारपीट की धमकी दी जा रही है. पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. इसकी शिकायत भी पुलिस मुख्यालय में की गई है.

पुलिस मुख्यालय तक इस तरह की छोटी-बड़ी कई शिकायतें पहुंच रही हैं. पिछले 8 माह में पुलिस के पास इस तरह की 1 लाख 18 हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं। इनमें ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण इलाकों की हैं. जिसमें छोटे-मोटे विवादों में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने या फिर प्रकरण पंजीबद्ध न किए जाने की शिकायतें की जा रही हैं.

लक्ष्मण सिंह के बिगड़े बोल, कहा कलेक्टर की कोई औकात नहीं, कितने आए और कितने चले गए, SDM पर निकाला गुस्सा

बड़ी संख्या में पहुंच रही इन शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए अब पुलिस मुख्यालय जल्द ही ग्रामीण इलाकों में पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमण की फिर व्यवस्था शुरू करने की तैयारी कर रही हैं. इसके तहत दरोगा बाबू से लेकर जिले के आला पुलिस अधिकारियों को गांव में भ्रमण की व्यवस्था की जाएगी. गृह विभाग के सचिव डी श्रीनिवास वर्मा के मुताबिक यदि पुलिस अधिकारी लगातार क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भ्रमण और स्थानीय लोगों से सतत मेल मुलाकात करने लगे तो छोटे-मोटे विवाद की स्थिति ही पैदा न हो. इससे छोटे विवाद बड़ा रूप नहीं ले पाएंगे. इसको देखते हुए अधिकारियों के ग्रामीण भ्रमण या ग्रामीण संवाद का कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी की जा रही है.

अधिकारी संज्ञान लें, तो कार्रवाई की भी जरूरत नहीं पड़ेगी

रिटायर्ड डीजी आरएलएस यादव कहते हैं कि थाने पहुंचने वाले अधिकांश विवाद असंज्ञेय होते हैं, जिसमें कार्रवाई की जरूरत नहीं होती. पुलिस द्वारा बेहतर संवाद न बनाने से कई बार यही विवाद बड़ा रूप भी ले लेते हैं. इसलिए पुलिस अधिकारियों को लगातार ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण संवाद या गांव चैपाल जैसे कार्य करना चाहिए. इससे ग्रामीण इलाकों के छोटे-मोटे विवाद मौके पर ही निपट जाएंगे. ऐसा करने से पुलिस मुख्यालय स्तर पर पहुंचने वाली अधिकांश शिकायतें ही नहीं पहुंचेंगे. इससे जनता और पुलिस के बीच बेहतर सामंजस्य भी बनेगा.

8 महीने में 1 लाख से ज्यादा शिकायतें PHQ पहुंची

पिछले 8 माह में 1 लाख 18 हजार 416 शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंची हैं. इसमें 58 हजार 293 शिकायतें प्रकरण दर्ज न करने, 32 हजार 847 शिकायतें आरोपियों की गिरफ्तारी या कार्रवाई न करने की और 27 हजार शिकायतें विवेचना में देरी से जुड़ी हैं. प्रदेश के कुल 1006 पुलिस थानों में इस साल करीब 19 लाख 18 हजार प्रकरण विभिन्न थानों में पंजीबद्ध हुए हैं, इन मामलों में 19 हजार 29 हजार आरोपियों की गिरफ्तार की गई है.

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