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वंदे भारत से पहले भी MP के यात्री कर चुके हैं देश की हाई स्पीड ट्रेनों में सफर, इसलिए मिली है प्रदेश को तेज रफ्तार ट्रेनें - एमपी की सुपरफास्ट ट्रेनें

1 अप्रैल से मध्यप्रदेश में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत चलने जा रही है. आपको बता दें एमपी में वंदे भारत से पहले भी कई ऐसी ट्रेनें हैं जो हाई स्पीड कैटेगोरी में आती हैं, या ये कहें की वे वंदे भारत से भी ज्यादा तेज चलती हैं. आइए जानते हैं एमपी में कौन सी ऐसी ट्रेनें हैं जो हाई स्पीड में चलती हैं.

vande bharat train
वंदे भारत ट्रेन
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Published : Mar 30, 2023, 8:00 PM IST

Updated : Mar 30, 2023, 8:26 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में 1 तारीख से सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत चलेगी, लेकिन लोगों को यह नहीं पता कि मध्यप्रदेश में जो पहले से ट्रेन चल रही हैं. उनकी स्पीड वंदे भारत से भी ज्यादा है. आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी ट्रेन है जोकि वंदे भारत से भी तेज चलती हैं और जो मध्य प्रदेश के स्टेशनों पर रूकती है. पहले नंबर पर सबसे तेज चलने वाली ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस जो कि हजरत निजामुद्दीन से लेकर ग्वालियर तक चलती है. इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. दूसरे नंबर पर शताब्दी आती है. जो कि 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. यह ट्रेन भी दिल्ली से लेकर भोपाल तक चलती है. तीसरे नंबर पर राजधानी एक्सप्रेस आती है. पहले इसकी स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटे थी, लेकिन अब इसे 160 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है.

भोपाल रेल मंडल में 7 ट्रेनें 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है: इसके साथ ही भोपाल रेलवे मंडल से 7 से ज्यादा ऐसी ट्रेन है, जो 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. दुरंतो एक्सप्रेस भी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. फिलहाल 8 से ज्यादा एक्सप्रेस गाड़ियों की स्पीड 110 से 130 किलोमीटर है. जो कि यह हैं हमसफर एक्सप्रेस, साप्ताहिक एक्सप्रेस स्पेशल गोरखपुर यशवंतपुर स्पेशल कन्याकुमारी हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस स्पेशल.

भोपाल रेल मंडल से तकरीबन 250 से ज्यादा हाई स्पीड ट्रेन गुजरती है. अभी तक 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाता है. रेलवे के मुताबिक साल के आखिर तक के 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यहां से ट्रेन गुजरेगी. भोपाल मंडल सहित क्षेत्र में 2300 किलोमीटर में ऑटोमेटिक सिगनलिंग सिस्टम चालू है. इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ गई है.

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ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिये WAP 5 सिस्टम मध्यप्रदेश में मौजूद: दरअसल रेलवे ट्रैक पर 130 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड के लिए ऑटोमेटिक सिगनलिंग सिस्टम होता है. यह सिस्टम भोपाल रेल मंडल में मौजूद है. गाड़ी की स्पीड के लिए सिग्नलिंग ट्रैक बदलकर मेंटेनेंस कर सेक्शन स्पीड को बढ़ाया जाता है जो कि मध्य प्रदेश के रेल मंडल में है. नतीजा यह है कि इन सेक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर होती है.

क्या होता है ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम: इस सिस्टम में स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल से आगे प्रत्येक 1 किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जाते हैं. सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक दूसरे के पीछे चलती रहती है. किसी कारण से आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आ जाती है, तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाती है. फिलहाल मध्य प्रदेश के भोपाल मंडल सहित जोनल क्षेत्र में करीब 2300 किलोमीटर क्षेत्र में सिस्टम लग चुका है. देश की दो सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों गतिमान एक्सप्रेस और भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस को WAP 5 लोकोमोटिव के साथ चलाया जाता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में 1 तारीख से सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत चलेगी, लेकिन लोगों को यह नहीं पता कि मध्यप्रदेश में जो पहले से ट्रेन चल रही हैं. उनकी स्पीड वंदे भारत से भी ज्यादा है. आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी ट्रेन है जोकि वंदे भारत से भी तेज चलती हैं और जो मध्य प्रदेश के स्टेशनों पर रूकती है. पहले नंबर पर सबसे तेज चलने वाली ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस जो कि हजरत निजामुद्दीन से लेकर ग्वालियर तक चलती है. इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. दूसरे नंबर पर शताब्दी आती है. जो कि 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. यह ट्रेन भी दिल्ली से लेकर भोपाल तक चलती है. तीसरे नंबर पर राजधानी एक्सप्रेस आती है. पहले इसकी स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटे थी, लेकिन अब इसे 160 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है.

भोपाल रेल मंडल में 7 ट्रेनें 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है: इसके साथ ही भोपाल रेलवे मंडल से 7 से ज्यादा ऐसी ट्रेन है, जो 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. दुरंतो एक्सप्रेस भी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. फिलहाल 8 से ज्यादा एक्सप्रेस गाड़ियों की स्पीड 110 से 130 किलोमीटर है. जो कि यह हैं हमसफर एक्सप्रेस, साप्ताहिक एक्सप्रेस स्पेशल गोरखपुर यशवंतपुर स्पेशल कन्याकुमारी हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस स्पेशल.

भोपाल रेल मंडल से तकरीबन 250 से ज्यादा हाई स्पीड ट्रेन गुजरती है. अभी तक 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाता है. रेलवे के मुताबिक साल के आखिर तक के 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से यहां से ट्रेन गुजरेगी. भोपाल मंडल सहित क्षेत्र में 2300 किलोमीटर में ऑटोमेटिक सिगनलिंग सिस्टम चालू है. इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ गई है.

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ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिये WAP 5 सिस्टम मध्यप्रदेश में मौजूद: दरअसल रेलवे ट्रैक पर 130 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड के लिए ऑटोमेटिक सिगनलिंग सिस्टम होता है. यह सिस्टम भोपाल रेल मंडल में मौजूद है. गाड़ी की स्पीड के लिए सिग्नलिंग ट्रैक बदलकर मेंटेनेंस कर सेक्शन स्पीड को बढ़ाया जाता है जो कि मध्य प्रदेश के रेल मंडल में है. नतीजा यह है कि इन सेक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर होती है.

क्या होता है ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम: इस सिस्टम में स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल से आगे प्रत्येक 1 किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जाते हैं. सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक दूसरे के पीछे चलती रहती है. किसी कारण से आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामी आ जाती है, तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी सूचना मिल जाती है. फिलहाल मध्य प्रदेश के भोपाल मंडल सहित जोनल क्षेत्र में करीब 2300 किलोमीटर क्षेत्र में सिस्टम लग चुका है. देश की दो सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों गतिमान एक्सप्रेस और भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस को WAP 5 लोकोमोटिव के साथ चलाया जाता है.

Last Updated : Mar 30, 2023, 8:26 PM IST
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