भोपाल। कमलनाथ सरकार का समर्थन कर रहे सपा के विधायक राजेश शुक्ला द्वारा मंत्रियों पर सवाल उठाए जाने के बाद दूसरे विधायकों ने भी मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब इस कड़ी में जयस नेता और विधायक डॉ. हीरालाल अलावा का नाम सामने आया है. अलावा ने कहा है कि एक-दो मंत्री छोड़कर बाकी मंत्री विधायकों के कोई काम नहीं कर रहे हैं. इसलिए विधायकों का खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करना सही है.
कमलनाथ के मंत्रियों से नाराज है कांग्रेस के विधायक, कहा- हम जनता को नहीं दे पा रहे जवाब - मध्यप्रदेश समाचार
कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों पर ही सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री सुनने को तैयार नहीं हैं, जिसकी वजह से हम जनता के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
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डॉ. हीरालाल अलावा
भोपाल। कमलनाथ सरकार का समर्थन कर रहे सपा के विधायक राजेश शुक्ला द्वारा मंत्रियों पर सवाल उठाए जाने के बाद दूसरे विधायकों ने भी मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब इस कड़ी में जयस नेता और विधायक डॉ. हीरालाल अलावा का नाम सामने आया है. अलावा ने कहा है कि एक-दो मंत्री छोड़कर बाकी मंत्री विधायकों के कोई काम नहीं कर रहे हैं. इसलिए विधायकों का खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करना सही है.
मंत्रियों की अनसुनी से नाराज हुए कई विधायक
मंत्रियों की अनसुनी से नाराज हुए कई विधायक
Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार का समर्थन कर रहे सपा के विधायक राजेश शुक्ला द्वारा मंत्रियों पर सवाल उठाने जाने के बाद दूसरे विधायकों ने भी मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब इस कड़ी में नया नाम जयस नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा का सामने आया है। डॉ हीरालाल अलावा ने कहा है एक-दो मंत्री छोड़कर बाकी मंत्री विधायकों के कोई काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए विधायक जो खुले तौर पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, वह सही है। इस मामले में मैं खुद मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अपनी बात रखूंगा। उन्होंने कहा है कि मंत्रियों के कामकाज के तरीके से तो हमें ऐसा लगने लगा है कि जैसे हम विपक्ष के विधायक हो।
Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ हीरालाल अलावा ने कहा कि जिस तरह के अनुभव अन्य विधायकों के सामने आ रहे हैं, हमारे भी अनुभव हैं और नाराजगी भी है। हम लोगों की सरकार को बने 8 महीने हो गए हैं,हमने कई काम मंत्रियों को दिए हैं। लेकिन अभी तक हमारे काम नहीं हुए हैं।क्षेत्र की जनता ने हमें जिताया था कि हम उनके काम करें।उनकी जो तकलीफ है, हम उनकी तकलीफ लेकर मंत्रियों के पास जाते हैं, तो ना तो उनके पास पर्याप्त समय होता है और ना ही फोन पर बात करने का समय होता है। मंत्री लोग प्राथमिकता के तौर पर विधायकों के काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए विधायकों की नाराजगी जाहिर करना स्वाभाविक है। मैं तो मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखूंगा कि हमारे काम नहीं हो पा रहे हैं। हमारी ही सरकार में हमारे कार्यकर्ताओं की काम नहीं हो पा रहे हैं, तो हम तो नाराजगी जाहिर करेंगे ही।
Conclusion:उन्होंने कहा कि ज्यादातर मंत्रियों के साथ मेरे यही अनुभव रहे हैं और दिक्कत भी है। ना तो फोन पर विधायकों से बात कर रहे हैं ना ही विधायकों को समय दिया जा रहा है। एक-दो मंत्री को छोड़ दें, जैसे जयवर्धन सिंह की बात करें।अगर उनका फोन नहीं उठता है, उनका फोन वापस आ जाता है। बाकायदा बात सुनते हैं और काम भी करते हैं।लेकिन और मंत्रियों से ऐसी कोई उम्मीद नहीं है ना ही उन्होंने ऐसा कोई काम किया है कि हम उनसे अपेक्षा रखें और उनकी तारीफ करें। उनके कारण हम क्षेत्र की जनता में बुरे बन रहे हैं।आज जनता को ऐसा लगता है कि हमारे विधायक हमारी नहीं सुन रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि हमने मंत्रियों तक जनता की सारी फाइलें पहुंचायी है, सारे काम दिए। लेकिन नहीं हो पा रहे हैं, तो हम इस बात को लेकर दुखी हैं कि सरकार में रहते हुए भी हम को ऐसा लग रहा है कि जैसे हम विपक्ष के विधायक हैं।
Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ हीरालाल अलावा ने कहा कि जिस तरह के अनुभव अन्य विधायकों के सामने आ रहे हैं, हमारे भी अनुभव हैं और नाराजगी भी है। हम लोगों की सरकार को बने 8 महीने हो गए हैं,हमने कई काम मंत्रियों को दिए हैं। लेकिन अभी तक हमारे काम नहीं हुए हैं।क्षेत्र की जनता ने हमें जिताया था कि हम उनके काम करें।उनकी जो तकलीफ है, हम उनकी तकलीफ लेकर मंत्रियों के पास जाते हैं, तो ना तो उनके पास पर्याप्त समय होता है और ना ही फोन पर बात करने का समय होता है। मंत्री लोग प्राथमिकता के तौर पर विधायकों के काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए विधायकों की नाराजगी जाहिर करना स्वाभाविक है। मैं तो मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखूंगा कि हमारे काम नहीं हो पा रहे हैं। हमारी ही सरकार में हमारे कार्यकर्ताओं की काम नहीं हो पा रहे हैं, तो हम तो नाराजगी जाहिर करेंगे ही।
Conclusion:उन्होंने कहा कि ज्यादातर मंत्रियों के साथ मेरे यही अनुभव रहे हैं और दिक्कत भी है। ना तो फोन पर विधायकों से बात कर रहे हैं ना ही विधायकों को समय दिया जा रहा है। एक-दो मंत्री को छोड़ दें, जैसे जयवर्धन सिंह की बात करें।अगर उनका फोन नहीं उठता है, उनका फोन वापस आ जाता है। बाकायदा बात सुनते हैं और काम भी करते हैं।लेकिन और मंत्रियों से ऐसी कोई उम्मीद नहीं है ना ही उन्होंने ऐसा कोई काम किया है कि हम उनसे अपेक्षा रखें और उनकी तारीफ करें। उनके कारण हम क्षेत्र की जनता में बुरे बन रहे हैं।आज जनता को ऐसा लगता है कि हमारे विधायक हमारी नहीं सुन रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि हमने मंत्रियों तक जनता की सारी फाइलें पहुंचायी है, सारे काम दिए। लेकिन नहीं हो पा रहे हैं, तो हम इस बात को लेकर दुखी हैं कि सरकार में रहते हुए भी हम को ऐसा लग रहा है कि जैसे हम विपक्ष के विधायक हैं।