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प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ाने में मनमोहन सिंह का योगदान : ऊर्जा मंत्री - mp

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आज विपक्ष अपने कार्यकाल में ताप विद्युत गृह लगाने का श्रेय लेना चाह रहा है, लेकिन मैं पूछता हूं कि  इन ताप विद्युत गृहों को कोल लिंकेज कहां से मिली, इसके लिए मैं मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार को धन्यवाद देता हूं.

प्रियव्रत सिंह, ऊर्जा मंत्री
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Published : Jul 21, 2019, 11:08 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में ताप विद्युत गृह लगाने में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार का योगदान है जिन्होंने ताप विद्युत गृह के लिए कोल लिंकेज कराई और कभी कोयला की कमी नहीं आने दी, यह बात ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कही. दरअसल ताप विद्युत गृह लगाने में पूर्व की बीजेपी सरकार को श्रेय न देने का आरोप लगाते हुए विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया था.

प्रियव्रत सिंह, ऊर्जा मंत्री

दरअसल, विधानसभा में शनिवार को ऊर्जा विभाग की बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह अपना जवाब पेश कर रहे थे, जहां विपक्ष ने प्रदेश में विद्युत उत्पादन में सुधार के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार के योगदान को भूल जाने का आरोप लगाया.


वहीं विपक्ष के आरोपों पर चर्चा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आज विपक्ष अपने कार्यकाल में ताप विद्युत गृह लगाने का श्रेय लेना चाह रहा है, लेकिन मैं पूछता हूं कि इन ताप विद्युत गृहों को कोल लिंकेज कहां से मिली, इसके लिए मैं मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार को धन्यवाद देता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह लोग कांग्रेस की सरकार पर कोयला घोटाले का आरोप लगाते हैं, लेकिन मनमोहन सरकार ने 10 साल तक मध्यप्रदेश में कोयले की कमी नहीं आने दी.


ऊर्जा मंत्री पूर्व की सरकार की नीति को दोषपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने इंदिरा गृह ज्योति योजना से उन संबल हितग्राहिओं को बाहर कर दिया है, जो 100 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च कर रहे थे क्योंकि सरकार का खजाना लुटाने के लिए नहीं है, बल्कि उपेक्षित और कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए है. अब हम इंदिरा गृह ज्योति योजना को संबल से डिलिंक और नए स्वरूप में लाकर सही लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जाए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में ताप विद्युत गृह लगाने में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार का योगदान है जिन्होंने ताप विद्युत गृह के लिए कोल लिंकेज कराई और कभी कोयला की कमी नहीं आने दी, यह बात ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कही. दरअसल ताप विद्युत गृह लगाने में पूर्व की बीजेपी सरकार को श्रेय न देने का आरोप लगाते हुए विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया था.

प्रियव्रत सिंह, ऊर्जा मंत्री

दरअसल, विधानसभा में शनिवार को ऊर्जा विभाग की बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह अपना जवाब पेश कर रहे थे, जहां विपक्ष ने प्रदेश में विद्युत उत्पादन में सुधार के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार के योगदान को भूल जाने का आरोप लगाया.


वहीं विपक्ष के आरोपों पर चर्चा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आज विपक्ष अपने कार्यकाल में ताप विद्युत गृह लगाने का श्रेय लेना चाह रहा है, लेकिन मैं पूछता हूं कि इन ताप विद्युत गृहों को कोल लिंकेज कहां से मिली, इसके लिए मैं मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार को धन्यवाद देता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह लोग कांग्रेस की सरकार पर कोयला घोटाले का आरोप लगाते हैं, लेकिन मनमोहन सरकार ने 10 साल तक मध्यप्रदेश में कोयले की कमी नहीं आने दी.


ऊर्जा मंत्री पूर्व की सरकार की नीति को दोषपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने इंदिरा गृह ज्योति योजना से उन संबल हितग्राहिओं को बाहर कर दिया है, जो 100 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च कर रहे थे क्योंकि सरकार का खजाना लुटाने के लिए नहीं है, बल्कि उपेक्षित और कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए है. अब हम इंदिरा गृह ज्योति योजना को संबल से डिलिंक और नए स्वरूप में लाकर सही लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जाए.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज ऊर्जा विभाग की बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जब ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह अपना जवाब पेश कर रहे थे, तो विपक्ष ने उन पर कोई दृष्टि ना होने और मध्य प्रदेश में विद्युत उत्पादन में सुधार के लिए पुरानी बीजेपी सरकार के योगदान को भूल जाने को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।विपक्ष के आरोपों पर चर्चा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगर आज विपक्ष अपने कार्यकाल में ताप विद्युत गृह लगाने का श्रेय ले रहा है। तो सबसे बड़ा योगदान मनमोहन सिंह कि यूपीए सरकार को जाता है।जिन्होंने इन ताप विद्युत गृह के लिए कोल लिंकेज कराई और कभी कोयला की कमी नहीं होने दी।


Body:विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बताया कि संबल योजना के जो रजिस्ट्रेशन हुए हैं, वह सिर्फ आधार कार्ड और समग्र आईडी के आधार पर हुए हैं।प्रदेश में ऐसे कई संबल योजना के हितग्राही हैं, जिनके पास इंपोर्टेड गाड़ी हैं, ऐसा पूरे प्रदेश में देखने को मिलता है। भाजपा और पूंजीपति लोगों ने संबल योजना के रजिस्ट्रेशन पा लिए, जिनको अधिकार ही नहीं था। इस योजना का लाभ आर्थिक और सामाजिक स्तर पर पिछड़े कमजोर लोगों को मिलना चाहिए था। पिछली सरकार की नीति दोषपूर्ण थी. मैंने पहले भी कहा था कि इंदिरा गृह ज्योति योजना से हमने उन संबल हितग्राहिओं को बाहर कर दिया है, जो 100 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च कर रहे थे। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि सरकार का खजाना लुटाने के लिए नहीं है, बल्कि उपेक्षित और कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा देने के लिए है। हम लोग विचार कर रहे हैं कि इंदिरा गृह ज्योति योजना को संबल से डिलिंक किया जाए और नए स्वरूप में लाया जाए,ताकि इसका लाभ सही लोगों को मिल सके।

वही ऊर्जा मंत्री ने बिजली के बढ़े हुए बिल के मामले में कहा कि हमने जो योजना लागू की थी, वो असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों के लिए लागू की थी। परंतु ऐसे कई उपभोक्ता हैं, जो 100 यूनिट से कम बिजली जलाते हैं,लेकिन उनको लाभ नहीं मिल रहा है। इन सब परिस्थितियों को देखकर हम इसलिए योजना को नए स्वरूप में लाने की तैयारी कर रहे हैं।


Conclusion:वहीं विपक्ष के निर्गमन के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे भाषण का बहिष्कार किया था, लेकिन विपक्ष के साथ ही खत्म होने के पहले वापस भी आ गए। उनका आरोप है कि प्रदेश में ताप विद्युत गृह लगाकर विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने के लिए आपने हमारी सरकार का धन्यवाद नहीं किया. लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि इन ताप विद्युत ग्रहों को कोल लिंकेज कहां से मिली। इसके लिए उन्होंने मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार को धन्यवाद दिया। यह लोग कांग्रेस की सरकार पर कोयला घोटाले का आरोप लगाते हैं। लेकिन मनमोहन सरकार ने 10 साल तक मध्यप्रदेश में कोयले की कमी नहीं आने दी। मैंने विधानसभा में जो भी आंकड़े पेश किए वह सब सही थे,मैंने गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है। वहीं खराब उपकरण के उपयोग के मामले में हम जांच करा रहे हैं।
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