भोपाल। मध्यप्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने किसानों से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने का आह्वान किया है. कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिले, उनका भी कर्जमाफ नहीं हुआ है. धोखाधड़ी का शिकार हुए किसानों को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ धारा 420 और 120 के तहत प्रकरण दर्ज कराने थाने जाना चाहिए और कोर्ट में इस्तगासा दायर करना चाहिए.
पटेल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिनों में किसानों के दो लाख रूपये तक के कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन दो लाख रूपये कर्ज वाले एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है. कर्जमाफी के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों की संस्था को-ऑपरेटिव बैंक को बर्बाद कर दिया.
कमल पटेल ने बताया कि अधिकार नहीं होने के बाद भी को-ऑपरेटिव बैंक के प्रशासकों से आधा कर्ज वहन करने के प्रस्ताव मांगा लिए गए, जबकि उन्हें यह अधिकार ही नहीं था. कर्ज माफ नहीं होने से किसान डिफॉल्टर हो गए. वहीं किसानों की संस्थाएं कर्ज देने की स्थिति में नहीं बची हैं, इसलिए किसानों को कर्ज नहीं मिल पा रहा है.
कृषि मंत्री ने इस स्थिति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों से धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए आगे आने का आह्वान किया. पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ ने 48 लाख किसानों के 54 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
मुख्य सचिव ने आदेश भी जारी कर दिए, मगर कर्ज माफ नहीं हुआ. जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिले हैं, उनका भी कर्ज माफ नहीं हुआ है. यह किसानों के साथ धोखाधड़ी है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता.