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मंत्री कमल पटेल ने साधा कांग्रेस पर निशाना, खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही - director of agriculture sanjeev singh

कांग्रेस प्रदेश में यूरिया की कमी बताकर प्रदेश सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. कांग्रेस के आरोपो पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन कांग्रेस का हाल कुछ ऐसा हो चुका है जैसे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे.

Agriculture Minister Kamal Patel
कृषि मंत्री कमल पटेल
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Published : Sep 16, 2020, 3:27 PM IST

भोपाल। प्रदेश में यूरिया खाद के लगातार कालाबाजारी की शिकायत मिल रही है. जिससे विपक्ष यूरिया संकट को लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहा है. कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. अब तक यूरिया की कालाबाजारी करने वाले 30 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को यूरिया की कमी हरगिज नहीं होने दी जाएगी.

कमल पटेल का कांग्रेस पर हमला

यूरिया के बहाने कांग्रेस पर हमला

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ की नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार सत्ता में 15 महीने रही. कमलनाथ ने हर वर्ग को सपना दिखाकर उन्हें धोखा देने का काम किया. जिसके चलते कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. इसलिए अब कांग्रेस की हालत खिसियानी बल्ली की तरह हो चुकी है, जो केवल खंभा नोच रही है.

यूरिया की कालाबाजी करने पर हुई कार्रवाई

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से अब तक यूरिया की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अमानक स्तर के खाद बीज दवाई की बिक्री करने पर 137 दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं. इसी प्रकार 65 दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दस सितंबर 2020 तक 11 लाख 60 हजार यूरिया प्रदेश को प्राप्त हुआ है. जिसमें से 10 लाख 40 हजारों मीट्रिक टन यूरिया वितरित कर दिया गया है. पिछले सालों की तुलना में 85 हजार मीट्रिक टन यूरिया अधिक वितरित किया जा चुका है. प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है. कहीं पर किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए गए हैं. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसके साथ ही कृषि संचालक संजीव सिंह को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी कृषि उपसंचालक को निर्देशित किया है कि खाद, बीज और उर्वरक की गुणवत्ता को जांचने के लिए निरंतर कार्रवाई करें. प्रयोगशालाओं में उनका परीक्षण कराया जाए और जो दोषी हैं, उन्हें दंडित करने में बिल्कुल भी संकोच ना करें.

भोपाल। प्रदेश में यूरिया खाद के लगातार कालाबाजारी की शिकायत मिल रही है. जिससे विपक्ष यूरिया संकट को लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहा है. कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. अब तक यूरिया की कालाबाजारी करने वाले 30 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को यूरिया की कमी हरगिज नहीं होने दी जाएगी.

कमल पटेल का कांग्रेस पर हमला

यूरिया के बहाने कांग्रेस पर हमला

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ की नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार सत्ता में 15 महीने रही. कमलनाथ ने हर वर्ग को सपना दिखाकर उन्हें धोखा देने का काम किया. जिसके चलते कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. इसलिए अब कांग्रेस की हालत खिसियानी बल्ली की तरह हो चुकी है, जो केवल खंभा नोच रही है.

यूरिया की कालाबाजी करने पर हुई कार्रवाई

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से अब तक यूरिया की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अमानक स्तर के खाद बीज दवाई की बिक्री करने पर 137 दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं. इसी प्रकार 65 दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दस सितंबर 2020 तक 11 लाख 60 हजार यूरिया प्रदेश को प्राप्त हुआ है. जिसमें से 10 लाख 40 हजारों मीट्रिक टन यूरिया वितरित कर दिया गया है. पिछले सालों की तुलना में 85 हजार मीट्रिक टन यूरिया अधिक वितरित किया जा चुका है. प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है. कहीं पर किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए गए हैं. कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसके साथ ही कृषि संचालक संजीव सिंह को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी कृषि उपसंचालक को निर्देशित किया है कि खाद, बीज और उर्वरक की गुणवत्ता को जांचने के लिए निरंतर कार्रवाई करें. प्रयोगशालाओं में उनका परीक्षण कराया जाए और जो दोषी हैं, उन्हें दंडित करने में बिल्कुल भी संकोच ना करें.

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