भोपाल। निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने के मामले को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया है. मंत्री इंदर सिंह ने कहा कि, अब निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चल पाएगी, फिर भी स्कूलों की शिकायत आएगी, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री परमार ने कहा कि, हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूली जाएगी. अगर ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस स्कूलों द्वारा ली जाती है, तो उन स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर मंत्री ने कहा कि, कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही है और जिन गरीब बच्चों के पास लैपटॉप या मोबाइल की सुविधा नहीं है. उनके लिए दूरदर्शन पर कक्षाएं लगाई जा रही हैं. परमार ने कहा कि, कोरोना संक्रमण के कारण शैक्षणिक संस्थान 30 सितंबर तक नहीं खुल सकते. ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन ही पढ़ना होगा. भारत सरकार की गाइडलाइन है, उस हिसाब से ही हमें चलना पड़ेगा. स्कूलों को बंद रखना पड़ेगा, अगर किसी बच्चे को कुछ हो जाता है, तो उसका जवाब भी हमें ही देना है. इसीलिए हमारी ये मजबूरी है कि, शैक्षणिक संस्थान 30 सितंबर तक बंद रहें.
शिक्षकों के वेतन की समस्या पर बोले मंत्री
निजी स्कूलों में जहां शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा, वहीं कई जगहों पर 50 फीसदी वेतन पर शिक्षक काम कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों की तमाम शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और स्कूल शिक्षा विभाग में लंबित हैं. इन शिकायतों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि, इस मामले की काफी शिकायत आ रही हैं. निश्चित तौर पर ऐसी शिकायतें हैं, लेकिन ये कलेक्टर और श्रम विभाग के अंतर्गत आता है और वहां पर ये शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
घर के बाहर 'ट्रांसफर के लिए ना आएं' का लगवाया बोर्ड
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले के बाहर बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि, 'ट्रांसफर के लिए ना आएं'. इसको लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि, ट्रांसफर के लिए यह बोर्ड इसलिए लगाया गया है, क्योंकि अभी ट्रांसफर पूरी तरह से बंद हैं और आए दिन ट्रांसफर को लेकर आवेदन आते रहते हैं. इसीलिए बोर्ड लगाने की जरूरत पड़ी.
किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर बोले मंत्री
किसानों की आत्महत्या के मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि, 'जहां-जहां भी इस तरह की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. उसके अन्य दूसरे कारण हैं. विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है, क्योंकि विपक्ष के पास दूसरा कोई मुद्दा नहीं है'.