भोपाल। हनीट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के चीफ के बदलने पर सियासत तेज हो गई है. कमलनाथ सरकार का बचाव करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब पहले से ज्यादा योग्य, अनुभवी और बेदाग अफसर को एसआईटी की चीफ बनाया गया है. ये आदेश सरकार का है और सरकार पूरी सख्ती से जरूरी कदम उठा रही है.
एसआईटी गठित होने के 20 घंटे के बाद उसका चीफ बदलने पर उन्होंने कहा कि इस पर सवाल उठाना उचित नहीं है. क्योंकि पहले से योग्य अफसर के हाथ में जांच की कमान सौंपी गई है. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. उन्होंने कहा कि अगर किसी जूनियर अधिकारी को एसआईटी की कमान दी जाती तो शायद किसी को बचाने का प्रयास किया जाता.
मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि नए एसआईटी चीफ संजीव शमी का कैरियर अब तक बेदाग रहा है. उनको अच्छा अनुभव है जो इस मामले की जांच में काम आएगा. सरकार के खिलाफ बाढ़ को लेकर धरना दे रहे पूर्व सीएम शिवराज पर गोविंद सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि हनीट्रैप मामले में क्यों शिवराज धरना नहीं दे रहे, बीजेपी के लोगों ने इस तरह के कु कृत्य किए हैं, शिवराज उनके खिलाफ धरना दें और किसानों के नाम पर नौटंकी बंद करें.
दरअसल, हनीट्रैप मामले की जांच के लिए बीते सोमवार को एक एसआईटी गठित की गयी थी, 12 सदस्यी एसआईटी की चीफ 1997 बैच के आईपीएस डी श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया था. जिसके बाद अब नेताओं-अफसरों के आपत्तिजनक वीडियो बनाने वाली ब्लैकमेलर गैंग हनीट्रैप की करतूतों की जांच संजीव शमी करेंगे.