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मिलावट और जमाखोरों पर बोले स्वास्थ्य मंत्री, आरोपियों पर रासुका जैसी कार्रवाई की जाएगी - भोपाल न्यूज

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि सीएम कमलनाथ के सख्त निर्देश हैं कि मिलावट और जमाखोरों को बख्शा नहीं जाएगा, उन पर रासुका जैसी कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट
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Published : Jul 29, 2019, 10:54 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मिलावटी दूध और मावा पर लगातार हो रही छापामार कार्रवाई के बाद प्रदेश सरकार ने एक संकल्प लिया है. इस संकल्प का नाम मिलावट मुक्त मध्यप्रदेश संकल्प है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि सीएम कमलनाथ के सख्त निर्देश हैं कि मिलावट और जमाखोरों को बख्शा नहीं जाएगा, उन पर रासुका जैसी कार्रवाई की जाएगी.


मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ का सख्त निर्देश है कि मिलावट और जमाखोरों को खुलेआम घूमने नहीं दिया जाएगा. उनकी सही जगह सलाखों के पीछे है. मंत्री ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ जिला बदर हो या फिर रासुका हो सख्त कार्रवाई की जाएगी.


स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि उन्हें बेहद अफसोस है कि पहले की बीजेपी सरकार ने लापरवाही करते हुए मिलावटखोरों के सामने घुटने टेक दिए. प्रदेश के नागरिकों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया. लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार जब खाद्य संरक्षा व मानक अधिनियम मिलावट खोरी के खिलाफ लाई थी, तो प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 2012 में इसका जमकर विरोध किया था. वह मिलावटखोरों के समर्थन में खड़ी हो गई थी.

तुलसी सिलावट ने जांच के निर्देश दिए


मंत्री ने कहा कि आज यही कानून प्रदेश के नागरिकों की खाद्य संरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. प्रदेश के हर जिले में दूध और उसके उत्पाद में मिलावट करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. बता दें प्रदेश में की गई छापेमारी कार्रवाई में दूध और उसके उत्पादों में क्लोरोफॉर्म, सोडियम थायोसल्फेट, कास्टिक सोडा, पामोलिन तेल और शैंपू जैसे घातक केमिकल जब्त किए गए हैं. जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है. सीएम कमलनाथ निर्देशों के बाद एसआर मोहंती मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिला कलेक्टरों को सख्त निर्देश मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मिलावटी दूध और मावा पर लगातार हो रही छापामार कार्रवाई के बाद प्रदेश सरकार ने एक संकल्प लिया है. इस संकल्प का नाम मिलावट मुक्त मध्यप्रदेश संकल्प है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि सीएम कमलनाथ के सख्त निर्देश हैं कि मिलावट और जमाखोरों को बख्शा नहीं जाएगा, उन पर रासुका जैसी कार्रवाई की जाएगी.


मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ का सख्त निर्देश है कि मिलावट और जमाखोरों को खुलेआम घूमने नहीं दिया जाएगा. उनकी सही जगह सलाखों के पीछे है. मंत्री ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ जिला बदर हो या फिर रासुका हो सख्त कार्रवाई की जाएगी.


स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि उन्हें बेहद अफसोस है कि पहले की बीजेपी सरकार ने लापरवाही करते हुए मिलावटखोरों के सामने घुटने टेक दिए. प्रदेश के नागरिकों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया. लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार जब खाद्य संरक्षा व मानक अधिनियम मिलावट खोरी के खिलाफ लाई थी, तो प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 2012 में इसका जमकर विरोध किया था. वह मिलावटखोरों के समर्थन में खड़ी हो गई थी.

तुलसी सिलावट ने जांच के निर्देश दिए


मंत्री ने कहा कि आज यही कानून प्रदेश के नागरिकों की खाद्य संरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. प्रदेश के हर जिले में दूध और उसके उत्पाद में मिलावट करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. बता दें प्रदेश में की गई छापेमारी कार्रवाई में दूध और उसके उत्पादों में क्लोरोफॉर्म, सोडियम थायोसल्फेट, कास्टिक सोडा, पामोलिन तेल और शैंपू जैसे घातक केमिकल जब्त किए गए हैं. जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है. सीएम कमलनाथ निर्देशों के बाद एसआर मोहंती मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिला कलेक्टरों को सख्त निर्देश मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

Intro:भोपाल।कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के नागरिकों के जीवन के जीवन से जुड़े एक संवेदनशील विषय पर जनता से कदम बढ़ाते हुए मिलावट मुक्त मध्य प्रदेश का संकल्प लिया है मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस अभियान को लेकर बताया कि मध्य प्रदेश के भविष्य के साथ हम खिलवाड़ नहीं होने देंगे हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ के सख्त निर्देश है कि मिलावट और जमाखोरों को खुलेआम घूमने नहीं दिया जाए उनकी सही जगह सलाखों के पीछे है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए चाहे वह जिला बदर हो या फिर रासुका हो।


Body:स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि हमें बेहद अफसोस है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने लापरवाही करते हुए मिलावटखोरों के सामने घुटने टेक दिए तथा प्रदेश के नागरिकों की जिंदगी को दाव पर लगा दिया। तत्कालीन यूपीए सरकार जब खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम मिलावट खोरी के खिलाफ लाई थी, तो मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने 2012 में इसका जमकर विरोध किया था और मिलावटखोरों के समर्थन में खड़ी हो गई थी। आज यही कानून प्रदेश के नागरिकों की खाद्य संरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। प्रदेश के हर जिले में दूध और उसके उत्पाद में मिलावट करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

तुलसी सिलावट ने बताया कि इस बात की कल्पना मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि बीते कई सालों से मध्यप्रदेश में मिलावट खोरी का कारोबार पिछली भाजपा सरकार की सरपरस्ती में फल फूल रहा था। हाल ही में प्रदेश भर में की गई छापेमारी में दूध और उसके उत्पादों में क्लोरोफॉर्म, सोडियम थायोसल्फेट, कास्टिक सोडा, पामोलिन तेल और शैंपू जैसे घातक केमिकल से जप्त किए गए हैं, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद एसआर मोहंती मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि मिलावटखोरो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और यह अभियान निरंतर जारी रखा जाए। जल्द ही सरकार केमिकल से फल पकाने बालों के खिलाफ भी अभियान छेड़ने वाली है।


Conclusion:अपना बयान जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2016 को अपने आदेश में राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी राज्य सरकारें हाई रिस्क एरिया को चिन्हित करे और वहां के सैंपल लिए जाएं। साथ ही यह निर्देशित किया था कि टेस्टिंग लैब की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी। मगर पिछली भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। मध्यप्रदेश की एकमात्र सरकारी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला ईदगाह हिल्स भोपाल में स्थित है, जिसकी क्षमता 6 हजार परीक्षण प्रतिवर्ष है। यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि अप्रैल 2016 से दिसंबर 2018 तक क्षमता नहीं होने की वजह से 13 हजार खाद्य नमूनों का परीक्षण ही नहीं कराया गया। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है और जल्दी जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला खोलने की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से अपेक्षा की थी कि राज्य सरकारें आईपीसी के सेक्शन 272 को संशोधित कर मिलावट खोरी के खिलाफ उम्र कैद की सजा का प्रावधान करें। तब तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक शपथ पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वे मिलावट खोरों के खिलाफ आजन्म कारावास तक के दंड का प्रावधान कर रहे हैं। मगर अभी तक उस शपथ पत्र को गंभीरता से लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया, हमारी सरकार इस बारे में कदम उठाएगी।
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