भोपाल। मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटलों में अब खाने में मिलेट्स के भोजन भी मिलेंगे. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश टूरिज्म ने कर दी है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मिलेट मिशन योजना 2023 की शुरूआत इसी महीने की है. एमपी के अब तमाम पर्यटक स्थलों पर इन होटल्स में आपको श्री अन्न मतलब की मोटे अनाज से बने हुए खाद्य पदार्थ आसानी से मिल जाएंगे. ये सब कुछ आपकी रूचि के अनुसार मिलेगा.
मिलेट्स में मिलेंगे स्वादिष्ट भोजन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक उद्बोधन में मिलेट्स यानी मोटे अनाज का जिक्र करते हुए उनके उपयोग की बात कही थी. इसके शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. अगर आप मोटा अनाज या मिलेट्स से बने भोजन का सेवन करना चाहते हैं तो मध्यप्रदेश के होटलों में आपको आसानी से मिल जाएंगे. मध्य प्रदेश टूरिज्म ने इसकी शुरुआत भोपाल के पलाश होटल से की है. यहां पर बकायदा मिलेट्स से बने खाने को प्रदर्शित किया गया, जिसमें कई प्रकार की वैरायटी है. पर्यटन निगम के शेफ विनय रघुवंशी ने बताया कि "अतिथियों को कोदो, कुटकी, रागी, बाजरा, मोरधन से बने व्यंजन समेत कई तरह के स्वादिष्ट भोजना मिलेंगे."
मिलेट्स की खेती में अधिक पैदावर: मिलेट्स की खेती किसानों के लिए उपयोगी और लाभ का व्यवसाय बन सकता है. जिस प्रकार से मिलेट्स की उपयोगिता और मांग वैश्विक स्तर पर हो रही है उससे आने वाले वर्षों में इसकी खपत और मांग बढ़ेगी. गांव लुल्का विकास खंड ओबेदुल्लागंज जिला रायसेन से पधारी महिला कृषक सुनीता नंदवंशी ने बताया कि "मिलेट्स की खेती से कम लागत में अधिक पैदावार होती है. इसको बुआई के बाद एक बार ही निराई करना होता है. इसकी खेती में खाद्य पानी की आवश्यकता नहीं होती है सिर्फ बीज की जरूरत होती है. एक एकड़ भूमि में 4 किलो बीज की खपत होती और 8 से 10 क्विंटल पैदावार हो सकती है. मैं अपने गांव में पिछले 2 सालों से कोदो, कुटकी, रागी और सांवा की खेती कर रही हूं."
नियमित आहार में शामिल करें: मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के स्थापना दिवस पर होटल पलाश रेसीडेंसी में मिलेट्स रोड शो आयोजित हुआ. इस दौरान डॉ. कृपाल सिंह वर्मा सहायक निदेशक ने कहा कि "मिलेट्स का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी और स्वास्थप्रद है. यह एक औषधीय आहार है जिसे अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए. मिलेट्स में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रोटीन और विटामिन B सहित यह शरीर में जिंक, आयरन एवं केल्शियम की मात्रा की पूर्ति करता है. इसके नियमित सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है." जनजातीय विभाग के उपक्रम ट्राइफेड के रीजनल मैनेजर ए.के भगत ने कहा कि "कोदो कुटकी और अन्य मिलेट्स की मार्केटिंग और पैकेजिंग व्यवस्था कार्य योजना के अंतर्गत ट्राइफेड ट्राइब्स इंडिया के माध्यम से की जा रही है. साथ ही विभाग द्वारा आम जन में मिलेट्स की पौष्टिकता के लिए जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है."
मिलेट्स रोड शो का आयोजन: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया. इसी क्रम में 2023 में देश में सालभर मिलेट्स के प्रति जागरूकता और जानकारी कार्यक्रम के तहत मिलेट्स रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं.