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प्रोफेसर पद की भर्ती में कॉलेज टीचर्स को नहीं मिली प्राथमिकता, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन

राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर पद की भर्ती के लिए जारी विज्ञप्ति में कॉलेज के टीचर्स को प्राथमिकता नहीं मिलने पर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने विरोध जताया है. जिसको लेकर पत्र में आंदोलन की चेतावनी दी है.

Medical Teachers Association submitted a memo
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Nov 22, 2020, 10:10 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर पद की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली गई है. जिसमें ओपन फॉर ऑल का विकल्प रखा गया है. जबकि साल 2018 में निकाली गई विज्ञप्ति में सबसे पहले प्राथमिकता कॉलेज में पढ़ाने वाले टीचर्स को दी गई थी. जिसे लेकर अब मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने अपना विरोध जताया है और इस बारे में डीन को पत्र लिखा है.

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि हमारे यहां पर सारे पद जो सारे कैडर के खाली है. उसके लिए विज्ञप्ति निकाली गई है. सबसे पहले साल 2018 में सीधी भर्ती का क्लॉज आया है. साल 2018 में जब पहली बार भर्ती हुई थी, उस समय सबसे पहले जीएमसी में कार्यरत सभी चिकित्सा शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई थी, और एक अलग से विज्ञप्ति निकाली गई थी. जो सिर्फ आंतरिक कैंडिडेट के लिए थी और बाद में जब सीट खाली रह गयी तब उसे ओपन फ़ॉर ऑल किया गया. लेकिन इस बार जब विज्ञप्ति निकाली गई है, तो उसमें स्पष्ट रूप से ऐसा कोई क्लॉज नहीं लिखा गया है, कि जो चिकित्सा शिक्षक यहां पर कार्यरत हैं उनको प्राथमिकता दी जाएगी.

डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि एसोसिएशन के सदस्यों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसलिए हमने डीन अरुणा कुमार को इस बारे में पत्र लिखा है. साथ ही कमिश्नर कविंद्र कियावत को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है, कि इस विज्ञप्ति को रोक दें. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा. हालांकि इस बारे में डीन डॉक्टर अरुणा कुमार की तरफ से यह कहा गया है कि इस विज्ञप्ति को रोका जाएगा, और मेडिकल टीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग है कि विज्ञप्ति में साफ तौर पर स्पष्ट किया जाए कि प्राथमिकता किसे दी जानी है.

भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर पद की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली गई है. जिसमें ओपन फॉर ऑल का विकल्प रखा गया है. जबकि साल 2018 में निकाली गई विज्ञप्ति में सबसे पहले प्राथमिकता कॉलेज में पढ़ाने वाले टीचर्स को दी गई थी. जिसे लेकर अब मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने अपना विरोध जताया है और इस बारे में डीन को पत्र लिखा है.

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि हमारे यहां पर सारे पद जो सारे कैडर के खाली है. उसके लिए विज्ञप्ति निकाली गई है. सबसे पहले साल 2018 में सीधी भर्ती का क्लॉज आया है. साल 2018 में जब पहली बार भर्ती हुई थी, उस समय सबसे पहले जीएमसी में कार्यरत सभी चिकित्सा शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई थी, और एक अलग से विज्ञप्ति निकाली गई थी. जो सिर्फ आंतरिक कैंडिडेट के लिए थी और बाद में जब सीट खाली रह गयी तब उसे ओपन फ़ॉर ऑल किया गया. लेकिन इस बार जब विज्ञप्ति निकाली गई है, तो उसमें स्पष्ट रूप से ऐसा कोई क्लॉज नहीं लिखा गया है, कि जो चिकित्सा शिक्षक यहां पर कार्यरत हैं उनको प्राथमिकता दी जाएगी.

डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि एसोसिएशन के सदस्यों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसलिए हमने डीन अरुणा कुमार को इस बारे में पत्र लिखा है. साथ ही कमिश्नर कविंद्र कियावत को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है, कि इस विज्ञप्ति को रोक दें. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा. हालांकि इस बारे में डीन डॉक्टर अरुणा कुमार की तरफ से यह कहा गया है कि इस विज्ञप्ति को रोका जाएगा, और मेडिकल टीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग है कि विज्ञप्ति में साफ तौर पर स्पष्ट किया जाए कि प्राथमिकता किसे दी जानी है.

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