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महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ का मामला: मेडिकल छात्रों ने डीन और वार्डन से मांगा इस्तीफा - candle march

गांधी मेडिकल कॉलेज के पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार सुबह महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और लूट के बाद, जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस डॉक्टरों सुरक्षा की मांग को लेकर का आंदोलन लगातार जारी है.

मेडिकल छात्रों ने देर रात सड़क पर बैठ कर दिया धरना
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Published : Oct 7, 2019, 6:54 AM IST

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज के पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार सुबह महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और लूट के बाद जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस डॉक्टरों का आंदोलन लगातार जारी है. जूनियर डॉक्टर और पढ़ाई कर रहे सभी छात्र डीन डॉ. अरुण कुमार व छात्रावास की वार्डन डॉ प्रतिभा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

मेडिकल छात्रों ने देर रात सड़क पर बैठ कर दिया धरना

पुलिस प्रशासन और कॉलेज के अधिकारियों के साथ जूनियर डॉक्टरों की देर शाम एक बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया, जिसे देखते हुए छात्रों ने एक बार फिर देर रात सड़कों पर बैठकर धरना दिया है. साथ ही अपना विरोध जताने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला है.

जूनियर डॉक्टरों ने दी चेतावनी
जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता नहीं किया जाता है तब तक यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. हालांकि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के चलते मरीजों को भी भारी परेशानियां उठाना पड़ रही हैं. बताया जा रहा है कि रविवार को ही करीब 30 ऑपरेशन ताले पड़े हैं.

'जिम्मेदार अफसरों को तत्काल हटाया जाएगा'
स्टेट जूडा प्रेसिडेंट सचेत सक्सेना का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी मांग है कि जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. हॉस्टलों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जाए. आम लोगों को इस क्षेत्र में आवाजाही करने पर प्रतिबंधित किया जाए. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं यह आंदोलन जारी रहेगा. जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम एक ज्ञापन पुलिस के अधिकारियों को सौंप दिया है.

छात्रावास बेहद असुरक्षित है
मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां का छात्रावास बेहद असुरक्षित है. हमीदिया अस्पताल के एच ब्लॉक हॉस्टल की बहुत बुरी हालत है, यहां सड़कों पर लाइट नहीं है इसलिए अंधेरे में आना-जाना पड़ता है. सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात यहां मौजूद खिड़कियों में ग्रिल तक नहीं लगाई गई है, जिसकी वजह से हमेशा खतरा बना रहता है. कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन ठीक ढंग से रख रखाव ना होने के चलते ज्यादातर कैमरे बंद पड़े हैं.

हो चुकी है चोरी जैसी कई बारदता
पहले भी छात्रावास में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसकी शिकायत कई बार लिखित में डीन को की गई है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है. अब जब छात्रा के साथ इस तरह की घटना हुई है तो अब पानी सर के ऊपर जा चुका है, अब यह सब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. छात्रों ने कहा कि हॉस्टल खिड़कियों में लोहे की ग्रिल लगाई जाए, लाइट की अच्छी व्यवस्था की जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.

प्रदर्शनकारियों ने दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यह विरोध आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की व्यवस्था ठीक नहीं हो जाती है. हमारा सीधा सा मानना है कि अब डिन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वह हमें सुरक्षा भी नहीं दे पा रही हैं, उन्होंने कहा कि देर शाम जो बैठक की गई थी, उसमें अभी कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है. यही वजह है कि हमें मजबूरी में देर रात फिर एक बार आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है.

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज के पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार सुबह महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और लूट के बाद जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस डॉक्टरों का आंदोलन लगातार जारी है. जूनियर डॉक्टर और पढ़ाई कर रहे सभी छात्र डीन डॉ. अरुण कुमार व छात्रावास की वार्डन डॉ प्रतिभा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

मेडिकल छात्रों ने देर रात सड़क पर बैठ कर दिया धरना

पुलिस प्रशासन और कॉलेज के अधिकारियों के साथ जूनियर डॉक्टरों की देर शाम एक बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया, जिसे देखते हुए छात्रों ने एक बार फिर देर रात सड़कों पर बैठकर धरना दिया है. साथ ही अपना विरोध जताने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला है.

जूनियर डॉक्टरों ने दी चेतावनी
जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता नहीं किया जाता है तब तक यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. हालांकि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के चलते मरीजों को भी भारी परेशानियां उठाना पड़ रही हैं. बताया जा रहा है कि रविवार को ही करीब 30 ऑपरेशन ताले पड़े हैं.

'जिम्मेदार अफसरों को तत्काल हटाया जाएगा'
स्टेट जूडा प्रेसिडेंट सचेत सक्सेना का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी मांग है कि जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. हॉस्टलों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जाए. आम लोगों को इस क्षेत्र में आवाजाही करने पर प्रतिबंधित किया जाए. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं यह आंदोलन जारी रहेगा. जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम एक ज्ञापन पुलिस के अधिकारियों को सौंप दिया है.

छात्रावास बेहद असुरक्षित है
मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां का छात्रावास बेहद असुरक्षित है. हमीदिया अस्पताल के एच ब्लॉक हॉस्टल की बहुत बुरी हालत है, यहां सड़कों पर लाइट नहीं है इसलिए अंधेरे में आना-जाना पड़ता है. सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात यहां मौजूद खिड़कियों में ग्रिल तक नहीं लगाई गई है, जिसकी वजह से हमेशा खतरा बना रहता है. कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन ठीक ढंग से रख रखाव ना होने के चलते ज्यादातर कैमरे बंद पड़े हैं.

हो चुकी है चोरी जैसी कई बारदता
पहले भी छात्रावास में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसकी शिकायत कई बार लिखित में डीन को की गई है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है. अब जब छात्रा के साथ इस तरह की घटना हुई है तो अब पानी सर के ऊपर जा चुका है, अब यह सब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. छात्रों ने कहा कि हॉस्टल खिड़कियों में लोहे की ग्रिल लगाई जाए, लाइट की अच्छी व्यवस्था की जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.

प्रदर्शनकारियों ने दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यह विरोध आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की व्यवस्था ठीक नहीं हो जाती है. हमारा सीधा सा मानना है कि अब डिन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वह हमें सुरक्षा भी नहीं दे पा रही हैं, उन्होंने कहा कि देर शाम जो बैठक की गई थी, उसमें अभी कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है. यही वजह है कि हमें मजबूरी में देर रात फिर एक बार आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है.

Intro:मेडिकल छात्रों ने मांगा दीन और वार्डन से इस्तीफा , देर रात सड़क पर बैठ कर दिया धरना


भोपाल | गांधी मेडिकल कॉलेज के पीजी गर्ल्स हॉस्टल में शनिवार सुबह महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और लूट के बाद जूनियर डॉक्टर और एमबीबीएस डॉक्टरों का आंदोलन लगातार जारी है जूनियर डॉक्टर और पढ़ाई कर रहे सभी छात्र डीन डॉ अरुण कुमार व छात्रावास की वार्डन डॉ प्रतिभा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं पुलिस प्रशासन व कॉलेज के अधिकारियों के साथ जूनियर डॉक्टरों की देर शाम एक बैठक आयोजित की गई थी लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया है इसे देखते हुए छात्रों ने एक बार फिर देर रात सड़कों पर बैठकर धरना दिया है साथ ही अपना विरोध जताने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला है


Body:जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता नहीं किया जाता है तब तक यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा हालांकि जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के चलते मरीजों को भी भारी परेशानियां उठाना पड़ रही हैं बताया जा रहा है कि रविवार को ही करीब 30 ऑपरेशन ताले पड़े हैं .

स्टेट जूड़ा प्रेसिडेंट सचेत सक्सेना का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी मांग है कि जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए यहां की टीम को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए हॉस्टलों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जाए आम लोगों को इस क्षेत्र में आवाजाही करने पर प्रतिबंधित किया जाए जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं यह आंदोलन जारी रहेगा जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम मामू को लेकर एक ज्ञापन पुलिस के अधिकारियों को सौंप दिया है .


Conclusion:मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां का छात्रावास बेहद असुरक्षित है हमीदिया अस्पताल के एच ब्लॉक हॉस्टल की बहुत बुरी हालत है यहां सड़कों पर लाइट तक नहीं है अंधेरे में आना जाना पड़ता है सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यहां मौजूद खिड़कियों में ग्रिल तक नहीं लगाई गई है जिसकी वजह से हमेशा खतरा बना रहता है छात्रावास के आसपास में घना अंधेरा रहता है यदि इस अंधेरे में कोई असामाजिक तत्व खड़ा भी हुआ है तो दिखाई नहीं देगा कुछ जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन ठीक ढंग से रखरखाव ना होने के चलते ज्यादातर कैमरे बंद पड़े हैं यहां पर किसी भी प्रकार की कोई निगरानी नहीं की जाती है और जहां सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग होती है वह हमेशा रहता है .


छात्राओं का कहना है कि एच ब्लॉक गर्ल्स हॉस्टल के बगल से कमला नेहरू अस्पताल व डॉक्टर कॉलोनी जाने के लिए रास्ता है यहां से आम लोगों का आना जाना लगा रहता है हमने कई बार यहां पर बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद करने की मांग की लेकिन हर बार हमारी बातों को अनसुना कर दिया जाता है छात्राओं का कहना है कि इससे पहले भी छात्रावास में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं इसकी शिकायत कई बार लिखित में डीन को की गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है अब जब छात्रा के साथ इस तरह की घटना हुई है तो अब पानी सर के ऊपर जा चुका है अब यह सब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है हम आज आवाज नहीं उठाएंगे तो फिर कब उठाएंगे जब किसी छात्रा के साथ रेप हो जाएगा हम चाहते हैं कि हॉस्टल खिड़कियों में लोहे की ग्रिल लगाई जाए लाइट की अच्छी व्यवस्था की जाए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं साथ ही यहां पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात होने चाहिए और बाहरी लोगों को प्रवेश किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए यहां आए दिन बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है हमारा यह विरोध आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की व्यवस्था है ठीक नहीं हो जाती है हमारा सीधा सा मानना है कि अब दिन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वह हमें सुरक्षा भी नहीं दे पा रही हैं उन्होंने कहा कि देर शाम जो बैठक की गई थी उसमें अभी कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है यही वजह है कि हमें मजबूरी में देर रात फिर एक बार आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है .
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