भोपाल। कोरोना (COVID) ऐसी नई बीमारी थी, जिसने हर किसी को हिला कर रख दिया. इसका इलाज हर देश में ढूंढने लगा रहा. लेकिन भारत में डीआरडीओ के सहयोग से वैक्सीन की खोज की गई. इसके बाद से देशभर में यह जरूरत महसूस की जाने लगी कि नई बीमारियों की रोकथाम के लिए ज्यादा रिसर्च सेंटर की आवश्यकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए अब भोपाल के आईआईएसईआर (IISER) यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में रक्षा अनुसंधान (DRDO) के सहयोग से सेंटर की शुरुआत की गई है.
सेंटर की कमान भोपाल एम्स के पूर्व डायरेक्टर को : इस सेंटर का शुभारंभ डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल उपेंद्र कुमार सिंह ने किया. इस रिसर्च सेंटर की कमान भोपाल एम्स के पूर्व डायरेक्टर सरवन सिंह को दी गई है. सरवन सिंह ने बताया कि इस सेंटर के माध्यम से नई जांच किट, इंस्ट्रूमेंट से लेकर रिसर्च और इनोवेशन तक यहां पर किया जाएगा. सरवन सिंह के अनुसार सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि मेडिकल साइंस के दौरान साइंटिस्ट और डॉक्टरों के बीच जरूरत के हिसाब से रिसर्च नहीं हो पाता. ऐसे में डॉक्टर और साइंटिस्ट मिलकर यहां पर रिसर्च करेंगे.
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यह होगा रिसर्च सेंटर में : गंभीर बीमारियों के साथ ही डायग्नोस्टिक किट, बीमारियों के लिए बनने वाली वैक्सीन, मेडिसिन और मौजूदा जरूरतों के हिसाब से इंस्ट्रूमेंट तैयार किए जाएंगे. सरवन सिंह ने बताया कि 6 महीने पहले ही केंद्र से इसके लिए मंजूरी मिली थी. उसके बाद डीआरडीओ के अधिकारियों ने एक बार यहां पर दौरा भी किया था. फिलहाल अमेरिका के बाद ये सेंटर भारत में भोपाल में है. इस सेंटर के साथ ही यहां पर आगामी दिनों में 30 बिस्तरों का हॉस्पिटल भी शुरू किए जाने की योजना है. (Medical Science and Engineering Center Bhopal) (All kinds of research here)