भोपाल। यश और भाग्य का प्रतिनिधि करने वाला ग्रह मंगल दो जून को अपने दो उपग्रह डैमास व फैवोस के साथ मिथुन राशि को छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेगा. दो जून को सुबह 6.50 बजे मंगल राशि परिवर्तन करेगा और कर्क राशि में प्रवेश करेगा. ज्योतिष गणना के मुताबिक, मंगल का यह परिवर्तन अच्छे मॉनसून का संकेत देता है. इसके अलावा मॉनसून की अधिकता से फसल उत्पादन बढ़ेगा तो किसानों को भी फायदा होगा.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मंगल कर्क राशि से अपनी चौथी दृष्टि से तुला, सातवीं दृष्टि से मकर राशि स्थित शनि तथा आठवीं दृष्टि से कुंभ राशि स्थित बृहस्पति को देखगा. जो बड़े परिवर्तन की दशा तय करता है. मंगल 20 जुलाई तक कर्क राशि में रहेगा, इसके बाद वह फिर से राशि परिवर्तन करेगा और सिंह में प्रवेश करेगा.
राशि परिवर्तन का दिखेगा असर
ज्योतिषों के मुताबिक, मंगल अग्नि का प्रतीक है, जिसे उग्र ग्रह माना जाता है, जबकि कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है, जो शीतल और जलचर ग्रह है. इस तरह एक ही राशि में दो अलग प्रकृति के ग्रहों के संयोग से समाज में काफी परिवर्तन दिखेगा. मंगल के राशि परिवर्तन से सबसे ज्यादा असर प्रकृति पर पड़ेगा. मौसम में परिवर्तन देखने को मिलेगा और बारिश शुरू होगी. इसके अलावा मनुष्यों, प्राणियों पर विशेष प्रभाव रहेगा.
नई प्रणाली: मंगल ग्रह के खारे पानी से बनेगा ऑक्सीजन और ईंधन
शास्त्रों की गणना बताते हैं कि मंगल शनि के सम सप्तक योग से कट्टरपंथी राष्ट्रों के बीच विवाद की स्थिति बन सकती है. इसके अलावा प्रकृति प्रकोप भी झेलना पड़ सकता है, लेकिन भारत में इसका प्रभाव अलग रहेगा. ज्येष्ठ मास का आरंभ गुरुवार का होना तथा गुरुवार के दिन ही अमावस्या तथा पूर्णिमा का होना उत्तरोत्तर श्रेष्ठ माने जाते हैं. इस तरह भारत के लिए मंगल का राशि परिवर्तन अच्छा संकेत देगा.