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कोरोना में जारी लालफीताशाही, फाइलों के सैनिटाइजेशन के नाम पर पेंशनर्स को भटकाया जा रहा

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने पेंशन प्रकरणों के निपटारे में हो रही देरी के मुद्दे को उठाते हुए वित्त विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव से मांग की है कि ऐसी व्यवस्था लागू की जाए कि पेंशन प्रकरणों के लिए कर्मचारियों को भटकना ना पड़े.

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Published : Jun 5, 2020, 6:17 AM IST

भोपाल। कोरोना जहां करोड़ों लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार के कई विभागों के लिए लालफीताशाही का बहाना बन गया है. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने पेंशन प्रकरणों के निपटारे में हो रही देरी के मुद्दे को उठाते हुए वित्त विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव से मांग की है, कि ऐसी व्यवस्था लागू की जाए कि पेंशन प्रकरणों के लिए कर्मचारियों को भटकना ना पड़े. क्योंकि जिला पेंशन कार्यालय में जब पेंशन प्रकरण से संबंधित फाइल पहुंचती है तो तीन-चार दिन तो उस फाइल को सैनिटाइज कर एक तरफ पटक दिया जाता है, फिर उस फाइल का नंबर आता है और उसके निराकरण की प्रक्रिया शुरू होती है. इसी तरह अन्य कार्यालय में भी फाइलों को इसी नाम पर लटकाया जा रहा है. राजधानी भोपाल के करीब 500-600 कर्मचारी अपने पेंशन प्रकरण को लेकर जिला पेंशन कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं और वहां पहुंचने पर उन्हें बताया जाता है कि अभी फाइल सैनिटाइज हो रही हैं.

पेंशन प्रकरणों के लिए भटक रहे सेवानिवृत्‍त कर्मचारी

राजधानी भोपल में सेवानिवृत्‍त होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण का निराकरण जिला पेंशन कार्यालय (सतपुडा भवन दूसरी मंजिल) द्वारा किया जाता है. पिछले 6 माह में भोपाल में सेवानिवृत्‍त हुए कई अधिकारी-कर्मचारी अपने पेंशन प्रकरणों के निराकरण एवं पीपीओ प्राप्‍त करने के लिये भटक रहे हैं. पेंशन प्रकरणों की जानकारी प्राप्‍त करने के लिए प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाता है और बताया जाता है कि अभी फाइल सैनेटाइज हो रही है. जिला पेंशन कार्यालय में जो भी प्रकरण या दस्‍तावेज आते हैं. उन्‍हें सैनेटाइज कर तीन दिन अलग पटक दिया जाता है. फिर ये डाक पेंशन अधिकारी के पास जाती है. उनके द्वारा संबंधित कर्मचारी को प्रकरण अंकित किया जाता है. उसके बाद कार्रवाई प्रारम्‍भ होती है. इस प्रक्रिया में 10-15 दिन से अधिक समय लग रहा है. जिससे प्रकरणों के निराकरण में अनावश्‍यक विलम्‍ब हो रहा है और कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा ने अपर मुख्‍य सचिव वित्‍त को मेल भेजकर पेंशन प्रकरणों को शीघ्र निपटाने एवं पीपीओ जारी करने की मांग की है.

जिला पेंशन कार्यालय की विचित्र कार्यप्रणाली

मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा का कहना है कि राजधानी भोपाल में लगभग 500-600 कर्मचारी अधिकारी इस समय अपनी पेंशन के लिए परेशान हो रहे हैं. ना तो उनको ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया है और ना ही उनकी पेंशन अदायगी के आदेश जारी हो पाए हैं. इसका प्रमुख कारण है कि जिला पेंशन कार्यालय की कार्यप्रणाली ही बड़ी विचित्र है. यहां पर जब किसी भी विभाग द्वारा पेंशन प्रकरण भेजा जाता है तो वो 10-15 दिन के बाद ही संबंधित कर्मचारी के पास पहुंच पाता है. उसके पहले सारी फाइलों पर सैनिटाइजर छिड़क कर तीन-चार दिन के लिए अलग पटक दिया जाता है. यह प्रक्रिया फाइलों का सैनिटाइजेशन कहलाती है. उसके बाद संबंधित अधिकारों को फाइल दी जाती है. फिर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को मार्क करता है. इस प्रकार की व्यवस्था से अनावश्यक विलंब हो रहा है. कर्मचारी परेशान हो रहे हैं और कोई उचित जवाब देने वाला नहीं है. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने एसीएस वित्त विभााग को मेल भेजकर कर्मचारियों की परेशानी के निराकरण की मांग की है.

भोपाल। कोरोना जहां करोड़ों लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार के कई विभागों के लिए लालफीताशाही का बहाना बन गया है. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने पेंशन प्रकरणों के निपटारे में हो रही देरी के मुद्दे को उठाते हुए वित्त विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव से मांग की है, कि ऐसी व्यवस्था लागू की जाए कि पेंशन प्रकरणों के लिए कर्मचारियों को भटकना ना पड़े. क्योंकि जिला पेंशन कार्यालय में जब पेंशन प्रकरण से संबंधित फाइल पहुंचती है तो तीन-चार दिन तो उस फाइल को सैनिटाइज कर एक तरफ पटक दिया जाता है, फिर उस फाइल का नंबर आता है और उसके निराकरण की प्रक्रिया शुरू होती है. इसी तरह अन्य कार्यालय में भी फाइलों को इसी नाम पर लटकाया जा रहा है. राजधानी भोपाल के करीब 500-600 कर्मचारी अपने पेंशन प्रकरण को लेकर जिला पेंशन कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं और वहां पहुंचने पर उन्हें बताया जाता है कि अभी फाइल सैनिटाइज हो रही हैं.

पेंशन प्रकरणों के लिए भटक रहे सेवानिवृत्‍त कर्मचारी

राजधानी भोपल में सेवानिवृत्‍त होने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण का निराकरण जिला पेंशन कार्यालय (सतपुडा भवन दूसरी मंजिल) द्वारा किया जाता है. पिछले 6 माह में भोपाल में सेवानिवृत्‍त हुए कई अधिकारी-कर्मचारी अपने पेंशन प्रकरणों के निराकरण एवं पीपीओ प्राप्‍त करने के लिये भटक रहे हैं. पेंशन प्रकरणों की जानकारी प्राप्‍त करने के लिए प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाता है और बताया जाता है कि अभी फाइल सैनेटाइज हो रही है. जिला पेंशन कार्यालय में जो भी प्रकरण या दस्‍तावेज आते हैं. उन्‍हें सैनेटाइज कर तीन दिन अलग पटक दिया जाता है. फिर ये डाक पेंशन अधिकारी के पास जाती है. उनके द्वारा संबंधित कर्मचारी को प्रकरण अंकित किया जाता है. उसके बाद कार्रवाई प्रारम्‍भ होती है. इस प्रक्रिया में 10-15 दिन से अधिक समय लग रहा है. जिससे प्रकरणों के निराकरण में अनावश्‍यक विलम्‍ब हो रहा है और कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा ने अपर मुख्‍य सचिव वित्‍त को मेल भेजकर पेंशन प्रकरणों को शीघ्र निपटाने एवं पीपीओ जारी करने की मांग की है.

जिला पेंशन कार्यालय की विचित्र कार्यप्रणाली

मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा का कहना है कि राजधानी भोपाल में लगभग 500-600 कर्मचारी अधिकारी इस समय अपनी पेंशन के लिए परेशान हो रहे हैं. ना तो उनको ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया है और ना ही उनकी पेंशन अदायगी के आदेश जारी हो पाए हैं. इसका प्रमुख कारण है कि जिला पेंशन कार्यालय की कार्यप्रणाली ही बड़ी विचित्र है. यहां पर जब किसी भी विभाग द्वारा पेंशन प्रकरण भेजा जाता है तो वो 10-15 दिन के बाद ही संबंधित कर्मचारी के पास पहुंच पाता है. उसके पहले सारी फाइलों पर सैनिटाइजर छिड़क कर तीन-चार दिन के लिए अलग पटक दिया जाता है. यह प्रक्रिया फाइलों का सैनिटाइजेशन कहलाती है. उसके बाद संबंधित अधिकारों को फाइल दी जाती है. फिर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को मार्क करता है. इस प्रकार की व्यवस्था से अनावश्यक विलंब हो रहा है. कर्मचारी परेशान हो रहे हैं और कोई उचित जवाब देने वाला नहीं है. मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने एसीएस वित्त विभााग को मेल भेजकर कर्मचारियों की परेशानी के निराकरण की मांग की है.

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