ETV Bharat / state

जर्जर मकानों पर कब चलेगा बुलडोजर, ये लापरवाही बन न जाये बड़े हादसे की वजह - Municipal Corporation Commissioner

भोपाल नगर निगम में कई मकान और इमारतें जर्जर अवस्था में पड़ी हैं, जो बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं. इसके बावजूद इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.

Shabby buildings
जर्जर इमारतें
author img

By

Published : Jul 23, 2020, 10:57 AM IST

भोपाल। मानसून आने से पहले हर साल भोपाल नगर निगम जर्जर मकानों को चिह्नित करता है, फिर उन्हें बारिश शुरू होने से पहले ही जमींदोज करता है, लेकिन निगम की ये कार्रवाई सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती है. जर्जर इमारतों को गिराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, इसके बावजूद नगर निगम इन इमारतों को गिराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. कई जर्जर इमारतों को अभी तक निगम ने जर्जर तक घोषित नहीं किया है, जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर इमारतों में नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

पुराने भोपाल के इमाम गेट के आसपास कई जर्जर भवन हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं, कई मकान खुद गिर गए हैं, लेकिन अभी तक उसका मलबा भी नहीं उठाया गया है. नगर निगम कमिश्नर वीएम चौधरी का कहना है कि हम इसको लेकर काम कर रहे हैं, कई बार ये सामने आता है कि किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद होता है, जो कोर्ट में रहता है. जिसके कारण वे कार्रवाई नहीं कर पाते.

जर्जर इमारतों के आंकड़े

शहर में करीब 800 इमारतें और मकान जर्जर हो चुके हैं, जबकि नगर निगम के रिकॉर्ड में करीब 370 इमारतों को ही जर्जर घोषित किया गया है. साल 2013 में नगर निगम ने 209 इमारतों को जर्जर घोषित किया था, साल 2014 में 220, 2015 में 242 और 2016 में 244 इमारतों को जर्जर घोषित किया गया था. वहीं 2017 में सर्वे ही नहीं किया गया था, जबकि साल 2018 में 300 और 2019 में करीब 350 इमारतों को जमींदोज करने के लिए चिह्नित किया गया था. 2020 का आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आ पाया है.

नगर निगम क्षेत्र के जर्जर मकानों को जिला प्रशासन कब तोड़ेंगा, इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं है. ऐसे में कब इन जर्जर मकानों पर बुल्डोजर चलेगा, इसका कोई अता पता नहीं है, ऐसे में लगता है कि भोपाल नगर निगम किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

भोपाल। मानसून आने से पहले हर साल भोपाल नगर निगम जर्जर मकानों को चिह्नित करता है, फिर उन्हें बारिश शुरू होने से पहले ही जमींदोज करता है, लेकिन निगम की ये कार्रवाई सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती है. जर्जर इमारतों को गिराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, इसके बावजूद नगर निगम इन इमारतों को गिराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. कई जर्जर इमारतों को अभी तक निगम ने जर्जर तक घोषित नहीं किया है, जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर इमारतों में नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

पुराने भोपाल के इमाम गेट के आसपास कई जर्जर भवन हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं, कई मकान खुद गिर गए हैं, लेकिन अभी तक उसका मलबा भी नहीं उठाया गया है. नगर निगम कमिश्नर वीएम चौधरी का कहना है कि हम इसको लेकर काम कर रहे हैं, कई बार ये सामने आता है कि किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद होता है, जो कोर्ट में रहता है. जिसके कारण वे कार्रवाई नहीं कर पाते.

जर्जर इमारतों के आंकड़े

शहर में करीब 800 इमारतें और मकान जर्जर हो चुके हैं, जबकि नगर निगम के रिकॉर्ड में करीब 370 इमारतों को ही जर्जर घोषित किया गया है. साल 2013 में नगर निगम ने 209 इमारतों को जर्जर घोषित किया था, साल 2014 में 220, 2015 में 242 और 2016 में 244 इमारतों को जर्जर घोषित किया गया था. वहीं 2017 में सर्वे ही नहीं किया गया था, जबकि साल 2018 में 300 और 2019 में करीब 350 इमारतों को जमींदोज करने के लिए चिह्नित किया गया था. 2020 का आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आ पाया है.

नगर निगम क्षेत्र के जर्जर मकानों को जिला प्रशासन कब तोड़ेंगा, इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं है. ऐसे में कब इन जर्जर मकानों पर बुल्डोजर चलेगा, इसका कोई अता पता नहीं है, ऐसे में लगता है कि भोपाल नगर निगम किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.