भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं अगर सैंपल टेस्टिंग की बात की जाए तो शहर के तीन लैब्स गांधी मेडिकल कॉलेज के स्टेट वायरोलॉजी लैब, एम्स भोपाल और भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के लैब में होती है. इन तीनों लैबों में कुल मिलाकर के रोजाना करीब 400 से 450 सैंपल की जांच की जाती है. लेकिन गांधी मेडिकल कॉलेज के लैब में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट हो सके इसके लिए यहां पर मैन पावर को बढ़ाया जा रहा है.
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने बताया कि शहर के निजी मेडिकल कॉलेजों के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर्स और लैब टेक्नीशियन की ड्यूटी जीएमसी के स्टेट वायरोलॉजी लैब में लगाई गई है. इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से ज्यादा से ज्यादा सैंपल की जांच हो सकेगी, फिलहाल वायरोलॉजी लैब में रोजाना करीब 150 से 170 सैंपल की टेस्टिंग होती है. मैन पावर बढ़ जाने से रोजाना 250 से 300 सैंपल की जांच हो सकेगी.
इसके साथ ही यहां के लैब में 24 घंटे टेस्टिंग की सुविधा शुरु हो जाएगी. जीएमसी के स्टाफ को रोटेशन ड्यूटी में लगाया गया है और सरकार की तरफ से आरएनए एक्सटेंशन मशीन को लगाने के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है.
बता दें कि ईटीवी भारत ने शहर के लैब्स में कमियों की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिस दौरान जीएमसी के डीन ने यह जानकारी दी थी कि लैब में यदि मैन पावर बढ़ता है तो ज्यादा से ज्यादा सैंपल टेस्टिंग की जा सकेंगी.