भोपाल। प्रदेश में हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले शासकीय हमीदिया अस्पताल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और अब लाचार पिता मदद की गुहार लगा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक पिता लोगों से अपील कर रहा है कि उसकी बेटी कोरोना पॉजिटिव नहीं थी, उसके बाद भी उसकी बेटी को 24 घंटे कोरोना वार्ड में भर्ती कर कोरोना मरीज जैसा व्यवहार किया गया, इस बीच वो डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी. यहां तक कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनकी एक बेटी की जान भी चली गई.
नरेंद्र गहलोत नाम के इस व्यक्ति का कहना है कि उन्होंने अपनी दो बेटियों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां थोड़ी देर बाद उनकी एक बेटी को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जबकि उसके पेट में दर्द था. इस बीच वो अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि उनकी बेटी को पेट में दर्द है, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और 24 घंटे अपने तरीके से इलाज करते रहे, उसके बाद उसे निगिटिव घोषित कर दिया गया, जबकि दूसरी बेटी जो जनरल वार्ड में भर्ती थी, उसे अगले दिन मृत घोषित कर दिया गया.
पीड़ित पिता का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही से मेरी एक बेटी की जान गई और दूसरी को कोरोना के नाम पर बदनाम किया गया और अब अस्पताल का कहना है कि तुम्हारी दूसरी बेटी की स्थिति भी नाजुक है, जोकि जिंदगी और मौत से लड़ रही है. अभी भी उससे मिलने तक नहीं दिया जा रहा है, मिलने की कोशिश करते हैं तो स्टाफ अभद्रता करता है. अस्पताल में डॉक्टरों का जुल्म जारी है, लोग यहां ठीक होने की उम्मीद से आ रहे और लाश लेकर लौट रहे हैं.
नरेंद्र गहलोत का आरोप है कि समय रहते अगर मेरी बेटी का इलाज हो जाता तो आज उनकी बेटी को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती. जब डॉक्टर से बात करना चाहते हैं तो गार्ड बुलवाकर धक्के मारकर अस्पताल से भगा रहे हैं और कह रहे हैं कि हम कोरोना योद्धा हैं, मुख्यमंत्री हमारा सम्मान करते हैं.