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विदेशियों के मुंह में मिठास घोलेगी MP की हनी

मध्य प्रदेश की शहद को मलेशिया और वन विभाग के अधिकारियों ने गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर माना है, जिसके बाद अब मलेशिया ने शहद खरीदने की इच्छा जताई है. पढ़िए पूरी खबर..

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मध्य प्रदेश की हनी घोलेगी मिठास
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Published : Mar 9, 2021, 10:38 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शहद जल्द ही विदेशियों के मुंह में मिठास घोलेगी. प्रदेश की शहद को मलेशिया से आई प्रशासनिक और वन अधिकारियों के दल ने गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर माना है. इसके बाद मलेशिया ने शहद खरीदने की इच्छा जताई है. अब जल्द ही मध्य प्रदेश और मलेशिया सरकार शहद खरीदी के लिए अनुबंध करने जा रही है.

मध्य प्रदेश का लघु वनोपज करीब 6 टन शहद भेजने की तैयारी कर रहा है. हालांकि, निर्यात के लिए लघु वनोपन संघ लाइसेंस लेने जा रहा है.

मलेशिया के अधिकारी कर चुके हैं निरीक्षण
पिछले महीने सेंटर फाॅर साइंस एंड इनवायरमेंट ने देश के ज्यादातर बड़े ब्रांड की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे. वहीं विंध्य हर्बल शहद की गुणवत्ता बेहतर पाई गई है. इसका फायदा विन्ध हर्बल को मिला है. मलेशिया ने मध्य प्रदेश की विन्ध हर्बल शहद को खरीदने की इच्छा जताई है.

पिछले दिनों शहद की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं को जांचने के लिए मलेशिया के अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों ने भोपाल के बरखेड़ा और पठानी के औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान मलेशिया और वन विभाग के अधिकारियों ने शहद की गुणवत्ता को बेहतर पाया है.

मध्य प्रदेश की हनी घोलेगी मिठास
वनीय शहद की गुणवत्ता बेहतरवन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, विंध्य हर्बल जंगलों में लगने वाली शहद को समूहों द्वारा खरीदती है. इसके बाद भोपाल के प्रसंस्करण केन्द्र पर इसको फिल्टर कर पैकेजिंग की जाती है. वनीय शहद की गुणवत्ता बेहतर होती है, क्योंकि मधुमक्खी कई तरह के पेड़ों पर लगने वाले फूलों का पराग लेती है.

लघु वनोपज संघ के मैनेजिंग डायरेक्टर एसएस राजपूत के मुताबिक, आमतौर पर हर साल 10 टन शहद बेची जाती है. शहद इकट्ठा करने का सीजन फरवरी माह से मई माह में होता है. शहद की गुणवत्ता को देखते हुए मलेशिया ने ज्यादा से ज्यादा शहद खरीदने की इच्छा जताई है. हालांकि शुरुआत में बेची जाने वाली आधी शहद का ही निर्यात किया जाएगा.

शहद का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
उधर प्रदेश की हनी की डिमांड बढ़ने के साथ ही लघु वनोपज संघ शहद के संग्रहण को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री बंधन केन्द्र के तहत बालाघाट और श्योपुर में क्लस्टर बनाया जा रहा है. इसकी मदद से शहद के उत्पादन को 10 टन से बढ़ाकर 25 टन करने का लक्ष्य रखा गया है. वनोपज संघ वन उत्पाद का जियो टेगिंग भी करने की तैयारी कर रहा है. जंगल हनी के संग्रहण में 20 हजार परिवार जुड़े हैं. विभाग इन्हें ट्रेनिंग भी दे रहा है.

भोपाल। मध्य प्रदेश की शहद जल्द ही विदेशियों के मुंह में मिठास घोलेगी. प्रदेश की शहद को मलेशिया से आई प्रशासनिक और वन अधिकारियों के दल ने गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर माना है. इसके बाद मलेशिया ने शहद खरीदने की इच्छा जताई है. अब जल्द ही मध्य प्रदेश और मलेशिया सरकार शहद खरीदी के लिए अनुबंध करने जा रही है.

मध्य प्रदेश का लघु वनोपज करीब 6 टन शहद भेजने की तैयारी कर रहा है. हालांकि, निर्यात के लिए लघु वनोपन संघ लाइसेंस लेने जा रहा है.

मलेशिया के अधिकारी कर चुके हैं निरीक्षण
पिछले महीने सेंटर फाॅर साइंस एंड इनवायरमेंट ने देश के ज्यादातर बड़े ब्रांड की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे. वहीं विंध्य हर्बल शहद की गुणवत्ता बेहतर पाई गई है. इसका फायदा विन्ध हर्बल को मिला है. मलेशिया ने मध्य प्रदेश की विन्ध हर्बल शहद को खरीदने की इच्छा जताई है.

पिछले दिनों शहद की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं को जांचने के लिए मलेशिया के अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों ने भोपाल के बरखेड़ा और पठानी के औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान मलेशिया और वन विभाग के अधिकारियों ने शहद की गुणवत्ता को बेहतर पाया है.

मध्य प्रदेश की हनी घोलेगी मिठास
वनीय शहद की गुणवत्ता बेहतरवन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, विंध्य हर्बल जंगलों में लगने वाली शहद को समूहों द्वारा खरीदती है. इसके बाद भोपाल के प्रसंस्करण केन्द्र पर इसको फिल्टर कर पैकेजिंग की जाती है. वनीय शहद की गुणवत्ता बेहतर होती है, क्योंकि मधुमक्खी कई तरह के पेड़ों पर लगने वाले फूलों का पराग लेती है.

लघु वनोपज संघ के मैनेजिंग डायरेक्टर एसएस राजपूत के मुताबिक, आमतौर पर हर साल 10 टन शहद बेची जाती है. शहद इकट्ठा करने का सीजन फरवरी माह से मई माह में होता है. शहद की गुणवत्ता को देखते हुए मलेशिया ने ज्यादा से ज्यादा शहद खरीदने की इच्छा जताई है. हालांकि शुरुआत में बेची जाने वाली आधी शहद का ही निर्यात किया जाएगा.

शहद का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
उधर प्रदेश की हनी की डिमांड बढ़ने के साथ ही लघु वनोपज संघ शहद के संग्रहण को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री बंधन केन्द्र के तहत बालाघाट और श्योपुर में क्लस्टर बनाया जा रहा है. इसकी मदद से शहद के उत्पादन को 10 टन से बढ़ाकर 25 टन करने का लक्ष्य रखा गया है. वनोपज संघ वन उत्पाद का जियो टेगिंग भी करने की तैयारी कर रहा है. जंगल हनी के संग्रहण में 20 हजार परिवार जुड़े हैं. विभाग इन्हें ट्रेनिंग भी दे रहा है.

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